कोरोना काल में कंपनी ने काटकर दी सैलरी,बस कंडक्टर हुआ अपनी किडनी बेचने मजबूर

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bus conductor offers to sell his kidney on facebook

पैसों की तंगी से बस कंडक्टर हनुमंथ कलेगार हुआ अपनी किडनी बेचने मजबूर

कोरोना काल में बहुत लोगो को बेरोजगारी का सामना करने को मजबूर कर दिया। इस दौरान कई लोगों की नौकरीया भी चली गई। वहीँ कई कम्पनियो ने अपने कर्मचारियों की सैलरी काट कर दी। जिसके कारण कई लोगों के लिए घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया। ऐसा ही कुछ हुआ कर्नाटक के एक बस कंडक्टर (conductor) के साथ जो कई कई महीने से अपनी कटी सैलरी की वजह से अपनी किसनी बेचने को मजबूर हो गया

कर्नाटक में रहने वाले एक बस कंडक्टर (conductor) ने फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने का ऑफर दिया है। 38 साल के बस कंडक्टर हनुमंथ कलेगार ने कहा कि उसे दी जा रही सैलरी से उसका घर नहीं चल पा रहा था। इस वजह से उसने फेसबुक पर अपनी किडनी बेचने के लिए ऐड डाल दिया।

कर्नाटक की सरकारी ट्रांसपोर्ट कंपनी में बस कंडक्टर (conductor) के तौर पर काम करने वाले शख्स ने अपने सोशल मीडिया से किडनी बेचने को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। 38 साल के बस कंडक्टर ने कहा कि वेतन में कटौती की वजह से दैनिक खर्चे पूरे नहीं हो रहे हैं, जिस कारण मैं अपनी किडनी बेचने को तैयार हूं। 

बस कंडक्टर हनुमांत कालेगर ने दावा किया कि महामारी की वजह से उसकी वित्तीय स्थिति पहले से और ज्यादा खराब हो गई है। शख्स ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैं एक ट्रांसपोर्ट कर्मचारी हूं, मेरे पास घर के किराए और राशन भरने के पैसे नहीं है, इसलिए मैं अपनी किडनी बेचने के लिए तैयार हूं। ये मेरा फोन नंबर है। 

फेसबुक पर किया अपना दुःख पोस्ट

हनुमांत कालेगर उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के गंगावती डिपो (North East Karnataka Road Transport Corporation) में बस कंडक्टर के तौर पर काम करते हैं। हनुमांत कालेगर के मुताबिक, उन्हें घर का किराया देना होता है ।

किराने का सामान, बच्चों की शिक्षा और अपने माता-पिता की दवाई के लिए खर्च के लिए पैसों की जरूरत होती है। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अपने बेटे को चौथी कक्षा में पढ़ने के लिए उसके दादा-दादी के पास भेज दिया है ताकि वो उसके खर्च का ध्यान रख सकें।

ट्रांसपोर्ट कंपनी ने कहा हनुमांत कालेगर कामचोरी करता था

उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन कोप्पल डिविजनल कंट्रोलर (NEKRTC’s Koppal Divisional Controller) एम ए मुल्ला ने कहा है कि बस चालक अपनी नौकरी में रेगुलर नहीं था, वो कभी आता है कभी नहीं।जिसकी वजह से उसका वेतन काटा गया। 

मुल्ला ने आगे कहा कि मैंने उसे और उसके परिवार से कई बार कहा था कि वो काम पर रोजाना आए ताकि उसकी स्थिति में सुधार हो । लेकिन वो काफी इरेग्युलर था। ऐसे में कंपनी पर सैलरी कम देने का आरोप लगाना गलत है।

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