क्‍यों अहम है भारत के लिए बांग्‍लादेश का दौरा

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 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्‍लादेश दौरे पर
 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्‍लादेश दौरे पर

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 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्‍लादेश दौरे पर

आज बांग्लादेश अपनी आजादी की 50वीं सालगिरह मना रहा है. इस उपलक्ष्य पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसमें सबसे प्रमुख आयोजन है –‘मुजीब दिबस’ है यह मुजीब दिवस’ बांग्लादेश के निर्माता और राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान के जन्म शताब्दी समारोह के रूप में मनाया जा रहा है । बांग्लादेश ने इस सबसे खास मौके पर पूरे ढाका शहर को दुल्हन की तरह सजाया है.

साथ ही इस खास मौके पर मुख्य अतिथि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. प्रधानमंत्री को पिछले साल मार्च में ही बांग्लादेश जाना था, लेकिन कोरोना की वजह से वो दौरा टल गया । अब प्रधानमंत्री मोदी 32 घंटों (लगभग 2 दिनों) के लिए बांग्लादेश जा रहे हैं । 

भारत के लिए क्‍यों अहम है बांग्‍लादेश

प्रधानमंत्री का बांग्लादेश का दौरा खास है, क्योंकि इस वर्ष भारत और बांग्लादेश के कूटनीतिक रिश्तों की भी 50वीं सालगिरह है. यानी भारत और बांग्लादेश की दोस्ती की गोल्डन जुबली का भी साल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 500 दिन बाद विदेश दौरे पर

26 मार्च यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिनों की यात्रा पर बांग्लादेश में हैं. कोरोना काल में प्रधानमंत्री मोदी का ये 500 दिन बाद पहला विदेश दौरा होगा। आखिरी बार पीएम मोदी नवंबर 2019 में विदेश दौरे पर 13 से 15 नवंबर के बीच ब्राजील गए थे। 2020 से दुनियाभर में कोरोना महामारी फैलने लगी जिसकी वजह से पीएम मोदी बीते 16 महीने में किसी विदेश यात्रा पर नहीं गए. अब 26 मार्च यानी शुक्रवार को 500 दिनों के बाद वो पड़ोसी देश बांग्लादेश के दौरे पर जा रहे हैं.

क्या है पीएम मोदी का पूरा कार्यक्रम ?

India visit to Bangladesh – 26 मार्च को सुबह साढ़े 10 बजे पीएम मोदी ढाका एयरपोर्ट पहुंचें. 10 बजकर 50 मिनट पर पीएम मोदी राष्ट्रीय शहीद स्मारक गए. जहां बांग्लादेश की आजादी के लिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी. शाम 4 बजे ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड गए. जहां वो समारोह में शामिल होंगे. शाम को पीएम मोदी और शेख हसीना बंगबंधु-बापू म्यूजियम का उद्घाटन भी करेंगे.

India visit to Bangladesh – 27 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश के ईश्वरीपुर में जशोरेश्वरी मंदिर जाएंगे, इसके अलावा ओरकंडी में हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली जाएंगे. हरिचंद ठाकुर मतुआ समुदाय के जनक माने जाते हैं.

भारत के प्रधानमंत्री आखिरी बार 2015 में ढाका गए थे. उस वक्त दिसंबर में हुए वर्चुअल समिट में कनेक्टिविटी पर फोकस किया गया था. दोनों देशों ने उस वक्त हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेल लिंक का उद्घाटन किया था. जिससे बांग्लादेश और बंगाल कनेक्ट हुए थे.

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शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेश का फादर ऑफ द नेशन कहते हैं. ढाका की सड़कों पर हर जगह शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरें लगी हुई हैं. बांग्लादेश को आजाद कराने में शेख मुजीबुर्रहमान की बड़ी भूमिका रही है.

उन्होंने पाकिस्तान की गुलामी के खिलाफ आवाज उठाई थी. 26 मार्च 1971 को बांग्लादेश की आजादी का ऐलान शेख मुजीबुर्रहमान ने किया था. बांग्लादेश में शेख मुजीबुर्रहमान को बंगबंधु भी कहा जाता है. बांग्लादेश को आजाद कराने में भारत का भी बड़ा योगदान है.

26 मार्च 1971 के दिन बांग्लादेश को आजादी मिली थी. ये जब हुआ था, तब बांग्लादेश के फादर ऑफ नेशन शेख मुजीबुर्रहमान रहमान ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला था. 9 महीने चलने वाली जंग के बाद उस वक्त का पूर्वी पाकिस्तान एक आजाद देश बांग्लादेश बना. इसमें भारत की एक बड़ी भूमिका थी. इस बंटवारे के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों की नींव मजबूत हो गई.

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पिछले दिनों भारत ने शेख मुजीबुर्हमान को 2020 का गांधी शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया है. गांधी शांति पुरस्कार के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया था कि ‘बंगबंधु मानव अधिकारों और स्वतंत्रता के अग्रणी प्रणेता थे. वो भारतीयों के लिए भी एक नायक थे. बंगबंधु द्वारा दिखाई गई राह ने पिछले एक दशक में भारत और बांग्लादेश की साझेदारी, प्रगति और समृद्धि की मजबूत नींव रखी है.’
साल 1971 से ही भारत और बांग्लादेश की दोस्ती की शुरुआत हुई. 50 साल बाद बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं और दोनों देशों की दोस्ती और संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुए हैं.

भारत-बांग्लादेश की दोस्ती की एक नई मिसाल तब देखने को मिली थी. जब इसी साल गणतंत्र दिवस परेड में बांग्लादेश की सशस्त्र बलों की टुकड़ी शामिल हुई थी.

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बदलती दुनिया में भारत और बांग्लादेश के रिश्ते एक मिसाल के तौर पर हैं, कनेक्टिविटी की बात करें या वैक्सीन की पीएम मोदी के इस दौरे कई अहम बातों पर नजर रहेगी. कहीं न कहीं पश्चिम बंगाल के चुनावों पर भी इस दौरे का खासा प्रभाव देखने को मिलेगा. मतुआ समुदाय पर क्या इस दौरे का खासा प्रभाव देखने को मिलेगा ये तो आने वाले 2 मई को ही पता चल पाएगा. चुनावी माहौल में पीएम मोदी का ये दौरा निर्णायक साबित हो सकता है.

दिल्ली से बांग्लादेश की राजधानी ढाका 1424 किलोमीटर दूर है. पश्चिम बंगाल और असम की सीमाएं बांग्लादेश से ही सटी है. दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. इस लिहाज से भी पीएम मोदी का दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

न्यूज़ सोर्स : zeenews

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