Bhadrapad Amavasya 2023 | Bhadrapad Amavasya Kab Hai 2023| amavasya ke din kya kare kya na kare | pithori amavasya 2023 date | कब है भाद्रपद अमावस्या ? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

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bhadrapada amavasya  2023
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Bhadrapad Amavasya 2023 | Bhadrapad Amavasya Kab Hai 2023 | amavasya ke din kya kare kya na kare | pithori amavasya 2023 date | कब है भाद्रपद अमावस्या ? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Bhadrapad Amavasya 2023: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग केर अनुसार, साला में कुल 12 अमवस्या तिथियां आती हैं।

हालंकि इस बार अधिक मास के कारण एक अमावस्या तिथि ज्यादा पड़ी जिसकी वजह से इस साल कुल 13 अमावस्या तिथियों का योग बन रहा है। इन्हीं अमावस्याओं में से एक है भाद्रपाद माह की अमावस्या जिसे भादों अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह अमावस्या बहुत ही महत्वपुर्ण है।

मान्यता है कि भादों की अमावस्या के दिन पूजा-पाठ और हवन-यज्ञ आदि अवश्य ही करने चाहिए क्योंकि इनका दोगुना व्यक्ति को फल मिलता है।

हिंदू धर्म में पितरों की शांति के लिए अमावस्या तिथि का श्राद्ध उत्तम माना गया है। इस दिन पूर्वजों के निमित्त तर्पण, दान, पूजा करने से सात पीढ़ियों तक खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

अभी भाद्रपद महीना चल रहा है। भादो की अमावस्या को कुशोत्पतिनी अमावस्या, कुशग्रहणी अमावस्या (KushGrahni Amavasya 2023) और पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

इस साल भाद्रपद अमावस्या तिथि आरंभ: 14 सितंबर, दिन गुरुवार , सुबह 4 बजकर 50 मिनट
भाद्रपद अमावस्या तिथि समापन: 15 सितंबर, दिन शुक्रवार, सुबह 7 बजकर 10 मिनट

Bhadrapada Amavasya 2023 kab ki hai
Bhadrapada Amavasya 2023 kab ki hai

भाद्रपद अमावस्या 2023 प्रदोष काल (Bhadrapad Amavasya 2023 Pradosh Kaal)

  • भाद्रपद अमावस्या प्रदोष काल आरंभ: 14 सितंबर, शाम 6 बजकर 28 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या प्रदोष काल समापन: 14 सितंबर, रात 8 बजकर 47 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या प्रदोष काल अवधि: 14 सितंबर, 2 घंटे 20 मिनट

भाद्रपद अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त (Bhadrapad Amavasya 2023 Shubh Muhurat)

  • भाद्रपद अमावस्या ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 19 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या विजय मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट
  • भाद्रपद अमावस्या गोधुली मुहूर्त: शाम 6 बजकर 28 मिनट से 6 बजकर 51 मिनट

भाद्रपद अमावस्या 2023 महत्व (Bhadrapad Amavasya 2023 Mahatva)

  • भाद्रपद अमावस्या के दिन पिंडदान या तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • साथ ही, पितृ दोष (पितृ दोष से मुक्ति के उपाय) से भी मुक्ति मिल जाती है। पितृ प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं।
  • इस दिन हवन-अनुष्ठान करने से व्यक्ति को कला सर्प दोष से भी छुटकारा मिल जाता है।

भाद्रपद अमावस्या पर जरुर करें ये काम (Bhadrapad Amavasya Niyam)

  1. भाद्रपद अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान, दान के अलावा कुशा घास जरुर एकत्रित करें. कुश देवताओं और पितर देवों के पूजन कर्म के लिए श्रेष्ठ होती है.
  2. मान्यता है कि ये कुशा सालभर में पूजा, पाठ पितरों के श्राद्ध कर्म में इस्तेमाल की जाए तो समस्त कार्य बिना विघ्न के पूरे हो जाते हैं.
  3. कुशा घास की अंगूठी पहनकर श्राद्ध कर्म करने से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलती है.
  4. इसे बहुत पवित्र माना गया है. कुश के आसन पर बैठकर पूजा करने से देवी-देवता जल्द पूजा स्वीकार करते हैं.

कुश का महत्व (Kush Significance)

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि कुश की उत्पत्ति भगवान विष्णु के रोम से हुआ है. कुश का मूल ब्रह्मा, मध्ये विष्णु और अग्रभाव शिव का वास होता है. इसी कारण तुलसी की तरह कुश भी कभी बासी नहीं होता है.