Akshaya Tritiya 2024 Date | akkha teej 2024 Date | akshaya tritiya special tips in hindi | अक्षय तृतीया कब है | अक्षय तृतीया पूजा का मुहूर्त

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Akshaya Tritiya 2024 Date
Akshaya Tritiya 2024 Date

Akshaya Tritiya 2024 Date | akkha teej 2024 Date | अक्षय तृतीया कब है | अक्षय तृतीया पूजा का मुहूर्त आखिर क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया, क्यों इस दिन शुरू किए हर काम का मिलता है शुभ फल

Akshaya Tritiya 2024 Date: भारतीय त्योहारों में अक्षय तृतीया का खास महत्व है. इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है.प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह दिन एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन को मुख्य रूप में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए विशेष लाभकारी माना गया है।

इस साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई को मनाया जाएगा.अक्षय तृतीया अपने आप में स्वयंसिद्ध मुहूर्त है, क्योंकि इस दिन पर कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे किया जा सकता है. साथ ही इस दिन पर सोने-चांदी के साथ-साथ नई चीजों की खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती हैं .

अक्षय तृतीया का पर्व मुख्य रूप से सौभाग्य के लिए जाना जाता है. इस दिन का महत्व सुंदर और सफलतम वैवाहिक जीवन के लिए सबसे अधिक माना जाता है.

आइए ऐसे में जानते हैं कि आखिर क्यों अक्षय तृतीया को मनाया जाता है और इस तिथि में ऐसा क्या है कि इस दिन किए गए हर काम का आपको शुभ फल मिलता है.

अक्षय तृतीया मुहूर्त (Akshay Tritiya Shubh Muhurat)

अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – प्रातः 05 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई, 2024 को प्रातः 04 बजकर 17 मिनट पर हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 11 मई को रात्रि 02 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में अक्षय तृतीया का पर्व 10 मई, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा –

अक्षय तृतीया पर हुए हैं ये शुभ काम

  • आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था.
  • मां अन्नपूर्णा के जन्म की भी मान्यता है.
  • मां गंगा का अवतरण हुआ था.
  • द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज के ही दिन बचाया था.
  • कुबेर को आज के दिन खजाना मिला था.
  • सतयुग और त्रेतायुग का प्रारब्ध आज के दिन हुआ था.
  • कृष्ण और सुदामा का मिलन भी अक्षय तृतीया पर हुआ था.
  • ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण.
  • प्रसिद्ध तीर्थ बद्री नारायण का कपाट आज के दिन खोले जाते हैं.
  • वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं अन्यथा सालभर चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं.
  • महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था.
Akshay Tritiya Shubh Muhurat
Akshay Tritiya Shubh Muhurat

क्यों शुभ है अक्षय तृतीया का त्योहार

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं हो. माना जाता है कि इस दिन जो भी पुण्य अर्जित किए जाते हैं उनका कभी क्षय नहीं होता है. यही वजह है कि ज्यादातर शुभ कार्यों का आरंभ इसी दिन होता है.

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन हर तरह के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं और उनका शुभदायक फल होता है. वैसे तो हर माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया शुभ होती है लेकिन वैशाख माह की तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त मानी गई है. इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ व मांगलिक कार्य किए जाते हैं.

इस दिन आरंभ किए गए कार्य भी शुभ फल प्रदान करते हैं. अक्षय तृतीया पर्व अपने आप में अनुभुजा (अनपूछा) मुहूर्त है. इस साल शनिवार को आने व मेष राशि मे चतुरग्रही महासंयोग, साथी वृषभ राशि में स्वग्रही शुक्र उच्च का चंद्रमा स्वग्रही कुंभ राशि में शनि देव होने की वजह से यह अत्यंत मंगलकारी हो गया है.

अक्षय तृतीया के दिन इन कामों का है महत्व

अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी जैसे शुभकार्य किए जाते हैं. इस दिन पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान अथवा अपने सामर्थ्य के अनुरूप किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है.

अक्षय तृतीया के दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या दान करने का महत्व है. इस दिन जितना भी दान करते हैं उसका चार गुना फल प्राप्त होता है. इस दिन किए गए कार्य का पुण्य कभी क्षय नहीं होता. यही वजह है कि इस दिन पुण्य प्राप्त करने का महत्व है.

इस दिन लोग श्रद्धा से गंगा स्नान भी करते हैं और भगवद् पूजन करते हैं ताकि जीवन के कष्टों से मुक्ति पा सकें. कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अपने अपराधों की क्षमा मांगने पर भगवान क्षमा करते हैं और अपनली कृपा से निहाल करते हैं. अत: इस दिन अपने भीतर के दुर्गुणों को भगवान के चरणों में अर्पित करके अपने सद्गुणों को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए.

नाराज हो सकती हैं मां लक्ष्मी

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू में मां लक्ष्मी का वास माना गया है। वहीं, शाम के बाद घर में झाड़ू लगाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी शाम के बाद झाड़ू न लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

किन कार्यों से बचना चाहिए

अक्षय तृतीया, मां लक्ष्मी के लिए समर्पित माना जाता है। वहीं यह माना गया है कि मां लक्ष्मी को स्वच्छता अति प्रिय है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भूलकर भी घर में गंदगी या कूड़ा आदि नहीं फैलाना चाहिए। वरना लक्ष्मी जी आपकी चौखट से वापस लौट जाती हैं।

न करें ये गलती

अक्षय तृतीया के दिन झगड़े आदि नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन महिला और बुजुर्गों का अपमान भी न करें। वहीं द्वार पर आए किसी जरूरतमंद या भूखे व्यक्ति को खाली हाथ न भेजें। उन्हें अपनी क्षमता अनुसार, कुछ-न-कुछ दान के रूप में अवश्य दें।

इन कार्यों से मिलेगा लाभ

यदि आप चाहते हैं कि मां लक्ष्मी का आपके घर में आगमन हो, तो इसके लिए अक्षय तृतीया की शाम अपनी चौखट या मुख्य द्वार पर दीया जरूर जलाएं। इसके साथ ही अपने मुख्य द्वार पर अशोक के पत्तों से बना वंदनवार जरूर लगाएं।

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