World Rose Day :मेलिंडा रोज कौन थी उनकी याद में क्यों मनाया जाता है World Rose Day



World Rose Day 2021: यह दिन कैंसर रोगियों को याद दिलाता है कि वे इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं और लाखों लोगों के आशीर्वाद से सुरक्षित हैं। कैंसर एक दर्दनाक बीमारी है जो रोगी को बेहद कमजोर बना देती है। इसलिए वर्ल्ड रोज डे उन्हें इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य कैंसर से लड़ने वाले लोगों को जीने की प्रेरणा देना और उनके जीवन में खुशियां लाना है. ये दिन कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए है.
World Rose Day : कैंसर से जूझ रहे लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करने और उनका दुख बांटने के लिए हर साल 22 सितंबर को दुनियाभर में विश्व गुलाब दिवस (World Rose day) मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना भी है। कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी है जो व्यक्ति को शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी तोड़ देती है तो ऐसे लोगों को अकेला न छोड़े बल्कि उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं और खुश रखने का प्रयास करें।
World Rose Day 2021: रोज डे के नाम से शायद एक ही दिन जेहन में आता है. जब एक दूसरे को फूल देकर मोहब्बत का इजहार किया जाता है. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि रोज डे फरवरी में ही नहीं सितंबर में भी आता है. 22 सितंबर को रोज डे के रूप में मनाया जाता है. एक ऐसा दिन जो कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए नई उम्मीद और नई प्रेरणा लेकर आता है. ये दिन कैंसर पीड़ितों से मानवीय व्यवहार करने और उनका दुख बांटने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज मनाया जाता है. यह एक ऐसा दिन है जो कैंसर से लड़ने वाले लोगों में आशा और उत्साह फैलाने के लिए समर्पित है.



गुलाब दिवस का महत्व – World Rose Day
वर्ल्ड रोज डे के दिन कैंसर पीड़ितों को और उनके देखभाल करने वालों को गुलाब का फूल देकर यह संदेश दिया जाता है कि जिंदगी अभी खत्म नहीं हुई है. गुलाब का फूल देकर लोग ये जताते हैं कि कैंसर के खिलाफ इस लड़ाई में वह अकेले नहीं हैं. दुर्भाग्य से मेडिकल और विज्ञान के क्षेत्र में अभी तक कैंसर के लिए एक पूर्ण इलाज नहीं मिल पाया है. इसलिए ये और भी ज्यादा अहम हो जाता है कि हम कैंसर रोगियों की मदद करें.
विश्व गुलाब दिवस का इतिहास – World Rose Day history
ये दिन एक 12 साल की नन्हीं बच्ची मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है. कनाडा में रहने वाली ये बहादुर बच्ची Askin’s Tumor नाम के जानलेवा ब्लड कैंसर की शिकार थी. गंभीर किस्म का कैंसर है। संभावित इलाज के बाद स्थिति को देखते हुए डॉक्टर्स ने मेलिंडा रोज जिंदगी बस एक हफ्ते की बताई थी लेकिन इस घातक मर्ज के साथ मेलिंडा रोज 6 महीने तक जिंदा रहीं। ये ब्लड कैंसर का एक दुर्लभ रूप था, जिसे एस्किंस ट्यूमर का नाम दिया गया. .कैंसर से लड़ने की उम्मीद के साथ उन्होंने ये 6 महीने कैंसर से जूझ रहे मरीजों के साथ ही बिताए।
नोट्स, कविताएं और ई-मेल के जरिए उन लोगों को खुश रखने के प्रयास किए। बहुत सारे लोगों को उन्होंने अपने इस जज्बे से प्रभावित किया।
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इस दिन कैंसर मरीजों और उनकी देखरेख करने वालों को गुलाब का फूल दिया जाता है जिसके जरिए यह संदेश भी दिया जाता है कि जिंदगी अभी खत्म नहीं हुई है और भले ही इस बीमारी से वो अकेले लड़ रहे हैं लेकिन मानसिक तौर पर उनके साथ हम भी खड़े हैं। गुलाब का फूल खुशी का प्रतीक होता है इसलिए इस फूल को दिया जाता है। आज हमारे बीच ऐसे कई लोग हैं जो कैंसर के दर्दनाक ट्रीटमेंट्स झेलने के बाद भी हमारे बीच हंसते-खेलते हैं तो उनके इस जज्बे को सलाम है। तो अगर आपके पास भी ऐसे मरीज हैं तो जिस तरह से संभव हो सके उनका सहयोग करें
कैंसर रोगियों को है समर्पित
यह दिन कई कैंसर रोगियों को समर्पित है जिन्होंने इस बीमारी से बहादुरी से लड़ाई लड़ी। वर्ल्ड रोज डे उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताकर उनके कार्यों को कुछ वापस देने और उनके जीवन में खुशी लाने का एक प्रतीक है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू है। अन्य कारणों में मोटापा, खराब आहार, कम शारीरिक गतिविधि या शराब का उपयोग शामिल हैं।