Uttarakhand
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
घी संक्रांति उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व है। घी संक्रांति, घी त्यार ,ओलगिया या घ्यू त्यार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की सिंह संक्रांति के दिन मनाया जाता है।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
भाद्रपद (भादो) महीने की संक्रांति जिसे सिंह संक्रांति भी कहते हैं। इस दिन सूर्य “सिंह राशि” में प्रवेश करते है और इसलिए इसे सिंह संक्रांति भी कहते है।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
भगवान सूर्यदेव जिस तिथि को अपनी राशी परिवर्तन करते है। उस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। और उत्सव मनाए जाते हैं।
उत्तराखंड
में मासिक गणना के लिए सौर पंचांग का प्रयोग होता है।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
प्रत्येक संक्रांति उत्तराखंड में माह का पहला दिन होता है, और उत्तराखंड में पौराणिक रूप से और पारम्परिक रूप से प्रत्येक संक्रांति को लोक पर्व मनाया जाता है।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
इसीलिए उत्तराखंड में कहीं कही स्थानीय भाषा मे त्यौहार को सग्यान (संक्रांति ) कहते हैं।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
यह त्यौहार भी हरेले की ही तरह ऋतु आधारित त्यौहार है। हरेला जिस तरह बीज को बोने और वर्षा ऋतु के आने के प्रतीक का त्यौहार है। वहीं “घी त्यार” अंकुरित हो चुकी फसल में बालियां लग जाने पर मनाये जाने वाला त्यौहार है।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
यह खेती बाड़ी और पशु के पालन से जुड़ा हुआ लोकपर्व है और इस दिन किसान अच्छी फसलों की कामना करते हुए ख़ुशी मनाते हैं।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
फसलो में लगी बालियों को किसान अपने घर के मुख्य दरवाज़े के ऊपर या दोनों और गोबर से चिपकाते है।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
उत्तराखंड के सभी लोक पर्वो की तरह घी संक्रांति भी प्रकृति एवं स्वास्थ को समर्पित त्यौहार है। पूजा पाठ करके इस दिन अच्छी फसलों की कामना करते हैं। अच्छे स्वास्थ के लिए,घी एवं पारम्परिक पकवान खाये जाते हैं।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
पहाड़ों में यह बात मानी जाती है कि घी संक्रांति के दिन घी खाना जरूरी होता है। जो व्यक्ति घी का सेवन नहीं करता वह अगले जन्म में
गनेल (घोंघा) (Snail)
बनता है ।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
इसलिए इसी वजह से घी त्यार के दिन घी खाने के साथ घी का सेवन जरूर किया जाता है, और घी से बने पकवान बनाये जाते हैं। इस दिन सबके सिर में घी रखते हैं।
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sankranti festival . घी संक्रांति कब है
भगवान सूर्यदेव जिस तिथि को अपनी राशी परिवर्तन करते है। उस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। और उत्सव मनाए जाते हैं।
उत्तराखंड
में मासिक गणना के लिए सौर पंचांग का प्रयोग होता है।