Timur :
तिमूर का पेड़ कई औषधीय गुणों से भरपूर
तिमूर को दातून के तौर पर खूब इस्तेमाल किया जाता है।
तिमूर के बीजों में पोटैशियम की मात्रा भरपूर्ण होती है इसलिए इन्हें खाने से बढ़ा हुआ बीपी कंट्रोल रहता है।
तिमूर की पत्तियों को स्थानीय लोगो द्वारा अनाजों में भी डाला जाता है, जिससे अनाजों में कीडे़ नही लगते है।
तिमूर के बीजो को मुँह में डालने से पिपरमिंट जैसा स्वाद आता है, जो मुँह की दुर्गन्ध को दूर करने में लाभदायक है।
इसके बीजों को मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। जो पाचन एवं पेट संबंधी बिमारियों में लाभदायक है।
तिमूर
की चटनी भी बनाई जाती है जो खाने में बेहद स्वादिष्ट लगती है।
चीन के अलावा, थाईलेंड, नेपाल, भूटान और तिब्बत में भी तिमूर का इस्तेमाल मसाले और दवा के रूप में किया जाता है. इन देशों में कई व्यंजनों को शेजवान सॉस के साथ परोसा भी जाता है.
इस पहाड़ी नीम की छाल का प्रयोग पायरिया को दूर करने के लिये किया जाता है। इसके लिये इसकी लकड़ी को दातुन कि तरह चबाते हैं।
तिमूर को दातून के तौर पर खूब इस्तेमाल किया जाता है।