HIV/AIDS: विश्व एड्स दिवस

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world aids day 1 December
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विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 1 दिसम्बर को मनाया जाता है जिसका उदेश्य लोगो को इस घातक बीमारी के प्रति जागरूक करना है एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम है और यह एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी) नामक वायरस के कारण फैलता है और यह बीमारी कुछ असावधानियों के कारण जैसे (असुरक्षित यौन सम्बन्ध, संक्रमित मां से उसके बच्चे में, अनचाही रक्त के संक्रमण से या पहले से ही वायरस के संपर्क में आने वाली सुइयों के उपयोग के कारण हो सकता है
सर्वप्रथम एड्स की बीमारी से लड़ने और लोगो को एड्स के प्रति जागरूक करने की पहल सयुक्त राज्य अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति (बिल क्लिंटन) ने 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस घोषित किया

एड्स मानव जाति के इतिहास में सबसे घातक रोगो में से एक है, WHO की साल 2018  रिपोर्ट के अनुसार लगभग 37.9 मिलियन एड्स के मरीज है ऐसी सम्भावना है की यह आकड़ा और भी अधिक हो सकता है एड्स 2005 में चरम सीमा पर पहुंचा था परन्तु तब से अब तक इस रोग से ग्रसित लोगो की संख्या में कमी आयी है जानकारों का मानना है की 2017 तक दुनिया भर में लगभग 28.9 मिलियन से 41.5 मिलियन लोगों की मौत एड्स के कारण हुयी है। इस बीमारी की रोकथाम का एक ही उपाय है लोगो तक इसकी जानकारी पहुंचना। एड्स का अन्तर्राष्ट्रीय प्रतीक लाल रिबन है।

एचआईवी वायरस तीन तरीकों से संक्रमित हो सकता है:

रक्त – एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का रक्त किसी दूसरे व्यक्ति को चढाने से किन्तु आज ऐसा होना असंभव है क्योकि यह पहले सुनिश्चित कर लिया जाता है की रक्त HIV संक्रमित नहीं हो। यह सुइयों को साझा करने के माध्यम से भी संक्रमित होता है यदि ये सुई किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा साझा की जाती है जो HIV पॉजिटिव है, तो वायरस उस व्यक्ति को स्थानांतरित हो जाता जिसके साथ वे साझा कर रहे हैं।

विरासत – एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला से उसके शिशु को यह हो सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान या बच्चे के जन्म के दौरान या बाद में, स्तनपान के दौरान हो सकता है।

यौन संचरण – एचआईवी शारीरिक सम्बन्ध के दौरान भी हो सकता है

एचआईवी संक्रमण के लक्षण

एचआईवी में हमेशा आसानी से पहचाने जाने योग्य लक्षण नहीं होते हैं। हालाँकि कुछ लक्षण यह दिखा सकते हैं कि यह शरीर में कितनी मात्रा में संक्रमण बढ़ा है।

प्रारंभिक लक्षण

  • व्यक्ति का वजन बिना कारण महीने में दस किलो तक कम हो जाना ।
  • एक-दो महीने तक लगातार शरीर में बुखार का रहना, थकान होना व पसीना आना ।
  • एक महीने से अधिक समय तक दस्त होना और दवाइयों से आराम न होना ।
  • गर्दन, बगल व जीवों की ग्रंथियों में सूजन आना ।
  • मुँह तथा जीभ पर सफेद छाले पड़ना ।
  • शरीर में खुजली या दाने होना ।
  • लम्बे समय तक लगातार दवाई लेने पर भी किसी बीमारी का ठीक न होना ।

हालांकि, ये लक्षण तब भी दिखाई देते हैं जब शरीर अन्य वायरल संक्रमणों से लड़ रहा होता है। प्रारंभिक अवस्था के लक्षण दिखने के बाद, एचआईवी पॉजिटिव लोग महीनों या वर्षों तक अन्य लक्षण नहीं देख सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस निष्क्रिय है। यह वह समय है जब वायरस सीडी 4 कोशिकाओं पर हमला कर, प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने में व्यस्त होता है। उचित दवा के बिना, यह प्रक्रिया आगे बढ़ती रहती है, 

रोकथाम के तरीके

  • दवा लेते समय यह सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली सुई कीटाणुरहित हो और उन्हें किसी और के साथ साझा नहीं किया गया है। 
  • गर्भवती महिलाये डॉक्टर से संपर्क करे और समय समय पर जांच करवाए अगर गर्भवती महिला HIV पॉज़िटिव है तब भी दवाओं और विशेष देखभाल से शिशु को HIV से बचाया जा सकता है।
  • असुरक्षित यौन संबंध से बचे, अपने जीवन साथी के प्रति ईमानदार रहे। आपके द्वारा यौन संबंध अधिक लोगों से रखने के वजह से एचआईवी के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है। कंडोम का प्रयोग करना जरूरी है।
  • प्री-एक्सपोजर प्रोफिलेक्सिस के बारे में किसी डॉक्टर से बात करें। इससे शुरुआती चरणों में एचआईवी संक्रमण का संभावना कम हो जाता है। इसे एचआईवी के संपर्क में आने के तीन दिनों के भीतर लिया जाना चाहिए।

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