hindi language is the third most spoken language | why future of hindi language is bright all you need to know | हिंदी का बढ़ता असर
hindi language is the third most spoken language | why future of hindi language is bright all you need to know | हिंदी का बढ़ता असर
hindi language : दुनियाभर में हिन्दी का दायरा तेजी से बढ़ रहा है. हिन्दी अब सिर्फ सरकारी दस्तावेजों की भाषा नहीं रही. जैसे-जैसे भारत एक बड़े मार्केट के रूप में उभर रहा है, उसी के साथ हिन्दी का दायरा भी बढ़ रहा है. विदेशी कंपनियों को भारत में कारोबार विस्तार के लिए हिन्दी भाषी लोगों की जरूरत पड़ रही है. दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज में हिन्दी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ रही है.
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ऐसे कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि हिन्दी भाषा का भविष्य काफी उज्ज्वल है. जानिए, 7 वो उदाहरण जो इस बात पर मुहर लगाते हैं.
लिंक्डइन से फेसबुक तक बढ़ता हिन्दी का दबदबा: सोशल मीडिया पर हिन्दी पोस्ट करने वालों की संख्या बढ़ रही है. इसका एक उदाहरण जॉब सर्चिंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन है. अमेरिका के बाद लिंक्डइन का सबसे बड़ा मार्केट भारत में है. यूजस बेस को बढ़ाने के लिए कंपनी ने अपना हिन्दी वर्जन भी लॉन्च किया है. यह साबित करता है कि कैसे दुनिया में नामी-गिरामी कंपनियों को कारोबार बढ़ाने के लिए हिन्दी की जरूरत पड़ रही है.
ट्रांसलेशन से लेकर बुकर अवॉर्ड तक: विदेशी कंपनियां अब हिन्दी को भी तवज्जो दे रही हैं. भारत में अपना बिजनेस विस्तार करने के लिए बड़े स्तर पर हिन्दी कंटेंट राइटर्स को हायर कर रही हैं. नतीजा, ट्रांसलेशन और कंटेंट राइटिंग करने वालों की मांग बढ़ रही है. हिन्दी लेखकों की किताबों को पढ़ने के लिए दुनियाभर में मांग बढ़ रही है. हाल में भारतीय लेखिका गीतांजलि श्री की अनुवादित किताब टॉम्ब ऑफ सैंड को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलना इस पर मुहर लगाता है.
बढ़ती एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री: अब वो दौर नहीं रहा जब सिर्फ बॉलीवुड फिल्मों को लेकर दर्शकों में क्रेज है. अब दक्षिण सिनेमा और हॉलीवुड की फिल्मों का दायरा बढ़ रहा है. फिल्म निर्माताओं के लिए हिन्दी दर्शकों का ग्रुप बहुत अहम हैं, यही वजह है कि ज्यादातर फिल्में रीजनल भाषाओं के साथ हिन्दी में डब करके रिलीज की जा रही हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस तक पहुंचाकर अधिक कमाई की जा सके.
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हिन्दी की सजहता और सरलता: हिन्दी का भविष्य इसलिए भी उज्जवल है क्योंकि सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं पर नजर डालें तो इसे समझना और बोलना आसान है. अंग्रेजी के बाद सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भले ही चीन की मंदारिन हैं, लेकिन इसे सीखना और बोलना बिल्कुल भी आसान नहीं है. इन दोनों भाषाओं के मुकबले हिन्दी को बोलना और सीखना काफी हद तक आसान है.
वेब एड्रेस बनने वाली 7 भाषाओं में शामिल हुई: तकनीक की दुनिया में भी हिन्दी तेजी से आगे बढ़ रही है. अब यह उन 7 भाषाओं में शामिल हो गई है जिनका इस्तेमाल वर्तमान में वेब एड्रेस बनाने में किया जा रहा है.
ई-कॉमर्स वेबसाइट अब हिन्दी में भी: हिन्दी को लेकर जिस तरह का बदलाव दिख रहा है वो इसके उज्जवल भविष्य की ओर इशारा कर रहा है. हमेशा से अंग्रेजी को सपोर्ट करने वाली ई-कॉमर्स वेबसाइट अब हिन्दी की ओर आगे बढ़ रही हैं. यह वजह है कि अब दिग्गज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन ने भी हिन्दी में अपने उत्पादों के नाम देने शुरू कर दिए हैं. अब प्रोडक्ट हिन्दी में बोलकर भी सर्च किए जा सकते हैं.
हिन्दी ई-बुक का बाजार बढ़ा : दुनियाभर में ई-बुक का बाजार बढ़ रहा है. इसमें हिन्दी ई-बुक पढ़ने वालों की मांग में इजाफा हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में ई-बुक का बाजार 917 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.