Uttarakhand Political Crisis: त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा
Uttarakhand Political Crisis : त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा
हाइलाइट्स
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफासीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में सियासी हलचल
राजभवन पहुंच सीएम रावत ने की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मुलाकात
रावत के हटने की सूरत में अगले सीएम के लिए 3 नेताओं के नाम की चर्चा
Uttarakhand BJP Political Crisis : उत्तराखंड में बड़ी सियासी हलचल सामने आई है। त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के खिलाफ पार्टी और विधानमंडल दल में बगावत जैसा संकट गहरा गया था. मंत्री और विधायक लम्बे समय से आरोप लगा रहे थे ।
कि अफसरशाही जन प्रतिनिधियों की नहीं सुनती और विधायकों को सम्मान भी नहीं मिल रहा है. जिसके चलते मंगलवार को राज्यपाल बेबीरानी मौर्य से मुलकात के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंफा. बीते कुछ दिनों से यह चर्चा थी, कि बीजेपी आलाकमान ने उत्तराखंड में नेतृत्व बदलने का फैसला किया है. इसी सिलसिले में रावत को दिल्ली तलब किया गया था. आखिरकार दिल्ली से वापस आने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के नौवें मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य की कमान रावत को सौंपने का फैसला किया था।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 75 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। रावत राज्य में भाजपा के पांचवें मुख्यमंत्री हैं।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पहले दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को राज्य में भेजा था। उसके बाद सीएम ने खुद दिल्ली जाकर पार्टी के सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी। लंबे घटनाक्रम के बाद मंगलवार को उत्तराखंड के सीएम रावत के इस्तीफे के बाद राज्य के राजनीतिक संकट का पटाक्षेप हो गया।
अब राज्य के नए मुख्यमंत्री के लिए जल्द ही विधायक दल की बैठक बुधवार को बुलाई जाएगी. इसी बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम चुनाव किया जाएगा.
सीएम की रेस में ये नाम आगे -This name is ahead in CM’s race
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, अजय भट्ट, धन सिंह रावत, सतपाल महाराज का नाम आगे है। इन चार लोगो में से किसी एक को नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, सतपाल महाराज ने इस सिलसिले में संघ के प्रमुख नेताओं से मुलाकात भी की थी। कहा जा रहा है कि नए सीएम के लिए सतपाल महाराज के नाम पर भी चर्चा चल रही है।
Trivendra Singh Rawat resigns as Chief Minister of Uttarakhand
- अजय भट्ट – Ajay Bhatt
अजय भट्ट अभी नैनीताल-उधमनगर सीट से लोकसभा सांसद हैं। मूल रूप से हल्द्वानी के निवासी अजय भट्ट शुरुआत से ही बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। बता दें कि अजय भट्ट का परिवार भी जनसंघ से जुड़ा रहा है। - भट्ट ने पहली बार 1980 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी। इसके बाद 1985 में भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े। 2012 से 2017 के दौरान वह विधानसभा में नेता विपक्ष थे। बीजेपी की सरकार में वह कई विभागों के मंत्री रहे हैं।
- अनिल बलूनी – Anil Baluni
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी इस समय वह बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वह पार्टी आलाकमान के खास माने जाते हैं। इसके साथ ही पार्टी के दिग्गज नेता दिवंगत अरुण जेटली और रवि शंकर प्रसाद के बाद बलूनी पार्टी के ऐसे नेता हैं, जिनको राष्ट्रीय संगठन के मीडिया प्रमुख के साथ-साथ मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है।
- सतपाल महाराज – Satpal Maharaj
राजनीतिक हस्ती के साथ-साथ वह आध्यात्मिक गुरु भी हैं। कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की। देवगौड़ा और गुजराल सरकार में वह केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2017 में चौबट्टाखाल सीट से विधायक होने के साथ ही वह त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। उत्तराखंड में काफी अच्छी पकड़ है। देश के कई हिस्सों में फॉलोअर्स।
- धन सिंह रावत – Dhan Singh Rawat
धन सिंह रावत श्रीनगर गढ़वाल से पहली बार विधायक बने हैं. वह आरएसएस कैडर हैं और उत्तराखंड बीजेपी में संगठन मंत्री भी रह चुके हैं. धन सिंह का जन्म सात अक्टूबर 1971 को हुआ था. वह जनपद पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी हैं. वह डबल एमए हैं और राजनीति विज्ञान में उन्होंने पीएचडी की हुई है.
धन सिंह समाज सेवा के कार्य से जुड़े रहे हैं बाल विवाह, शराब निषेध, राम जन्म भूमि आंदोलन में सक्रिए रहे हैं. इतना नहीं वह उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल रहे थे, जिसके चलते उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा था. वह छात्र राजनीति के दौरान एबीवीपी के साथ कई काम किए, जिसमें 100 महाविद्यालयों में 10 हजार पौधे लगाने का काम भी शामिल है.
डिप्टी सीएम पद के दावेदार पुष्कर सिंह धामी के बारे में चर्चा हो रही है
डिप्टी सीएम के लिए जिनके नाम की चर्चा हो रही है पुष्कर सिंह धामी. वह दूसरी बार घटिमा से दूसरी बार विधायक बने हैं. वह महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी के करीबी बताए जाते हैं. वह वर्ष 2001 में कोश्यारी सरकार के समय मुख्यमंत्री के ओएसडी भी रहे चुके हैं.
उत्तराखंड में बीजेपी का कोई भी सीएम कार्यकाल पूरा नहीं कर सका
साल 2000 में उत्तराखंड बनने के बाद बीजेपी ने 2 साल में 2 सीएम बनाए (नित्यानंद स्वामी और भगत सिंह कोशियारी)
2002 में कांग्रेस जीती
2007 में फिर से बीजेपी को बहुमत मिला
2007 से 2012 के बीच उत्तराखंड में बीजेपी ने 2 सीएम बदले (बी सी खंडूरी और रमेश पोखरियाल ‘निशंक’)
2017 में फिर बीजेपी की सरकार बनी, त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम बने
इस बार फिर 4 साल बाद सीएम बदला जाएगा
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