What is Raisins Advantages and disadvantages of eating

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Golden Raisins

किशमिश क्या है  (What are Raisins)

किशमिश — जिसे अंगूरों को सुखाकर तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में अंगूरों को लगभग तीन हफ्तों तक धूप में सुखाकर उसका मॉइस्चर निकाला जाता है। किशमिश को सूखे मेवों की श्रेणी में शामिल किया गया है,

किशमिश वास्तव में सूखे हुए अंगूर होते हैं। ये कई रंगों के होते हैं जैसे गोल्डन, हरे और काले।

कई सब्जियों के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए भी किशमिश का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेहत के लिहाज़ से किशमिश को लाभकारी माना गया है। यह कई जरूरी फाइटोकेमिकल्स से समृद्ध होती है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गतिविधियां भी पाई जाती हैं.

अधिक रक्तचाप (blood pressure) वाले मरीज़ों द्वारा किशमिशों का सेवन करने से उनके रक्तचाप पर कुछ लाभदायक असर होता है, हालांकि इस पर अभी अधिक अध्ययन की ज़रुरत है

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किशमिश को भारत में अनेको नामो से जाना जाता है

हिन्दी में किशमिश (Kishmish), अंग्रेजी में राइसिन (Raisin), मलयालम में उनक्कु मुन्थिरिंगा (Unakku Munthiringa), कन्नड में वोनाद्राकशी (Vonadraakshe),तेलुगु में एंडुद्राक्षा (Endudraksha), तमिल में ऊलर धराक्षी (Ular Dhraakshai), गुजराती में लाल द्राक्ष (Lal Draksh) और मराठी में इसे मनुका (Manuka) के नाम से जाना जाता है।

किशमिश कितने प्रकार की होती है ?

किशमिश मुख्य रूप से अनेक प्रकार की होती है। परन्तु तीन प्रकार की किशमिशो का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है
(1) भूरी किशमिश (Brown Raisins)

(2) गोल्डन किशमिश  (Golden Raisin)

(3) करंट या काली किशमिश  (Current or Black Raisins)

(1) भूरी किशमिश (Brown Raisins) यह किशमिश अंगूरों को तीन हफ्तों तक सुखाकर बनाई जाती है। सूखने के बाद इनका रंग भूरा हो सकता है।

अलग-अलग जगहों पर इसे बनाने के लिए विभिन्न तरह के अंगूरों का इस्तेमाल किया जाता है। इनका रंग, आकार और स्वाद अंगूर के प्रकार पर निर्भर करता है।

(2) गोल्डन किशमिश (Golden Raisin) यह Seed free अंगूरो को सुखाकर बनाई जाती । यह किशमिश अंगूरो की सुल्ताना किस्म से उत्पन्न होता है। 

Golden Raisin मुख्य रूप से तुर्की में उत्पादित होते हैं। इस उत्पादन प्रक्रिया में,  Golden Raisin को सल्फर डाइऑक्साइड के साथ मिलाया जाता है।

और कृत्रिम रूप से गर्म किया जाता है। यह इसकी सुखाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए है।

Golden Raisin वास्तव में बहुत नरम है। Golden Raisin रंग सुनहरा होता है और वे बड़े और रसदार होते हैं। उस मामले के लिए Golden Raisin एक बेरी से मिलता जुलता नहीं है।

Golden Raisin का उपयोग स्नैक फूड के रूप में किया जाता है। तथा Golden Raisin का उपयोग फलों के केक और बाथ बन जैसे व्यंजनों में भी किया जाता है।

अमेरिका में, Golden Raisin को “सुल्तान किशमिश” (Sultan Raisin) कहा जाता है। तथा सुल्ताना किशमिश में अंगूर के हल्के रंग को बनाए रखने के लिए इन अंगूरों को सल्फर डाइऑक्साइड नामक एक संरक्षक में मिलाया जाता है।

ऑस्ट्रेलिया में, कुछ Golden Raisin सूखने वाले घोल के बिना बनाए जाते हैं। ये अंगूर सूखने में तीन सप्ताह तक समय लेते हैं। और गहरे भूरे रंग के होते हैं। उन्हें अक्सर “प्राकृतिक” Golden Raisin के रूप में जाना जाता है।

(3) करंट या काली किशमिश  (Current or Black Raisins) इन्हें काले अंगूर से बनाया जाता है।और इस प्रकार की किशमिश को जांटे करंट भी कहा जाता है। करंट किशमिश सिकुड़ा हुआ होता है। इसके अलावा, सूखे करंट बेहद मीठे और सुगंधित होते हैं।

यदि आप उनका उपयोग करते हैं, तो करंट का उपयोग स्नैक फूड के रूप में और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है जैसे कि करंट केक, करंट स्लाइस, स्कोनस, क्रिसमस केक, कीमा, क्रिसमस का हलवा,

एक शोध से पता चलता है कि काली किशमिश (Black Raisins) खाने से रक्तचाप (blood pressure) को संतुलित बनाए रखने में सहायता मिलती हैं। इस शोध के मुताबिक, काली किशमिश पोटैशियम का अच्छा स्रोत होती है, जो रक्तचाप (blood pressure) को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

क्या किशमिश खाने से वजन बढ़ता है ?

