Martyrs Day 2021 : जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें कारण

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Martyrs Day 2021 : जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है,  जानें कारण
Martyrs Day 2021 : जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें कारण
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Martyrs Day 2021 : 30 जनवरी का शहीद दिवस 23 मार्च के शहीद दिवस से अलग क्यो अलग है ? कारण जानें – Martyrs Day 2021: Why is Martyr’s Day of 30 January different from Martyr’s Day of 23 March? Know the reason ?

Martyrs Day 2021 : 30 जनवरी 1948 को ही महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारतीय इतिहास में 30 जनवरी के दिन को एक बहुत ही दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है।यही कारण है कि देश में 30 जनवरी यानि महात्मा गांधी की पुण्य तिथि को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है।

इस दिन महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कई सभाएं आयोजित की जाती है। साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के कई गणमान्य नागरिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए भी जाते हैं।

Martyr’s Day 2021: भारत सहित दुनिया के 15 देश अपने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने के लिए शहीद दिवस मनाते हैं. और भारत में शहीद दिवस (Martyrs Day or Shaheed Diwas 2021) हर साल 30 जनवरी और 23 मार्च को भारत की स्वतंत्रता, गौरव, कल्याण और प्रगति के लिए लड़ने वाले पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है.

30 जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है ? कारण जानें -Why is Martyr’s Day celebrated on 30 January? Know the reason ?

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध हस्ती महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या 30 जनवरी, 1948 को शाम की प्रार्थना के दौरान बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) द्वारा की गई थी. नाथूराम गोडसे से गांधीजी की हत्या करने से पहले उनके पैर भी छुए थे उस समय वह 78 वर्ष के थे. नाथूराम गोडसे भारत के विभाजन को लेकर गांधीजी के विचार से सहमत नहीं था।

इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. वह भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और एक अहिंसक राष्ट्र के रूप में बनाए रखने के प्रबल समर्थक थे, जिसके कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

23 मार्च को भी शहीद दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है, क्योंकि उस दिन भगत सिंह (Bhagat Singh,Rajguru and Sukhdev) राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.

शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है – How is Martyr’s Day celebrated ?

शहीद दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी की समाधि, राजघाट पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री एक साथ आते हैं. सभी गणमान्य व्यक्ति महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके बहादुर योगदान को याद करते हैं.

देश के सशस्त्र बल के जवान और अंतर-सेवा आकस्मिक शहीदों को सम्मानजनक सलामी देते हैं. जगह पर एकत्रित लोग बापू और देश के अन्य शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखते हैं.

अक्सर लोगों के मन में ये विचार आ रहा है कि आखिर 23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है और वह 30 जनवरी से आखिर कैसे अलग हैं। तो आपको बताती हु कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, वहीं 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है।

सरकार ने की शहीद दिवस मनाने की तैयारी – Government prepares to celebrate Martyr’s Day

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 30 जनवरी को सुबह 11 बजे दो मिनट का मौन रखने का निर्देश दिया है। यह मौन देश के लिए जान न्योछावर करने वाले उन वीर सपूतों के लिए भी होगा, जिन्होंने देश की आजादी के संघर्ष में अपनी जान दे दी थी।

गृह मंत्रालय के मुताबिक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि शहीद दिवस को पूरी गंभीरता के साथ मनाया जाए। साथ ही गांधीजी के मूल्यों को भी याद किया जाएगा।

शहीद दिवस के नारे – Martyr’s Day slogan

  • शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मरने वालों का बाकी यही निशां होगा। देश के शहीदो को नमन ।
  • खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देश के शहीदो को नमन।
  • मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है, देश की रक्षा का संकल्प लिए जो जवान सरहद पर खड़ा है।
  • अपनी आज़ादी को हम हरगिज भुला सकते नहीं, सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं। देश के शहीदो को नमन।
  • सैकड़ो परिंदे आसमान पर आज नज़र आने लगे, शहीदो ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की। देश के शहीदो को नमन।
  • वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है, मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं। देश के शहीदो को नमन।

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