Shivlingi Beej in Hindi | shivlingi benefits in hindi | शिवलिंगी बीज के फायदे

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Shivlingi Beej | Shivlingi Beej Ke Fayde in Hindi | shivlingi benefits in hindi | शिवलिंगी बीज के फायदे | शिवलिंगी बीज एक आध्यात्मिक आशीर्वाद

Shivlingi Seeds : शिवलिंगी के बीज बहुत सी बीमारियों में दवा के रूप में काम लिए जाते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ टाइफाइड जैसी गंभीर बुखार को भी दूर करने में बेहद उपयोगी साबित होते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ टाइफाइड जैसी गंभीर बुखार को भी दूर करने में बेहद उपयोगी साबित होते हैं।

शिवलिंगी को संस्कृत में बहुपत्रा, शिवल्ली कहते हैं तो वही इसे इंग्लिश में ब्रायोनिया लैसीनोसा (Bryonia Laciniosa) के नाम से भी जानते हैं। एक औषधीय पौधा है जिसे हमारी पौराणिक और आयुर्वेदिक परंपरा में अहमिता दी जाती है। इस पौधे के बीज को विशेष रूप से भगवान शिव के शक्तिशाली पूजन का एक अंश माना जाता है और इसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।

शिवलिंगी एक छोटे पौधे की तरह उगता है जिसमें छोटे गोल गोल पत्तियां होती हैं। इस पौधे का विशेष रूप से हिन्दू धर्म में महत्व है, क्योंकि इसका सीधा संबंध भगवान शिव से माना जाता है। शिवलिंगी बीज को पूजन में उपयोग किया जाता है और इसे धार्मिक आचार्यों द्वारा सिद्ध करने का विधान बताया जाता है।

इस बीज का सीधा असर मानव शरीर पर होता है, और इसे आयुर्वेद में भी उपयोग किया जाता है। इसमें विभिन्न पोषण सामग्रियां होती हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। इसके अंतर्गत विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, और फाइबर शामिल होते हैं जो रोगों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

शिवलिंगी बीज को विभिन्न रूपों में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि पाउडर या बीजों को सीधे खाना। इसका सेवन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा, शिवलिंगी बीज को पूजा और ध्यान के साथ जोड़कर आध्यात्मिक विकास के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। भक्तियों के लिए इसे एक शक्तिशाली आध्यात्मिक और धार्मिक उपकरण माना जाता है जो उन्हें भगवान के साथ अधिक संबंधित महसूस करने में मदद कर सकता है।

शिवलिंगी बीज एक सजीव पौधा है जो हमें विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान कर सकता है, चाहे वह आयुर्वेदिक उपचार के रूप में हो या धार्मिक आचार्यों के द्वारा बताए जाने वाले पूजन के रूप में हो। इसका नियमित सेवन और सही तरीके से पूजा आपके जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकता है और आपको आध्यात्मिक उन्नति में मदद कर सकता है।

शिवलिंगी बीज क्या होता है? (What is Shivlingi Beej in Hindi)

शिवलिंगी बीज एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है. इसका साइंटिफिक नाम (Bryonia laciniosa) है और यह इंडिया का नेटिव प्लांट है जो मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में पाया जाता है.शिवलिंगी के बीजों का उपयोग (shivlingi beej uses in Hindi) ख़ास तौर पर फ़ीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम की प्रॉब्लम को दूर करने और फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है. इनके सेवन से पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों में आराम आता है और ओवरऑल रिप्रोडक्टिव हेल्थ में बेहतरी आती है.

शिवलिंगी बीज के फ़ायदे क्या होते हैं? (Shivlingi Beej benefits in Hindi)

शिवलिंगी बीज न केवल फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों में काम आता है बल्कि; अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी इसके कई प्रयोग किए जाते हैं. आइये पहले आपको महिलाओं और पुरुषों से जुड़ी रिप्रोडक्टिव प्रॉब्लम में इसके फ़ायदों (shivlingi beej ke fayde) के बारे में बताते हैं.

मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करे (Regulates menstrual cycles)

आयुर्वेद में शिवलिंगी के बीजों को एक नेचुरल यूट्रीन टॉनिक माना गया है जिसमें ऐसे गुण होते हैं जो मेंस्ट्रूअल साइकिल को रेग्युलेट करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा ये फ़ीमेल हार्मोन को संतुलित करने में सहायता करते हैं.

गर्भाशय के ऊतकों को पोषण दे (Nourishes the uterine tissue)

शिवलिंगी बीज में यूट्रीन टिशूज़ को मज़बूत करने वाली नरिशिंगग प्रॉपर्टीज़ होती हैं जिससे यूटरस को स्ट्रांग बनाया जा सकता है. ये बीज यूट्रीन लाइनिंग को हेल्दी बनाते हैं जिससे प्रेग्नेंसी के चांसेज को बढ़ाने में मदद मिलती है.

हार्मोनल असंतुलन को ठीक करे (Corrects hormonal imbalance)

आयुर्वेदिक दवाओं में हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए शिवलिंगी के बीजों को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है. इसे एक प्राकृतिक एडाप्टोजेन (adaptogen) माना गया है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को स्ट्रेस के दौरान अनुकूल रहने में मदद करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में कारगर है.

सेक्स के प्रति रुचि बढ़ाए (Works as an aphrodisiac)

शिवलिंगी बीज को कामोत्तेजक (aphrodisiac) गुणों वाला माना जाता है. आयुर्वेद में ऐसा कहते हैं कि यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स ड्राइव को बढ़ाता है और सेक्शुअल वाइटेलिटी में सुधार करता है. इसके बीज एक नेचुरल स्टिम्युलेंट का काम करते हैं और पुरुषों में सेक्शुअल परफ़ोर्मेंस को बेहतर बनाने में कारगर हैं.

टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करता है (Improves testosterone levels)

शिवलिंगी के बीज टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाने में भी उपयोगी पाये गये हैं. यह माना जाता है कि मेल रिप्रोडक्टिव हेल्थ (male reproductive health) में सुधार लाने में ये बेहद फ़ायदेमंद हैं. इसके अलावा हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करने, स्पर्म काउंट और स्पर्म क्वालिटी में सुधार लाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.

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शिवलिंगी के अन्य फ़ायदे (Other Benefits of Shivlingi Beej in Hindi)

रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए इसके फ़ायदों (shivlingi beej ke fayde) के अलावा आप शिवलिंगी को कुछ अन्य समस्याओं में भी आज़मा सकते हैं जैसे कि 

बुखार (Fever)

शिवलिंगी बीज से बुख़ार में राहत मिलती है. आयुर्वेद में माना जाता है कि इन बीजों में ज्वरनाशक गुण (antipyretic properties) होते हैं और बुख़ार और उससे जुड़े लक्षणों के लिए बनाई जाने वाले आयुर्वेदिक फॉर्मूलों में अक्सर शिवलिंगी बीज का उपयोग अन्य जड़ी-बूटियों के साथ मिलाकर किया जाता है.

कब्ज़ (Constipation)

शिवलिंगी के बीजों में हल्के रेचक गुण (laxative properties) होते हैं, जिसे पेट साफ़ हो जाता है और इस तरह क़ब्ज़ को कम करने में मदद मिलती है. अगर सही मात्रा में इसका सेवन किया जाए तो यह आंतों में जमा कठोर मल को सॉफ्ट बनाकर आसानी से बाहर निकालने में बेहद कारगर है.

वजन घटाने में मदद करे (Help with weight loss)

यह जड़ी-बूटी डाइज़ेस्टिव हेल्थ को मज़बूत बनाने में बेहतरीन तरीक़े से काम करती है. क्योंकि वेट बढ्ने की एक बड़ी वजह ख़राब डाइज़ेशन होता है इसलिए इसके सेवन से डाइजेस्टिव सिस्टम मज़बूत करके मेटाबॉलिज्म बैलेंस होता है और वेट कंट्रोल में मदद मिलती है.

