निर्भया केस :7 साल के बाद हुआ इन्साफ

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निर्भया केस  :7 साल के बाद हुआ इन्साफ
निर्भया केस :7 साल के बाद हुआ इन्साफ

निर्भया को 7 साल बाद मिला न्याय चारो दोषियों को सुबह 5:30 बजे हुयी

फ़ासी.निर्भया केस में 7 साल, 3 माह और 4 दिन का समय लगा

आज सुबह 2012 निर्भया मामले के चार दोषियों को 5:30 बजे जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया हैं आज निर्भया को इंसाफ मिल गया यह न्याय सात साल (निर्भया केस में 7 साल, 3 माह और 4 दिन का समय लगा)  के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद मिला हैं । 20  मार्च (आज ) का दिन एक एतिहासिक दिन बन गया है। यह अन्य दुष्कर्मियों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि अगर किसी ने भी इस प्रकार का अपराध किया तो उसे फांसी अवश्य मिलेगी

एक माँ की हुयी जीत

यह एक माँ का संघर्ष था जो सात साल लम्बा चला परन्तु जीत हमेसा सत्य की होती हैं निर्भया के माता -पिता का कहना हैं की देर आये दुरुस्त आये पर हमें न्याय मिला इसके लिए मीडिया, समाज और दिल्ली पुलिस एवं समस्त सहयोग कर्ताओ का धन्यवाद

आज हुए न्याय से देश में महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी

निर्भया की मां ने कहा की हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं की ऐसे दिशा-निर्देश जारी करे जिससे ऐसे मामलो में देरी ना हो और आज मिले इन्साफ से महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी आसा देवी ने निर्भया की तस्वीर को सीने से लगते हुए कहा की आज तुम्हे  न्याय मिला हैं मेरी बच्ची, देश की अन्य बेटियों के लिए हमारी यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी

6 दोषियों में से 4 को हुयी फांसी एक दोषी ने 2013 में खुदखुशी की थी और एक को नाबालिग होने के कारण मिली थी रिहाई

छह दोषियों में से चार को मिली एक साथ फ़ासी इनमे से एक दोषी राम सिंह ने 2013 में जेल में खुद को फांसी लगा ली थी। और दूसरे दोषी को नाबालिग होने के कारण तीन साल पहले सुधार गृह में रहने के बाद छोड़ दिया गया। शेष चार दोषीयो अक्षय सिंह, पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, और विनय शर्मा ने अंतिम वक्त तक फांसी टलवाने की भरपूर कोशिश की।

AAP सरकार के मुख्‍यमंत्री ने उसे रिहा होने पर 10 हजार रुपए और सिलाई मशीन देने का एलान किया था।

2015 में छठा नाबालिग बलात्कारी कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के इस केस को लेकर गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण जेल से रिहा होने में सफल हो गया था। एक एनजीओ की निगरानी में दक्षिण भारत के किसी होटल में वह बदली हुई पहचान के बाद बावर्ची का काम करता है और सूत्रों के अनुसार होटल मालिक को भी उसकी असलियत का पता नहीं है।

इससे पहले भी तीन बार टाला गया था डेथ वारंट

इससे पहले दोषियों का डेथ वारंट तीन बार जारी हुआ परन्तु इनके के लिए जारी हुआ चौथा डेथ वारंट ही आखिरी डेथ वारंट साबित हुआ। पहले के तीन डेथ वारंट टल चुके थे ।। गुरुवार को देर रात, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद दोषियों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने एक घंटे की सुनवाई के बाद आज तड़के 3.30 बजे याचिका खारिज कर दी। सुनवाई खत्म होते ही तिहाड़ जेल में फांसी की तैयारी शुरू कर दी गयी