Encryption क्या है Encryption meaning in hindi

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 Encryption meaning in hindi
Encryption meaning in hindi

Encryption– कंप्यूटर की दुनिया में का एक ऐसा तरीका,जिससे किसी जानकारी या data को secret code में बदला जा सकता है ताकि वह जानकारी गुप्त (पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल आदि) रहे और उसे कोई unauthorized व्यक्ति या कंप्यूटर समझ न पाए।यानी किसी भी प्रकार की गोपनीय जानकारीयो की सुरक्षा के लिए इसका (Encryption) उपयोग किया जाता है।

Encryption क्या है Encryption meaning in hindi और इसका क्या उपयोग है।एन्क्रिप्शन (Encryption) और डिक्रिप्शन (Decryption) क्या है - CatchHow

आज हम जानने वाले है Encryption meaning in hindi इंटरनेट के इस दौर में, जहा हर चीज़ ऑनलाइन होती जा रही है वही डेटा चोरी जैसी समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। एक आम इंसान का भी ऑनलाइन डेटा बहुत कीमती होता है। क्योकि बड़ी बड़ी कंपनियां इसी डेटा की मदत से विज्ञापन प्रसारित करती है। और इसी डेटा बेस की सहायता से कई लोगो को टारगेट करके प्रॉफिट बनाया जाता है। परंतु कई कंपनिया है जो लोगो की प्राइवेसी के साथ समझौता करती है।

आज जब इंटरनेट डाटा का इतने बड़े स्तर पर उपयोग हो रहा है, जहाँ व्हाट्सप्प, फेसबुक, इंटरनेट बैंकिंग, Money Transfer या किसी भी प्रकार की अहम् और व्यक्तिगत जानकारियों को इंटरनेट के माध्यम से शेयर किया जाता है, तो ऐसे में आपके साथ Fraud होने या आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी होने की पूरी संभावना बनी रहती है।

ऐसे में Encryption एवं Decryption यह दोनों ऐसे शब्द हैं जो अक्सर आपको सुनाई दे जाते होंगे, क्योंकि यह दोनों ही Data Security के एक अहम् हिस्से हैं।

डेटा हैक न हो उसके लिये End-to-End Encryption तकनीक का इतेमाल किया जाता है. Encryption डेटा को सुरक्षित रखने की एक बहुत ही कारगर प्रक्रिया है, जिससे आपका डेटा सुरक्षित रहता है, ओर किसी के द्वारा हैक नही किया जा सकता है। आज इस पोस्ट में हम जानेगे की Encryption कैसे काम करता कितने प्रकार का होता है और इसके क्या क्या फायदे है।लेकिन उससे पहले जानते एन्क्रिप्शन (Encryption)और डिक्रिप्शन ( Decryption)क्या होता है

एन्क्रिप्शन क्या होता है। Encryption Meaning In Hindi

एन्क्रिप्शन वह तरीका है जिसके द्वारा डाटा को एक प्रकार के Code में बदल दिया जाता है, ताकि कोई भी उस डाटा को पढ़ या समझ ना सके।Encryption के द्वारा डाटा के असल रूप में बदलाव कर दिया जाता है, यानि सामान्य से मैसेज को ना पढ़ें जा सकने वाले मैसेज में बदल दिया जाता है, जिससे डाटा की सुरक्षा बढ़ जाती है, फिर चाहे वह कंप्यूटर पर स्टोर किया हुवा डाटा हो या इंटरनेट पर भेजा जा रहा डाटा, दोनों ही स्थिति में डाटा सुरक्षित रहता है।

टेक्निकल शब्दो में एन्क्रिप्शन (Plaintext) को (Cipher Text) में बदलने की एक प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में Encryption Key का उपयोग किया जाता है, जो की Sender और Reciver दोनों के पास उपलब्ध रहती है। एन्क्रिप्शन Keyको आप एक चाभी की तरह मान सकते हैं जो Encrypted डाटा को खोलने यानि (Decrypt) करने के काम आती है।

