Navratri 2020 : 58 साल के बाद बन रहा है मनोकामना पूर्ति का शुभ संयोग



इस वर्ष (2020) शारदीय नवरात्रि (Navratri 2020) अधिकमास के कारण 17 अक्तूबर से आरंभ हो रहे है । अधिकमास कल (16 अक्तूबर) को खत्म हो रहा है और फिर इसके अगले दिन (17 अक्तूबर ) से नवरात्रि (Navratri) आरंभ हो जाएंगे।
प्रतेक वर्ष आश्विन मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना आरंभ की जाती है। नवरात्रि (Navratri) पर माँ दुर्गा के नौ (9) अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष नवरात्रि (Navratri) पर 58 साल के बाद बहुत ही शुभ संयोग (Shubh sanyog) बन रहा है।
ज्योतिसो के अनुसार 58 वर्षों के बाद शनि और गुरु ग्रह (Guru garh) दोनों ही स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे। शनि (Shani) अपनी राशि मकर में और गुर (Guru) अपनी राशि धनु में हैं।
इस शुभ अवसर पर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि व्रत (Navratri vart) का आरंभ बहुत शुभ माना गया है। और साथ ही नवरात्रि (Navratri) के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर चित्रा नक्षत्र (chitra nakshtr) रहेगा।
इस शारदीय नवरात्रि (Navratri) पर जो व्यक्ति खरीद-बिक्री और मकान या जमीन में निवेश करना चाहते है। उनके लिए यह समय बहुत ही शुभ रहेगा क्युकी इस शारदीय नवरात्रि (Navratri) में चार सर्वार्थसिद्धि, एक त्रिपुष्कर और चार रवियोग बनेंगे।
इसके अलावा सौभाग्य, धृति और आनंद योग भी रहेंगे।नवरात्रि (Navratri) के पहले दिन कलश स्थापना करने के बाद माता के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना होती है।
इस दिन माता को भोग लगाकर और दुर्गासप्तशी (Durgasaptrsti) का पाठ किया जाता है और अंत में माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।