प्लास्टिक बैन क्यों नहीं हुआ
2 अक्टूबर 2019 से सरकार ने प्लास्टिक बैन को लागू किया था पर वास्तविक्ता कुछ और है यह सिर्फ एक दिखावा मात्र था, सरकार किसी भी पार्टी की हो नियम कुछ ही दिन लागू होते है फिर सब कुछ पहले की तरह हो जाता है अब भी मार्केट में सिंगल यूज़ प्लास्टिक धडले से मिल रहा है आप कोई भी सब्जी या सामान लेने मार्किट जाये तो वह आपको प्लास्टिक में ही मिलेगा, इसकी विफलता का एक कारण सरकार के द्वारा इसे मॉनिटर नहीं किया जाना है अगर सरकार कठोरता से इस नियम लागू करती की जो भी व्यक्ति प्लास्टिक के बैग में सामान खरीदते या बेचते पाया जायेगा उसको फाइन देना होगा, हमारे देश में फाइन के डर से ही लोग हेलमेट पहनते है तो क्या प्लास्टिक के सप्लाय को नहीं रोका जा सकता है, अगर भारत सरकार काले धन पर रोक के लिए नोट बंदी जैसा कठोर निर्णय ले सकती है तो ठीक उसी प्रकार प्लास्टिक के बैन पर भी सरकार को कठोर नियम लागू करने होंगे, सरकार के द्वारा प्लास्टिक बैग बनाने वाली कंपनी को भी कठोरता के साथ बंद करना होगा और सरकार को दूसरे विकल्प तलाशने होंगे,
कई तरह के सामान प्लास्टिक में पैक हो कर आते है और उसके बाद वह प्लास्टिक फेक दी जाती है उदहारण के लिए टॉफी के कागज़, चॉकलेट के पैकिंग, मैग्गी के पैकिट आदि ये सभी सिंगल यूज़ प्लास्टिक है इनका दुबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है
क्यों नहीं हुआ प्लास्टिक बैन ?
सरकार ने देश में मंदी के चलते भी प्लास्टिक बैन को पूरी तरह से लागु नहीं किया है और इसे बंद करना आसान नहीं है सरकार सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बंद करती है तो कई लोग बेरोजगार हो जाएगे इस समय देश मंदी की मार पहले ही झेल रहा है अगर सिंगल यूज़ प्लास्टिक कम्पनिया बैन की जाती है तो हालत और ख़राब हो सकते है किन्तु इसके उपयोग में कमी आयी है जो की एक अच्छा संकेत है.
एक रिपोटं के अनुसार प्लास्टिक बोतल इंडस्ट्री मार्केट 7.5 लाख करोड़ का है और इसमें 7 करोड़ लोग direct या indirect इससे जुड़े है अगर प्लास्टिक बैन हुआ तो इतने लोगो के बेरोजगार होने का खतरा है और प्लास्टिक का दूसरा सस्ता विकल्प भी नहीं है
आम नागरिको ने भी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लिया अगर हम खुद भी सामान लेते समय अपने साथ मे एक थैला ले कर जाये तो सायद कुछ प्लास्टिक की मात्रा कम हो सकती है, सामान लेते समय दुकानदार आपको प्लास्टिक का थैला दे तो आप मना कर दीजिये और अगर आप एक दूकानदार है तो लोगो को अपने साथ में घर से थैला लाने को कहे
देश में कई प्लास्टिक रिसायकिल सेंटर है पर हर कोई वहां तक नहीं जा सकता है किन्तु आप अपने घर के कूड़े को अलग कर गीले कूड़े जैविक कूड़ेदान में और सूखे कूड़े को सूखे कूड़ेदान में ही डाल कर इसे रिसायकिल सेंटर तक पंहुचा सकते है
हम आम नागरिको को भी भविष्य को देखते हुए प्लास्टिक के यूज़ की जगह पर दूसरे विकल्पों का उपयोग करना चाहिए क्यों की प्लास्टिक आज की पीढ़ी को इतना नुकसान पंहुचा रहा है तो आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत बड़ा खतरा बन जायेगा
प्लास्टिक को मिटाना आसान नहीं है पर मुश्किल भी नहीं है जरुरत है एक कोशिस की जो हम सब को मिल कर करनी है.