मान लीजिये आपने अपने मित्र को इंटरनेट द्वारा कोई गुप्त मैसेज भेजना है, तो ऐसे में उस गुप्त मैसेज की सुरक्षा बनाए रखने के लिए आप उसे Key द्वारा एन्क्रिप्ट कर देंगे, और जैसे ही वह गुप्त मैसेज आपके मित्र को मिलेगा तो वह अपनी Decryption Key से उस मैसेज को डिक्रिप्ट कर देंगे और प्राप्त मैसेज को पढ़ सकेंगे।

एन्क्रिप्शन (Encryption)और डिक्रिप्शन ( Decryption) दोनों ही Cryptography के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।

डिक्रिप्शन क्या होता है। Decryption Meaning In HIndi

डिक्रिप्शन वह प्रक्रिया है जिसमे Encrypted डाटा को बदल कर या Decode कर फिर से उसके सही रूप में लाया जाता है, ताकि उसे पढ़ा या समझा जा सके। इस प्रक्रिया को Manually De-Encrypt किया जाता है, या एन्क्रिप्ट के समय उपयोग कि गई Key द्वारा डिक्रिप्ट किया जाता है।

Encryption को कूटलेखन कहा जाता है। मतलब की ऐसी लिखाई जो बहुत गूढ़ ओर गुप्त हो, जिसको समझ पाना आसान ना हो, कूटलेखन जैसे प्राचीन समय में इस्तेमाल किया जाता था वैसे ही आजके समय ऑनलाइन सिक्योरिटी के लिये encryption यूज़ किया जाता है, जिसमे ऑनलाइन डेटा को किसी अल्गोरिथम से एन्क्रिप्ट किया जाता है, मतलब की जैसे कोई लॉक लगाया हो, ओर उसे डिक्रिप्ट करने यानी ओपन करने के लिये एक Key होती है, जो रिसीवर या प्राप्त करता के ब्राउज़र, एप्पलीकेशन में होती है।

किसी भी प्रकार के डेटा को अल्गोरिथम की सहायता से, एक कोड में परिवर्तित करना एन्क्रिप्शन कहलाता है। जैसे कि आप किसी यूजर को व्हाट्सअप के माध्यम से कोई मैसेज भेजते है तो वह मैसेज व्हाट्सएप्प की अल्गोरिथम के जरिये एन्क्रिप्ट कर दिया जाता है, इस पूरी प्रक्रिया में आप एक Sender ओर जिसे मैसेज सेंड करना है वो Reciver होता है, आप जो मैसेज करेंगे उसे PlainText कहा जाता है, ओर एन्क्रिप्ट होने के बाद उसे CipherText कहा जाता है।

जैसे ही रिसीवर को मैसेज प्राप्त होता है, डिक्रिप्ट मैकेनिज्म जोकि प्राप्त करता के ब्राउज़र या एप्लीकेशन में है, उस मैसेज को एक खास Key की सहायता से डिक्रिप्ट करता है। और वह मैसेज प्राप्त करता हो दिखने लगता है, मान लीजिए यदि वह मैसेज किसी हैकर के द्वारा हैक कर लिया जाए तब भी हैकर उस मैसेज को बिना उस डिक्रिप्ट key के अनलॉक नही कर पायेगा।

  • Sender मैसेज या कोई भी डेटा भेजने वाला
  • Reciver उसे प्राप्त करने वाला
  • PlainText साधारण शब्द या कोई भी डेटा

CipherText क्या है

CipherText को CypherText भी कहा जाता है, इसका मतलब है किसी भी साधारण से दिखने वाले टेक्स्ट या डेटा को Cipher अल्गोरिथम की मदत से एन्क्रिप्ट करके एक कोड में तब्दील करना Ciphertext कहलाता है।

Decryption क्या है

डिक्रिप्ट, एन्क्रिप्शन के बाद कि एक प्रक्रिया है। इसमे किसी भी कोडेड डेटा जैसे कोई भी मैसेज या फ़ाइल जोकि एन्क्रिप्ट है उसको एक Key के माध्यम से अनलॉक करना Decryption कहलाता है। बिना Decryption के उस फ़ाइल या डेटा को ओपन करना संभव नही है। इसी लिये यह प्रक्रिया सबसे सुरक्षित मानी जाती है।

