Krishna Chhati 2023 | 2023 kab hai krishna chhati | krishna chhati 2023 date and timing | भगवान श्रीकृष्ण की छठी बच्चे की तरह मनाई जाती है

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Krishna Chhati 2023
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Krishna Chhati 2023 | 2023 kab hai krishna chhati | krishna chhati 2023 date and timing | भगवान श्रीकृष्ण की छठी बच्चे की तरह मनाई जाती है

Krishna Chhati 2023: हिंदू धर्म में जब घर में बच्चे का जन्म होता है तो 6 ​दिन बाद उसकी छठी पूजी जाती है. (Laddu Gopal Chhati 2023 Vidhi) जो कि एक बेहद ही महत्वपूर्ण परंपरा है. बच्चे की तरह ही भगवान श्रीकृष्ण यानि लड्डू गोपाल की भी विधि-विधान के साथ छठी पूजी जाती है. मंदिरों के अलावा लोग घरों में भी कान्हा जी की छठी का उत्सव मनाते हैं.

Krishna Chhati 2023: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और उनके जन्मोत्सव को पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस दिन उनके बाल स्वरूप लड्डू गोपाल का पूजन किया जाता है.

भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद अब मंदिरों में उनकी छठी उत्सव की जोर-शोर से तैयारी की जा रही है.छठी पूजा में नवजात शिशु के लिए मंगल की कामना की जाती है. ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में मंगल गीत गाने और उन्हें तमाम तरह का भोग चढ़ाने का विधान है.आइए जानते हैं इस बार कब मनाई जाएगी कान्हा जी की छठी?

कब मनाई जाएगी कृष्ण छठी?

इस साल मथुरा-वृंदावन समेत सभी मंदिरों में जन्माष्टमी का पव्र 7 सितंबर 2023 को मनाया गया और जन्माष्टमी के 6 दिन बाद कृष्ण छठी मनाई जाएगी. जो कि बार 12 सितंबर को है. कृष्ण छठी के दिन लड्डू गोपाल का विधि-विधान से पूजन किया जाता है.

क्यों मनाते हैं कृष्ण छठी?

हिंदू धर्म में किसी बच्चे का जन्म होने के 6 दिन बाद षष्ठी देवी की पूजा की जाती है और इसे छठी कहते हैं. मान्यता है कि छठी के दिन षष्ठी देवी बच्चे को स्वस्थ्य रहने की आशीर्वाद देती हैं.

ऐसे करें लड्डू गोपाल की पूजा

जो लोग कृष्ण छठी की तैयारी कर रहे हैं उन्हें पूजा से पहले सभी तैयारी संपूर्ण कर लेनी चाहिए. कृष्ण छठी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद मंदिर की सफाई करें और फिर लड्डू गोपाल जी को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें.और उन्हें साफ कपड़े से पोंछकर पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और चंदन का टीका लगाएं .

जब कान्हा का श्रृंगार करें तो उसमें उनकी प्रिय बांसुरी और मोरपंख चढ़ाना बिल्कुल न भूलें. श्रृंगार के बाद कान्हा को पीले चंदन या केसर का तिलक लगाएं और पीले पुष्प, फल आदि चढ़ाकर धूप-दीप दिखाएं. कान्हा के भोग में आज माखन-मिश्री के साथ तुलसी दल जरूर चढ़ाएं. पूजा के बाद आप भगवान श्रीकृष्ण को उसी नाम से बुलाएं जो आपको बहुत ज्यादा प्रिय हो और पूरे साल उसी नाम को संबोधित करते हुए उनकी पूजा करें. अंत में छठी पूजा का प्रसाद सबको बांटे और स्वयं भी ग्रहण करें.

भगवान श्री कृष्ण की छठी पूजा का उपाय

यदि आप इन दिनों आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं और बहुत परिश्रम और प्रयास करने के बाद भी पैसों की किल्लत बनी रहती है तो धन-धान्य की कामना को पूरा करने के लिए आज भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में चांदी की बांसुरी जरूर चढ़ाएं.

मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान श्रीकृष्ण को याद करता है वे उसे बचाने के लिए बिल्कुल वैसे ही दौड़े चले आते हैं, जैसे वे द्रौपदी की लाज बचाने के लिए आए थे. ऐस में आज सभी संकटों से बचाने वाला कृष्ण मंत्र क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा’ जरूर जपें.

FAQ

Q : कृष्ण जी की छठी कब की है?

Ans: इस साल कृष्ण जी की छठी 12 सितंबर को मनाई जा रही है।

Q :कान्हा जी की छठी कैसे मनाई जाती है?

Ans:कृष्ण छठी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद मंदिर की सफाई करें और फिर लड्डू गोपाल जी को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें. फिर लड्डू गोपाल को पीतांबरी यानि पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और चंदन का टीका लगाएं.

Q :कृष्ण भगवान को क्या क्या चढ़ाया जाता है?

Ans:भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद प्रभु का अभिषेक किया जाता है। खीरे से बाहर निकालने के बाद लड्डू गोपाल का कच्चे दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें.

Q :श्री कृष्ण को खाने में क्या पसंद है?

Ans:श्री कृष्‍ण को चावल की खीर खाना बेहद पसंद है.