पाचन तंत्र के लिए फ़ायदेमंद (Beneficial for the digestive system)

शिवलिंगी के बीज लेक्सेटिव (laxative) प्रॉपर्टीज़ वाले होते हैं जिनसे पेट साफ़ होने लगता है और क़ब्ज में राहत मिलती है. इसके अलावा इनमें कार्मिनेटिव (carminative) प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो ब्लोटिंग और गैस को कम करने में भी मदद करती हैं.

शिवलिंगी बीज को कैसे करें इस्तेमाल? (Shivlingi Beej use in Hindi)

शिवलिंगी बीज का प्रयोग (shivlingi beej uses in Hindi) सावधानी से और डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही करना चाहिए. हम यहाँ आपके साथ इसके सेवन से जुड़ी कुछ सामान्य जानकारी शेयर करेंगे. शिवलिंगी बीज आमतौर पर सूखे बीज या पाउडर के रूप में मिलता है और इसकी मात्रा रोग की स्थिति और रोगी की उम्र जैसे फ़ैक्टर्स पर निर्भर करती है. अगर आप इसे बीज के रूप में लेना चाहते हैं तो उन्हें नरम करने के लिए रात भर पानी में भिगो दें. भीगे हुए बीज या पाउडर को पानी के अलावा शहद, घी, मक्खन या फिर दूध के साथ भी मिला कर लिया जा सकता है.

शिवलिंगी बीज के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Shivlingi Beej in Hindi)

  • हालाँकि, शिवलिंगी के बीजों के सेवन से किसी भी तरह का बड़ा हेल्थ रिस्क नहीं देखा गया है लेकिन किसी भी अन्य हर्बल दवा की तरह इसके भी कुछ साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं जैसे;
  • एलर्जी के प्रति अधिक सेंसेटिव लोगों को शिवलिंगी बीज से रिएक्शन हो सकता है जिसमें खुजली, दाने, स्वेलिंग या साँस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
    बताई गयी मात्रा से अधिक लेने पर मतली, उल्टी या दस्त जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं.
  • शिवलिंगी बीज हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है इसलिए हार्मोन असंतुलन से जूझ रहे व्यक्तियों को और हार्मोनल दवाओं का सेवन कर रहे लोगों को इसका उपयोग डॉक्टर से पूछे बिना नहीं करना चाहिए.
    गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी अपने डॉक्टर की सलाह के बगैर इसका उपयोग करने से बचना चाहिए.

प्रो टिप (Pro Tip)

उचित सावधानी से शिवलिंगी बीज का सेवन करने पर इसके साइड इफ़ेक्ट देखने में नहीं आते हैं. लेकिन अगर आपको इसके सेवन के बाद किसी भी तरह की असुविधा महसूस हो तो तुरंत इसका सेवन रोक दें. प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफ़ीडिंग माँओं को ख़ास तौर पर डॉक्टर की सलाह से ही इसका प्रयोग करना चाहिए.

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FAQ :

Q : शिवलिंगी बीज खाने से क्या होता है?

Ans :शिवलिंगी के बीज (Shivlingi ke Beej) आँतों को सक्रिय बनाते हैं। इनका सेवन करने से आँतों से मल सरकता रहता है और कब्ज नहीं हो सकता। इसलिए इसका प्रयोग अपच तथा एसिडिटी आदि की चिकित्सा में किया जाता है

Q :शिवलिंगी बीज का उपयोग कैसे किया जाता है?

Ans : शिवलिंगी बीज का उपयोग स्त्री या पुरुष को संतान की प्राप्ति के लिए मासिक धर्म के 4 दिन बाद से 1 माह तक सुबह-शाम शिवलिंगी के बीज एक ग्राम की मात्रा में खाली पेट दूध के साथ सेवन कराते हैं।

Q :पुत्रजीवक बीज कब और कैसे खाएं?

Ans : पुत्रजीवक बीज 4 से 5 ग्राम पाउडर को दिन में दो बार गुनगुने दूध के साथ लें। इसका सेवन आप खाली पेट, खाने से एक घंटे या भोजन के 3 घंटे बाद कर सकते हैं।