Types of Millets
मिलेट एक प्रकार का अनाज है। मिलेट में दो तरह के अनाज आते हैं। एक मोटा अनाज और दूसरा छोटे दाने वाले अनाज।
Negative Grains :
इनका लगातार सेवन करते रहने से भविष्य में कई तरह की बीमारियों की सम्भावना रहती है।जैसे – गेहूं ,चावल।
अनाज को तीन श्रेणी में रखा गया है
Neutral Grains :
ये मोटा अनाज कहलाता है। इनके सेवन से शरीर में न कोई बीमारी होती है और न ही कोई बीमारी हो तो वह ठीक होती है। यह शरीर को स्वस्थ रखता है। ये अनाज ग्लूटेन मुक्त होते हैं।जैसे – बाजरा ,ज्वार ,रागी और प्रोसो।
अनाज को तीन श्रेणी में रखा गया है
Positive Grains :
पॉजिटिव ग्रेन्स के अंतर्गत छोटे अनाज आते हैं। इन्हें सिरिधान्य भी कहा जाता है। जैसे – कंगनी ,सामा ,सनवा ,कोदो और छोटी कंगनी
अनाज को तीन श्रेणी में रखा गया है
पॉजिटिव मिलेट उन अनाज को कहा जाता है जो पॉजिटिव ग्रेन्स के अंतर्गत आते हैं। इन्हें सिरिधान्य भी कहा जाता है।
पॉजिटिव मिलेट क्या है ? What is Positive Millet ?
पॉजिटिव मिलेटस फाइबर से भरपूर होते हैं। इन्हें पकाने से पहले 6 से 8 घंटे पानी में भिगोकर रखना होता है ताकि उनके फाइबर नरम हो सके।
1 –Foxtail Millet ( कंगनी ) 2 - Little Millet ( सामा , कुटकी ) 3– Barnyard Millet ( सांवा , सनवा ) 4– Kodo Millet ( कोदो ) 5– Browntop Millet ( छोटी कंगनी ,हरी कंगनी )
पॉजिटिव मिलेट के अंतर्गत पांच मिलेट आते हैं –
बाजरा या पर्ल मिलेट की खेती प्री-हिस्टोरिक समय से की जा रही है। यह दुनिया में अनाज के मामले में 6वें नंबर पर आता है। पर्ल या बाजरा प्रोटीन ,आयरन ,कैल्शियम ,फाइबर ,थाइमिन और नियासिन का बढ़िया श्रोत है।
विभिन्न प्रकार के मिलेटस / Different Types of Millets in Hindi
राजगिरा में मैंगनीज अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिसकी एक सर्विंग ही आपकी दैनिक पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा करने के लिए काफी है। यह ट्रेस मिनरल मास्तिष्क के काम में सुधार कर न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से बचाने के लिए बहुत अच्छा है।
रागी को मडुआ और नाचनी नाम से भी जाना जाता है। इसे इंग्लिश में Finger Millet कहते हैं। यह राई के दाने की तरह गोल ,गहरे भूरे रंग का ,चिकना दिखता है।आयरन से भरपूर रागी रेड ब्ल्ड सेल्स में हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए एक जरूरी ट्रेस मिनरल है।