Whole Grain Benefits in Hindi | Whole Grain Side Effects in Hindi | साबुत अनाज के फायदे और नुकसान

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Whole Grain Benefits in Hindi | Whole Grain Side Effects in Hindi | साबुत अनाज के फायदे और नुकसान
Whole Grain Benefits in Hindi

Whole Grain Benefits in Hindi| Whole Grain Side Effects in Hindi | साबुत अनाज के फायदे और नुकसान

Whole Grain : साबुत अनाज ( Whole Grain होल ग्रेन) अर्थात दाने के तीनों भागों को खाया जाता है जिसमें रेशा युक्त बाहरी सतह और पोषकता से भरपूर बीज भी शामिल है। साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों में एक बाहरी खोल, भूसी, चोकर या ब्रान (ऊपरी सतह), बीज और मुलायम एण्डोस्पर्म पाया जाता है

साबुत अनाज हमारे शरीर को अच्छी मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करता है। अध्ययन के अनुसार साबुत अनाज शरीर के लिए फायदेमंद होता है। इस वजह से डायबिटीज, हाई बीपी, हृदय रोग का खतरा कम होता है। आहार में साबुत अनाज शामिल करना उपयोगी होता है।

साबुत अनाज कई रोगों से बचाते हैं क्योंकि इसमें फाइबर की प्रचुरता होती है। परंतु नवीन खोजों से पुष्टि हुई कि साबुत अनाजों में फाइबर के अलावा कई विटामिनों के अनूठे मिश्रण, खनिज-लवण, अघुलनशील एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोस्टेरोल भी पाए जाते हैं, जो कि सब्जियों और फलों में अनुपस्थित होते हैं और शरीर को कई रोगों से बचाते हैं

साबुत अनाज के पोषक तत्व ? (Nutrients Facts of Whole Grain in Hindi)

साबुत अनाज में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होता है। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर, विटामिन बी, विटामिन ई, आयरन, कॉपर, ज़िंक, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट होता है।

साबुत अनाज के प्रकार ? (Types of Whole Grain in Hindi)

साबुत अनाज के निम्न प्रकार है। इनमे शामिल है।

  • बाजरा
  • ज्वार
  • चावल
  • कीनोआ
  • बल्गर
  • पॉपकार्न
  • ओटमील
  • राई
  • ब्राउन राईस
whole grain side effects.
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साबुत अनाज के फायदे ? (Benefits of Whole Grain in Hindi)

साबुत अनाज युक्त खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये रक्त में शर्करा के स्तर को कम करते हैं। इनमें पाए जाने वाले फाइबर अंश पेट में गैस बनने की प्रक्रिया कम करते हैं एवं पेट में स्थिरता का आभास होता है, इसलिए ये शारीरिक वजन को कम करने में सहायता करते हैं।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने में – साबुत अनाज में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में कारगर साबित होता है। यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को अवशोषण रोकते है। हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते है। कुछ शोध के अनुसार महिलाओं को आहार में साबुत अनाज को शामिल करना चाहिए। जिन महिलाओं को ह्रदय की बीमारी होती है उनको साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए।

कैंसर से बचाव करने में – कैंसर जैसे घातक रोग के जोखिम से बचाव करने में साबुत अनाज फायदेमंद होता है। कुछ वैज्ञानिको के अध्ययन के अनुसार साबुत अनाज कैंसर के जोखिम को करता है। साबुत अनाज मलाशय कैंसर को रोकता है जो महिला या पुरुष दोनों को प्रभावित कर सकता है। फाइबर कैंसर के खतरे को कम करता है। ऐसा इसलिए इसमें प्रोबायोटिक व एंटीऑक्सीडेंट होता है। यदि कैंसर अधिक गंभीर है तो चिकिस्तक से निदान व उपचार पहले करवाएं।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद – फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत करता है साथ ही चयापचय की क्रिया में सुधार करता है। फाइबर कब्ज की समस्या को रोकता है और मल को उत्तेजित करता है। साबुत अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो आंत के फायदेमंद बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद करते है। अच्छे बैक्टीरिया पाचन तंत्र के कार्य को बढ़ावा देते है। इसके अलावा शरीर की प्रतिशा प्रणाली को मजबूत करते है।

डायबिटीज को नियंत्रित करने में – डायबिटीज से पीड़ित लोगो को साबुत अनाज का सेवन फायदेमंद होता है। साबुत अनाज रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसा इसलिए साबुत अनाज में फाइबर होता है जो वजन को कम करने में मदद करता है। वजन नियंत्रित होने से डायबिटीज का जोखिम कम होता है।

स्ट्रोक से बचाव करने में – साबुत अनाज में कई तरह के पोषक तत्व और खनिज का समावेश होता है। साबुत अनाज स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। कुछ अध्ययन के अनुसार साबुत अनाज में अच्छी मात्रा में फाइबर, यौगिक, विटामिन के व एंटीऑक्सीडेंट होने पर स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।

हृदय के लिए फायदेमंद – हृदय हमारे शरीर का मुख्य अंग है जिसका स्वस्थ होना अधिक जरुरी होता है। कुछ अध्ययन के मुताबिक अनाज के सेवन से हृदय रोग का खतरा कम होता है। साबुत अनाज में अधिक वसा नहीं होता है जो हृदय के रोग का खतरा कम होता हैं।

