covid-19: ससुर को पीठ पर उठाकर बहू पहुंची अस्पताल , चारों तरफ हो रही तारीफ

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covid-19: ससुर को पीठ पर उठाकर बहू पहुंची अस्पताल , चारों तरफ हो रही तारीफ
covid-19: ससुर को पीठ पर उठाकर बहू पहुंची अस्पताल

Coronavirus: ससुर को पीठ पर उठाकर कई किमी चलकर अस्पताल पहुंची बहू, चारों तरफ हो रही तारीफ

father in law :  कोविड-19 (covid -19) की दूसरी लहर ने पुरे विश्व में भय का माहौल बनाया है। इस खतरनाक वायरस ने कई लोगों की जान ले ली और कई परिवारों को तबाह कर दिया। कई बचो को अनाथ कर दिय। बहुत से लोगों ने बिस्तर,ऑक्सीजन या दवा की कमी के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है।

लेकिन इस महामारी में अलग अलग जगहों से समाज में छुपी कई ऐसी तस्वीरों को भी उजागर हुयी है जिसको देखकर सभी लोग अपने दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं और तारीफ़ करते हैं। एक ऐसी ही तस्वीर असम के नगांव में नजर आई है। जहा एक बहू (daughter in law) ने कोरोना पॉजिटिव ससुर (father in law) को कंधे पर बैठाकर हॉस्पिटल पहुंचाया।

ससुर को पीठ पर उठाकर बहू पहुंची अस्पताल

दरअसल, एक बुजुर्ग को कोरोना हो गया था। हालात काफी खराब थी लेकिन हॉस्पिटल तक पहुंचने का कोई साधन नहीं मिला। ऐसे में बहू (daughter in law) ने अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर बिठाकर अस्पताल पहुंचाया। अपने ससुर (father in law) को पीठ पर उठाए महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और हर तरफ महिला की तारीफ हो रही है।

बहू हो तो निहारिका दास जैसी

यह महिला भाटीगांव की रहने वाली है। महिला का नाम निहारिका है, और उसके ससुर का नाम थुलेश्वर दास है। थुलेश्वर दास 75 साल के हैं। निहारिका दास (niharika daas) ने समाज के लिए एक मिसाल पेश की। बेटे का फर्ज निभाकर वह आदर्श बहू (ideal daughter-in-law) बन गई हैं। जिसकी तारीफ़ सोशल मीडिया पर खूब हो रही है और लोग कह रहे हैं कि बहू (daughter in law) हो तो निहारिका दास जैसी।

फोटो खींचते रहे लोग किसी ने नहीं की मदद

निहारिका दास (niharika daas) ने दो किलोमीटर पैदल चलकर अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया है। इस दौरान किसी ने उसकी मदद नहीं की केवल फोटो ही खींचते रहे। जो फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें  निहारिका दास अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाए दिख रही हैं।

निहारिका दास (niharika daas) के पति सूरज काम के सिलसिले में घर से दूर सिलीगुड़ी में रहते हैं इसलिए, निहारिका अपने ससुर (father in law) की देखभाल करती है। जब उन्हें कोरोना हुआ तो निहारिका ने बिना ज्यादा सोचे-समझे इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाने का फैसला किया। निहारिका (niharika) ने ससुर को पीठ पर लादकर ऑटो स्टैंड तक ले गई और फिर स्वास्थ्य केंद्र पर वाहन से निकालकर अस्पताल के अंदर ले गई। इस दौरान किसी ने मदद नहीं की।

निहारिका दास (niharika daas) का एक 6 साल का बेटा भी है। जब निहारिका अपने ससुर के साथ अस्पताल पहुंची तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने थुलेश्वर दास को जिला कोविड सेंटर में भर्ती होने को कहा। वहीं, निहारिका को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी।

हालांकि, निहारिका ने अपने ससुर (father in law) को अस्पताल में अकेले छोड़ने से इंकार कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने जरूरी इलाज दिया और दोनों को एंबुलेंस से नगांव भोगेश्वरी फुकानानी सिविल अस्पताल भेजने की व्यवस्था की।


निहारिका अपने ससुर को नहीं बचा सकीं

हालांकि इतनी मेहनत के बाद भी निहारिका अपने ससुर (father in law) को नहीं बचा सकीं और खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गई।निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास राहा क्षेत्र के भाटिगांव में सुपारी विक्रेता थे। 2 जून को थुलेश्वर दास में कोरोना के लक्षण दिखे थे।

तबीयत खराब होने पर उन्हें 2 किमी दूर राहा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए बहू निहारिका ने रिक्शे का इंतजाम किया, लेकिन उनके घर तक ऑटो रिक्शा नहीं आ सकता था और ससुर (father in law) की हालत बिगड़ती जा रही थी। उस वक्त घर में कोई और मौजूद नहीं था

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