Period me pitron ki shraddh kese karen | how to perform rituals in periods | why should not perform shradh in pitru paksha

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Period me pitron ki shraddh kese karen
Period me pitron ki shraddh kese karen

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Period me pitron ki shraddh kese karen | how to perform rituals in periods | why should not perform shradh in pitru paksha | can menstruating women perform rituals in pitru paksha | क्या पीरियड्स के दौरान किया जा सकता है पितरों का श्राद्ध संस्कार

pitru paksha : हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। पितरों की शांति के लिए श्राद्ध संस्कार करना भी जरूरी माना जाता है जिससे पितरों को शांति मिल सके। यदि कोई व्यक्ति पितरों का श्राद्ध या पितृ पक्ष की अवधि के दौरान तर्पण नहीं करता है

तो पितरों को शांति नहीं मिलती है और घर में पितृ दोष लग सकता है। यदि आपके घर में पितृ दोष होता है तो घर में कई समस्याएं आने लगती हैं और उनका निवारण मुश्किल हो जाता है।

अपने पूर्वजों को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए पितृ पक्ष समर्पित होता है। इस दौरान उनका आभार व्यक्त करने और आशीर्वाद मांगने के लिए विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं। यही नहीं इस अवधि के दौरान पितरों के निमित्त भोजन भी निकाला जाता है और कुत्ते, गाय, कौए और चींटी के अध्यात्म से यह भोजन उन तक पहुंचाया जाता है।

पितरों के लिए भोजन अक्सर घर की महिलाएं ही निकालती हैं और श्राद्ध कर्म में भी हिस्सा लेती हैं। ऐसे में सवाल यह आता है कि यदि आपको इस दौरान पीरियड्स (Period)आ जाएं यानी मासिक धर्म शुरू हो जाए तो

क्या करना चाहिए ? क्या आपका पीरियड्स (menstruating women)के दौरान भी सभी संस्कारों को करना उचित है? ऐसे कई सवालों को जानने के लिए आप sangeetaspen.com और sangeetaspen youtub chanl पर बने रहे

 पितरों का श्राद्ध संस्कार
पितरों का श्राद्ध संस्कार

can menstruating women perform rituals in pitru paksha | क्या पीरियड्स के दौरान किया जा सकता है पितरों का श्राद्ध संस्कार

पितृ पक्ष को महत्वपूर्ण क्यों माना जाता है

पितृ पक्ष की पूरी अवधि को पितरों के लिए समर्पित माना जाता है और इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और हमारे माध्यम से जल तथा भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसे में घर में पूरी तरह से श्रद्धा का ध्यान रखना चाहिए जिससे पूर्वज पूरी तरह से संतुष्ट हो सके और भोजन ग्रहण कर सकें।

पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होते हैं और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलते हैं। इन सोलह दिनों की अवधि में पूर्वज हमें आशीष प्रदान करते हैं। इस साल पितृ पक्ष का आरंभ 29 सितंबर को हो चुका है और इसका समापन 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन हो जाएगा।

क्या महिलाओं को पीरियड्स के दौरान करना चाहिए श्राद्ध संस्कार

आमतौर पर पितरों के निमित्त श्राद्ध संस्कार पुरुष ही करते हैं और हिन्दुओं में मान्यता है कि उनके द्वारा किया गया तर्पण और पिंड दान पूर्वजों को स्वीकार्य होता है। परंतु पुत्र वधुएं भी पूर्वजों के श्राद्ध संस्कार में हिस्सा लेती हैं और उनके लिए भोग अर्पित करती हैं।

ऐसे में यदि पीरियड्स आ जाएं तो आपको ज्योतिष के अनुसार कुछ संस्कारों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। यदि आपको पितृ पक्ष की अवधि में पीरियड्स आ जाएं तो आप पितरों से क्षमा प्रार्थना कर सकती हैं और पंडित से तर्पण करवा सकती हैं और उन्हें मिठाई आदि का भोग लगा सकती हैं।

यदि पूर्वजों की तिथि के दिन पीरियड्स आ जाएं और आप क्या न करें

यदि आपके किसी पूर्वज की तिथि वाले दिन आप पीरियड्स की वजह से भोजन नहीं निकाल पा रही हैं तो पितृ पक्ष के समापन के दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या के दिन उनके निमित्त भोजन निकालें और ब्राह्मण को भी भोजन कराएं।

यदि आप ऐसा करती हैं तो आपको श्राद्ध का पूर्ण फल मिल सकता है। सर्वपितृ अमावस्या वह दिन होता है जिसमें आप पूर्वजों की तिथि पता न होने पर भी उनके निमित्त श्राद्ध संस्कार कर सकती हैं और यह उन्हें स्वीकार्य भी माना जाता है।

पीरियड्स में श्राद्ध करने को लेकर अलग स्थानों पर अलग मान्यताएं हैं

ज्योतिष में ऐसा कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान आपको किसी भी पूजा-पाठ से दूर रहना चाहिए और पूर्वज चूंकि मृत आत्माएं हैं इसलिए उनका स्थान ईश्वर के समान ही है बल्कि उन्हें कई स्थानों पर ईश्वर से भी ज्यादा वरीयता दे जाती है, इसलिए पीरियड्स के दौरान किसी भी संस्कार में दूर रहना चाहिए।

वहीं इस बात को लेकर अलग स्थानों पर अलग तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं और कई स्थान पर यह भी माना जाता है कि पीरियड्स किसी भी महिला के लिए इस बात का संकेत होते हैं कि वो एक नए जीवन को पृथ्वी पर लाने योग्य है अतः पीरियड्स के दौरान भी पितरों के श्राद्ध में हिस्सा लिया जा सकता है। हालांकि यह आपका व्यक्तिगत निर्णय भी हो सकता है कि आपको क्या करना है और क्या नहीं।

पीरियड्स में श्राद्ध न करने के वैज्ञानिक कारण

यदि आप विज्ञान की मानें तो पीरियड्स के दौरान (पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ कैसे करें) श्राद्ध से जुड़े कोई भी काम न करने जैसे कोई तर्क नहीं हैं और विज्ञान इस बात की पुष्टि नहीं करता है। विज्ञान के अनुसार पीरियड्स सामान्य प्रक्रिया है और इस दौरान कोई भी धर्म से जुड़े काम करना या न करना आपकी व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर करता है।

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान श्राद्ध से जुड़े कर्म करने चाहिए या नहीं इस बात को लेकर ज्योतिष और विज्ञान में अलग तर्क हैं और आप इस पर निर्णय लेने से पहले किसी ज्योतिष एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकती हैं।