साबुत अनाज और साबुत दालें प्रतिदिन के आहार में अवश्य सम्मिलित करने चाहिये। धुली दाल के बजाय छिलके वाली दाल को वरीयता देनी चाहिये। साबुत अनाज से बनाए गए ताजे उबले हुए चावल, इडली, उपमा, डोसा आदि रिफाइन्ड अनाज से बने पैक किए उत्पादों जैसे पस्ता, नूडल्स आदि से कहीं बेहतर होते हैं। रोटी, बन और ब्रैड से ज्यादा अच्छी होती हैं। रिफाइंड अनाज के मुकाबले साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों से कार्डियोवस्क्युलर बीमारियों एवं पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

साबुत अनाज के नुकसान ? (Side-Effects of Whole Grain in Hindi)

साबुत अनाज के फायदे के साथ कुछ दुर्लभ स्तिथि में नुकसान हो सकता है।

  • जिन लोगो ग्लूटेन एर्लजी होती है उन्हें सीलियक रोग होने का जोखिम बना रहता है। इस वजह से लोगो में लक्षण नजर आने लगते है जैसे अपच, जोड़ो में दर्द, थकान शामिल हैं। ऐसे में जौ, राई गेहूं में ग्लूटेन होता है। इसका सेवन कम करना चाहिए।
  • गेहूं जैसे अनाज में कार्बोहाइड्रेड की मात्रा अधिक होती है, इस वजह से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण उत्पन्न हो सकता है।
  • यदि फाइबर के अत्यधिक सेवन से किसी तरह की समस्या होती है, तो फाइबर का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।
Whole Grain Benefits and Side Effects
Whole Grain Benefits and Side Effects

FAQ :

Q : साबुत अनाज की रोटी बेहतर क्यों है?

Ans : साबुत अनाज प्रोटीन, फाइबर, बी विटामिन और कई अन्य पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं जो रक्तचाप को कम करने, मसूड़ों की बीमारी को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं । होल ग्रेन्स काउंसिल की रिपोर्ट है कि प्रति दिन कम से कम तीन सर्विंग्स के साथ लाभ सबसे बड़ा है, लेकिन हर साबुत अनाज मदद करता है

Q : क्या साबुत अनाज पाचन के लिए अच्छे होते हैं?

Ans : फाइबर सामग्री के कारण, साबुत अनाज मल को बल्क देकर और आपके फायदेमंद आंत बैक्टीरिया को खिलाकर स्वस्थ पाचन का समर्थन करने में मदद करते हैं।

Q : सबसे ज्यादा ताकतवर अनाज कौन सा है?

Ans : रागी को भारतीय मूल का माना जाता है और यह उच्च पोषण मान वाला मोटा अनाज होता है, जिसमें 344 मिग्रा/100ग्राम कैल्शियम होता है।

Q : साबुत अनाज कैसे खाएं?

Ans : साबुत अनाज और साबुत दालें प्रतिदिन के आहार में अवश्य सम्मिलित करने चाहिये। धुली दाल के बजाय छिलके वाली दाल को वरीयता देनी चाहिये। साबत से बनाए गए ताजे उबले हुए चावल, इडली, उपमा, डोसा आदि रिफाइन्ड अनाज से बने पैक किए उत्पादों जैसे पस्ता, नूडल्स आदि से कहीं बेहतर होते हैं। रोटी, बन और ब्रैड से ज्यादा अच्छी होती हैं।

Q : साबुत अनाज में कौन कौन से अनाज आते हैं?

Ans : ओटमील
पॉपकॉर्न
बाजरा
कीनुआ
ब्राउन राइस
राई
चावल
व्हीट बेरी

Q : साबुत अनाज में कौन सा विटामिन पाया जाता है?

Ans : साबुत अनाज सेहत से भरपूर्ण होता है। भूसी एवं बीज से विटामिन ई, विटामिन बी और अन्य तत्व जैसे जस्ता, सेलेनियम, तांबा, लौह, मैगनीज एवं मैग्नीशियम आदि प्राप्त होते हैं। इनमें रेशा भी प्रचुर मात्र में पाया जाता है। जानकारों के मुताबिक साबुत अनाज कार्बोहाइड्रेट का भंडार होता है जो सेहत के लिहाज से बहुत अच्‍छा होता है।

Q : मुझे एक दिन में कितने साबुत अनाज खाने चाहिए?

Ans : आहार संबंधी दिशानिर्देश अनुशंसा करते हैं कि अमेरिकी प्रतिदिन कम से कम 3 सर्विंग साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जो पूरे अनाज के 48 ग्राम तक जोड़ता है।

Q : प्रति दिन कितना साबुत अनाज खाना चाहिए

Ans : विशेषज्ञों ने प्रति दिन 5 से 8 औंस अनाज खाने की सलाह दी है, जिसमें से 3 से 6 औंस साबुत अनाज होना चाहिए। संदर्भ के लिए, अनाज का एक औंस रोटी के एक टुकड़े या आधा कप पके हुए पास्ता या चावल के बराबर है।

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