Kabuli Chana | Kabuli Chana ke fayde | Chickpea Meaning | Kabuli Chana | काबुली चना | चना | Chana

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Kabuli Chana ke fayde

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Kabuli Chana : अधिकतर लोग चीकपी (Chickpeas) का मतलब काबुली चना समझतें हैं. परन्तु चीकपी का मतलब चना होता है. इसमें काबुली चना भी शामिल है.काबुली चना, जो चने की तरह दिखता है लेकिन अन्य चनों से थोड़ा अलग होता है।

यह अफगानिस्तान की खासियतों में से एक है जो भारत में भी पाया जाता है। काबुली चने में उच्च मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल होते हैं। इसमें थायमिन, नियासिन, पेन्टोंथेनिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और फोलिक एसिड शामिल होते हैं।

आप काबुली चना या फिर सिर्फ चना के लिए चीकपी ( Chickpeas )का प्रयोग कर सकतें हैं.

काबुली चने में विटामिन सी और फाइबर की अधिक मात्रा होने से इंसुलिन संचयित करने में मदद मिलती है।

हृदय स्वास्थ्य: काबुली चने में प्रोटीन, फाइबर और आयरन होने से हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है।

भूख नहीं लगती: काबुली चने में फाइबर की अधिक मात्रा होने से आप ज्यादा समय तक भूख नहीं महसूस करते हैं।

काबुली चने भिगोकर खाने के फायदे

पोषण से भरपूर: काबुली चने में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है। इन सभी पोषक तत्वों का संयोग शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

वजन नियंत्रण: काबुली चने में फाइबर की अधिक मात्रा होने से भूख कम होती है, जिससे आपका वजन नियंत्रण में रहता है।
डायबिटीज कंट्रोल: काबुली चने में विटामिन सी और फाइबर की अधिक मात्रा होने से इंसुलिन संचयित करने में मदद मिलती है।

हृदय स्वास्थ्य: काबुली चने में प्रोटीन, फाइबर और आयरन होने से हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है।

भूख नहीं लगती: काबुली चने में फाइबर की अधिक मात्रा होने से आप ज्यादा समय तक भूख नहीं महसूस करते हैं।

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काबुली चना के नुकसान

काबुली चना आमतौर पर सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसका अधिक सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है।

पेट दर्द और गैस: काबुली चना तीव्र पाचन प्रक्रिया वाला भोजन है, जिससे कुछ लोगों को पेट दर्द और गैस की समस्या हो सकती है। अधिक समय तक भिगो कर रखने से चने के अंदर के फाइबर के कारण ये समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

ऑक्सलेट और यूरिक एसिड: काबुली चना उर्जा के साथ-साथ ऑक्सलेट और यूरिक एसिड को भी पैदा करता है, जो कि कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऑक्सलेट की अधिकता यूरोलिथियासिस (पथरी) जैसी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होती है। वहीं, ज्यादा पयुरिन कि अधिक मात्रा कि वजह से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से गाउट होने का खतरा बन सकता है।

एलर्जी: कुछ लोग काबुली चने से एलर्जी जैसी समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं। उन्हें चनों को खाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

FAQ :

Q: काला चना या सफेद चना कौन सा बेहतर है?

Ans :चने में सफेद चने का आहारिक मूल्य अधिक होता है। ये फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। यदि आपको डायबिटीज है, तो सफेद चने खाने का सुझाव दिया जाता है क्योंकि वे कार्बोहाइड्रेट को धीमे ढंग से अवशोषित करते हैं और इंसुलिन की आवश्यकता को कम करते हैं।

Q: क्या उबला हुआ सफेद चना वजन बढ़ाता है?

Ans :हाँ, उबला हुआ सफेद चना वजन बढ़ाता है। सफेद चने में प्रोटीन, फाइबर और कई पोषक तत्व होते हैं, जो वजन बढ़ाने में मदद करते हैं। इसे नाश्ते में या फिर सलाद में शामिल किया जा सकता है। यदि आप वजन बढ़ाने के लिए सफेद चने का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आप इसे अतिरिक्त मात्रा में न खाएँ ताकि आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न हों

Q: क्या सफेद चना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?

Ans :हाँ, सफेद चना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। यह उच्च ऊर्जा और प्रोटीन स्रोत होता है जो शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। सफेद चने में फाइबर, विटामिन, और मिनरल भी होते हैं जो आपकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसका उपयोग वजन घटाने, डायबिटीज, हृदय रोग, और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए भी उपयोगी होता है।

Q: फेद चने में कितना प्रोटीन होता है?

Ans :सफेद चने में एक कप (करीब 200 ग्राम) में 20 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन विशेषकर विटामिन बी 6, विटामिन सी, फोलिक एसिड और कई मिनरल के साथ सफेद चनों में मौजूद होता है