Encryption के प्रकार

Encryption एन्क्रिप्शन को दो मुख्य भागो में बांटा जाता है।Symmetric ओर Asymmetric जिसमे दोनो ही एन्क्रिप्ट करने की तकनीक है।

Symmetric — यह काफी पुरानी तकनीक है, इसमे सेन्डर के द्वारा रिसीवर को एक key भेजी जाती है उसके माध्यम से रिसीवर फ़ाइल को डिक्रिप्ट कर सकता है। हालांकि अब इसका बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है क्योकि यह बहुत स्लो ओर रिस्की तकनीक है जिसमे एक सिंगल key पर पूरा डेटा की सुरक्षा निर्भर करती है

इसे आज के समय हैक करने आसान हो गया है। इसी लिये इसका अब इतना यूज़ नही किया जाता।

Asymmetric — यह मेथड दो Key के साथ काम करता है जिसमे पहली Key Public ओर दूसरी Key Private Key होती है, पब्लिक Key को आप आसानी से शेयर कर सकते है क्योकि पब्लिक key से आपका डेटा एन्क्रिप्ट रहता है, ओर उसे अनलॉक या डिक्रिप्ट करने के लिये प्राइवेट Key की आवश्यकता होती है। इसी लिये यह सबसे कारगर तरीका है, आज के वक़्त कई ऍप्लिकेशन्स इसका यूज़ करती है।

Encryption तीन मुख्य भागो में होता है। जिसे AES, DES, RSE वैसे तो इसके कई प्रकार होते है पर हम इन तीनो के बारे में जानेगे।

DES Encryption

इसको एक स्टैंडर्ड एन्क्रिप्शन भी माना जाता है, क्योकि इसको 50 साल पहले यूज़ किया जाता था। यह अब सुरक्षित नही रहा क्योकि इसमे 56Bit डेटा एन्क्रिप्शन यूज़ किया जाता था, जिसे आजके समय में हैक करने बहुत ही आसान हो गया है।

AES Encryption

यह एक बेहद सुरक्षित एन्क्रिप्शन सिस्टम है, क्योकि इसमे तीन टाइप के डेटा ब्लॉक का यूज़ किया जाता है। इसे आम तौर पर सबके लिये मान्य कर दिया गया है, क्योकि इसे है करने बहुत मुश्किल काम है।

  • इसमे यूज़ किये जाने वाले ब्लॉकस
  • AES 128, 128bit साइज के ब्लॉक
  • AES 192, 192bit साइज के ब्लॉक
  • AES 256, 256bit साइज के ब्लॉक

इसमे ये तीन प्रकार के ब्लॉक्स यूज़ की जाते है हालांकि इसमे Symmetric एन्क्रिप्शन का उसे

RSA Encryption

यह दूसरा सबसे पॉपुलर एन्क्रिप्शन है जिसको Rivest Shamir Adleman के नाम से भी जाना जाता है, यह बहुतायत में यूज़ किया जाता है। इसमे Asymmetric एन्क्रिप्शन का यूज़ किया जाता है, एक पब्लिक Key ओर दूसरी प्राइवेट Key होती है। ऑनलाइन डेटा ट्रांसफर करने के लिये इसका यूज़ किया जाता है सेंड करने वाले नेटवर्क में पब्लिक key होती है, ओर रिसीवर के पास इसकी प्राइवेट Key होती है। इसका यूज़ Router में किया जाता है और डिजिटल सिग्नेचर के लिये भी इसका यूज़ किया जाता है

Encryption के फायदे

इसकी वजह से आपका डेटा बिल्कुल सुरक्षित है, आपके डेटा को हैक करना मुश्किल है। एन्क्रिप्शन के जरिये आप कोई लेंन देन करते है तो वह बिल्कुल सुरक्षित रहता है, सबसे बढ़िया एन्क्रिप्शन का यूज़ ऑनलाइन ट्रांसक्शन्स के लिये ही किया जाता है, आपकी पेर्सनॉल चीज़े की प्राइवेसी रहती है। जैसे फ़ोटो, फाइल्स, डेटा आदि।

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