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green bangle : सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है।sawan माह में मंदिरों और शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ लगी होती है। हिंदू धर्म में इस माह को केवल पूजा-पाठ और व्रत के लिए ही नहीं बल्कि श्रृंगार के लिए भी खास माना गया है। इस महीने महिलाएं मेहंदी लगाती हैं, झूला झलती है, श्रृंगार करती हैं और हरी-हरी चूड़ियां पहनती हैं।

इस माह में हरे रंग का बहुत महत्व है। हरे रंग से जुड़ी वस्तुएं अपने पास रखना या उन्हें धारण करना बहुत शुभ माना जाता है। जानते हैं क्या है सावन में हरे रंग और हरी चूड़ियों का महत्व

green bangles in sawan : सावन मास का महीना भारतीय हिंदू पंचांग में एक महत्वपूर्ण मास है, और यह मास साधारणतया जुलाई और अगस्त के बीच आता है। सावन मास को भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है और इसे शिवरात्रि के आधार पर विशेष महत्व दिया जाता है।

सावन में क्या है हे रंग का महत्व

सावन का महीना शुरू होते ही चारों ओर हरियाली नजर आने लगती है। हल्की-हल्की बारिश से मौसम भी सुहाना हो जाता है। इस महीने महिलाओं का खास पर्व हरियाली तीज भी होता है। लेकिन सावन में हरे रंग का गहरा संबंध होता है। इसका कारण यह है कि इस महीने वर्षाऋतु रहती।भीषण गर्मी के बाद जब बारिश होती है तो चारों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है और हरे रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है।

प्रकृति और शिव का संबंध

भगवान शिव और प्रकृति के बीच गहरा संबंध होता है। क्योंकि भगवान शिव ऐसे देव हैं, जिन्हें प्रकृति से जुड़ी चीजें अधिक प्रिय होती हैं। महादेव का वास भी प्रकृति की गोद हिमालय में होता है और उनकी पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग जैसी चीजें अर्पित की जाती है, जोकि हरे रंग की होती है। इसलिए सावन में हरे रंग का विशेष महत्व होता है।

भगवान शिव का क्या है हरे रंग के नाता?

  • सावन का संबंध हरे रंग से है। इस माह में हरियाली आती है।
  • इस माह में होने वाली वर्षा शुभता और समृद्धि की सूचक होती है।
  • इसी वर्षा के कारण पेड़-पौधे फलते-फूलते हरे भरे हो जाते हैं।
  • शिव जी को हरा रंग बहुत प्रिय है क्योंकि उन्हें प्रकृति से लगाव है।
  • प्रकृति मां पार्वती (मां पार्वती के मंत्र) का स्वरूप है जो शिव की वामांगी हैं।
  • ऐसे में शिव शक्ति के प्रेम को सावन का महीना दर्शाता है।
  • इसलिए यह माह विवाहित और प्रेमी जोड़ों के लिए खास है।
green bangles in sawan
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सावन में महिलाएं क्यों पहनती है हरी चूड़ियां

(1) – सावन में पूरे महीने महिलाएं भगवान शिव की पूजा करती हैं। इस दौरान वे हरे रंग की चूड़ी पहनकर पूजा करती हैं। हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि, सावन में हरे रंग की चूड़ी पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसलिए सावन में हरे रंग का अधिक प्रयोग किया जाता है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है।

(2) –सावन के महीने में हरियाली यानी हरी रंग की प्रकृति विशेष महत्वपूर्ण होती है। हरी रंग को सावन का रंग माना जाता है और इस मास में हरे रंग की चीजें पहनने का मान्यता से कहीं न कहीं संबंध होता है।

(3) – बहुत से लोग सावन मास में हरी चूड़ियां पहनते हैं, जो कि विभिन्न विधानों और परंपराओं का हिस्सा है। यह प्रतीक्षा का संकेत हो सकता है और इसे भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा और आशीर्वाद के लिए एक आदर्श माना जा सकता है।

(4) – यह अनुभावशील भक्ति का प्रतीक हो सकता है और अधिकांशतः महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं, हरी चूड़ियां पहनने का मान्यता से लोग भगवान शिव के आदेशों और परम्परागत मान्यताओं का पालन करते हैं और अपनी श्रद्धा और समर्पण का प्रदर्शन करते हैं।

(5) – यह केवल एक पारंपरिक प्रथा है और यह व्यक्ति के आपसी विश्वास पर निर्भर करता है। कुछ लोग अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभूतियों को व्यक्त करने के लिए हरी चूड़ियां पहनने का चयन करते हैं।

(6) –सावन मास में हरी चूड़ियां पहनना एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जो धार्मिक, सांस्कृतिक और लोकप्रिय कारणों से किया जाता है। इस महीने में, भारतीय अधिकांश संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और सावन के समय लोग विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-अर्चना और व्रत-उपवास करते हैं।

(7) –सावन मास को शिवरात्रि के उत्सव के दौरान भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। इस उपासना के दौरान विशिष्ट परिधान और आभूषण का प्रयोग किया जाता है। हरी चूड़ियां उन विशेष परिधानों में से एक हैं, जिन्हें विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ पहना जाता है।

(8) – सावन के महीने में, विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सोमवार के व्रत दिन, महिलाएं धार्मिक आयोजनों में भाग लेती हैं और हरी चूड़ियां धारण करती हैं। हरी चूड़ियां शक्ति और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में समझी जाती हैं और इसे पहनकर महिलाएं अपने परिवार और पति के लिए उन्हें धन्यवाद व्यक्त करती हैं और उनकी सुरक्षा एवं समृद्धि की कामना करती हैं।

(9) –धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोन से देखें तो, हरी रंग को सावन के महीने में शिव भगवान के विशेष पूजन का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, हरी चूड़ियों को धारण करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और भक्त अपने जीवन में खुशियों और समृद्धि को आमंत्रित करते हैं।

sawan mein kyu pahante hain hari chudiya
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सावन क्यों है सुहागिनों के लिए खास?

  • सावन सुहागिनों के लिए और भी ज्यादा खास होता है।
  • यह माह प्रेम के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
  • सावन में शिव पूजन से अखंड सौभग्य प्राप्त होता है।
  • सुहागिनों को सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
  • सावन में मां पार्वती और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
  • पति का प्रेम मिलता है और सुहाग की रक्षा होती है।

क्या हैं हरी चूड़ियां पहनने के लाभ?

  • वहीं, सावन में सुहागिनों का हरी चूड़ियां पहनना बहुत शुभ होता है।
  • शिव (भगवान शिव के प्रतीक) पूजा हरे रंग की चूड़ियां पहनकर करनी चाहिए।
  • एस इसलिए क्योंकि यह रंग शिव शंक्ति को प्रिय है।
  • इस रंग के वस्त्र या चूड़ियां धारण कर पूजा करने से शिव जी कृपा करते हैं।
  • माता पार्वती से वैवाहिक जीवन में सुख-संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
  • यहां तक कि संतान का भाग्य भी खुल जाता है। उसके कष्ट दूर होते हैं।
  • इसलिए सावन में हरी चूड़ियां पहनकर शिवलिंग पूजा अवश्य करें।

अगर आप भी सुहागिन हैं तो सावन में हरी चूड़ियां जरूर पहनें और भगवान शिव एवं माता पार्वती की कृपा के साथ-साथ लाभ पाएं। अगर आपको sangeetaspen.com का यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने अन्य साथियो के साथ साझा अवश्य करे साथ ही इस पोस्ट से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप मुझे कमेंट बॉक्स में बताएं।मैंआप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें sangeetaspen.com से।

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