किशमिश (Raisins) हर किसी की पहली पसंद होती हैं परन्तु किशमिश खाने की बात आती है तो बहुत लोगो को यह कन्फ्यूजन रहता है की किशमिश (Raisins) खा कर उनका वजन बढ़ जायेगा।

परन्तु इसे खाने से शरीर में ब्लड बनता है और साथ ही वजन भी कम होता है। और किशमिश की एक सबसे बड़ी खास बात यह है। की किशमिश (Raisins) अन्य ड्राई फ्रूट्स की तुलना में सस्ती होती है।

किशमिश खाने फायदे 

(1) किशमिश को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह फूल जाने पर खाएं और किशमिश जिस पानी में भिगाये है उस पानी को भी पी लें।

भीगी हुई किशमिश में आयरन, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम,और फाइबर भरपूर होता है। इसमें मौजूद शुगर प्राकृतिक होती है इसलिए सामान्यतः इसका कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन डायबीटीज के मरीजों को किशमिश नहीं खानी चाहिए।

रात में भीगी हुई किशमिश खाने और इसका पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स के कारण इम्यूनिटी बेहतर होती है जिससे बाहरी वायरस और बैक्टीरिया एवं अनेको बीमारियों से लड़ने की ताकत हमारा शरीर में अधिक हो जाती है।

किशमिश के अन्य फायदे क्या क्या है

किशमिश से मिलती है ताकत और स्फूर्ति –किशमिश में मौजूद नेचुरल शुगर आसानी से पच जाती है. जिससे शरीर को तुरंत ही ताकत मिल जाती है. इसमें कोलेस्‍ट्रॉल नहीं होता है.

किशमिश खाने से हड्डिया मजबूत होती है — किशमिश में कैल्शियम अधिक मात्रा में होता हैं। जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा किशमिश में नेचुरल शुगर होती है।

किशमिश खाने से खून की कमी नहीं होती — किशमिश के नियमित उपयोग से शरीर में खून की कमी की समस्या दूर होती है। किशमिश खाने से हमारे शरीर में मौजूद रेडिकल्स खत्म हो जाती है । जिससे हमें मौसमी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

किशमिश खाने से एसिडिटी कम होती है– किशमिश में पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। इससे पेट की एसिडिटी कम होती है और आर्थराइटिस, गठिया, किडनी स्टोन और दिल की बीमारियों से बचाव होता है।

किशमिश में पॉलीफिनोलिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आपकी आंखों की रौशनी को तेज बनाये रखते हैं।

किशमिश आंखों के लिए है फायदेमंद –किशमिश में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स उन फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं जो आंखों को कमजोर बनाते हैं और आंखों की मांसपेशियों को ढीला करते हैं। इसके साथ ही किशमिश में विटामिन ए, बीटा-कैरोटीन और ए-केरोटेनोइड होते हैं जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

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किशमिश किसे नहीं खाने चाहिए?

किशमिश पौष्टिक होती है, लेकिन ये उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है जिन्हें मधुमेह या ब्लड शुगर से जुड़े रोग हैं। अगर आपको जेस्टेशनल डायबिटीज है या अन्य चिकित्सीय समस्याएं हैं, तो आप एक बार डॉक्टर से सलाह अवश्य ले हो सकता है किशमिश की जगह कोई अन्य विकल्प वाले आहार आपको बता सके।

किशमिश खाने के नुकसान क्या क्या है ?

यदि आप अधिक मात्रा में किशमिश का सेवन करते है तो आपका वजन ज्यादा बढ़ सकता है। जिसकी वजह से आपको कई सारी समस्यायें भी हो सकती है।

किशमिश का आवश्यकता से अधिक सेवन करने से लीवर संबंधी परेशानी भी हो सकती है।

किशमिश के अधिक सेवन से उल्टी और दस्त जैसी समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।

अगर आपको किसी प्रकार की फ़ूड या ड्राय फ़ूड से एलर्जी है तो संभव है की किशमिश खाने से भी एलर्जी हो सकती है।

बाजार में किशमिश कई रंगों में आती हैं जैसे कि पीली, हरी, ब्राउन और काली। स्वास्थ्य के लिहाज से काली किशमिश सबसे अच्छी मानी गई है। इसकेे सेवन से बहुत बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। किशमिश की अच्छी क्वालिटी की पहचान कैसे करें। आओ जानते हैं।

किशमिश खरीदते समय कौन -कौन सी बाते ध्यान रखनी चाहिए

किशमिश की अच्छी क्वॉलिटी की पहचान रंग तथा स्वाद के आधार पर की जा सकती है। अच्छी क्वॉलिटी की किशमिश की पहचान के कुछ टिप्स यहाँ पर दिए गए है

कैलिफॉर्निया किशमिश हरे रंग की होती है। यह खाने में पूरी तरह मीठी नहीं होती।
अफगानिस्तानी किशमिश अमूमन हरे रंग की होती है, लेकिन इसका एक हिस्सा ब्राउन रंग का होता है। यह खाने में मीठी होती है।

गोल्डन इंडिया किशमिश देखने में सुनहरे रंग की होती है। यह आकार में गोल और खाने में मीठी होती है।

अगर किशमिश में चीनी जैसा कुछ दिखाई दे तो उसे न खरीदें क्योंकि हो सकता है कि इन्हें मीठा बनाने के लिए कुछ मिलाया गया हो।

अगर किशमिश खरीदते समय उनमे पानी दिखाई दे तो समझ लें कि यह सेहत के लिए हानिकारक है। इन्हें सही तरीके से तैयार नहीं किया गया है।

अगर किशमिश सूंघने पर सल्फर जैसी गंध आती हो तो इसे न खरीदे क्योंकि उन्हें गोल्डन रंग देने के लिए केमिकल मिलाया जा सकता है।

आप किशमिश का अच्छा लाभ पाने के लिए आर्गेनिक किशमिश की खरीदारी भी कर सकते हैं यह मंहगी जरूर है लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही लाभकारी होती है।

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