Best Vitamins For Diabetes in hindi in hindi | Vitamins and Diabetes What’s Recommended | Which vitamin is best for diabetes | vitamins can save you from diabetes | diabetes treatment vitamin supplement

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Can you take multivitamins if you have diabetes
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Best Vitamins For Diabetics | Vitamins and Diabetes What’s Recommended | Which vitamin is best for diabetes | Can you take multivitamins if you have diabetes | vitamins can save you from diabetes | diabetes treatment vitamin supplement in hindi | कौन- कौन से विटामिन्स डायबिटीज से बचाते हैं

Best Vitamins For Diabetics : शरीर की कोशिकाएं सही से विकास करें व संचालित रहें इसके लिए विटामिन मुख्य भूमिका निभाते हैं। खाने में जरूरी पोषक तत्व व विटामिन की कमी होने के कारण कई तरह की बीमारियां और परेशानियां होती है। डायबिटीज रोगियों के खान-पान में कई तरह के परहेज होते हैं जिसके कारण यह समस्या और बढ़ जाती है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर खान-पान से विटामिन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है (Best Vitamins For Diabetics) तो उसके सप्लिमेंट्स का सेवन करना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीज के लिए कौन-कौन से विटामिन जरूरी होते हैं।

विटामिन ए (Vitamin A) : टाइप 1 डायबिटीज़ (Best Vitamins For Diabetics) से प्रभावित बुज़ुर्गों में विटामिन ए की कमी पाई जाती है| ऐसी हालात में रेटिनॉल लेने की सलाह दी जाती है, जिसमें विटामिन ए की बहुतायत है| रेटिनॉल में पाया जाने वाला प्रोटीन इन्सुलिन सवेदनशीलता पर सीधे असर करता है|

विटामिन बी (Vitamin B) :विटामिन बी का शरीर के संचालन में अहम रोल होता है। अगर इंसान के अंदर इस विटामिन की कमी हो जाती है तो इसके गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। विटामिन बी कई प्रकार का होता है, थाइमिन (B1), फ़ॉलिक एसिड (B9) और कोबालामिन (B12) डायबिटिक लोगों के लिए विटामिन बी (Best Vitamins For Diabetics) के अहम प्रकार हैं।

बी1 (Vitamin B1) : टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज़ में बी1 की मात्रा कम पाई जाती है. बी1 से डायबिटिक लोगों के ख़ून में ग्लूकोज़ और लेप्टिन का लेवल तेज़ी से कम होता है. लेप्टिन को एपेटाइट हार्मोन भी कहते हैं.लिहाज़ा ये विटामिन डायबिटिक लोगों के लिए फ़ायदेमंद है.

ख़ून में होमोसिस्टीन बढ़ने से विटामिन बी9 और बी12 की कमी हो जाती है. टाइप 2 डायबिटिक लोगों में होमोसिस्टीन का लेवल ज़्यादा पाया गया है. इसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी परेशानियां भी होती हैं. टाइप 2 डायबिटीज़ में विटामिन बी9 ख़ून में शुगर लेवल बेहतर करने के लिए कारगर है, क्योंकि ये एचबीए1सी, फ़ास्टिंग ग्लूकोज़, सीरम इन्सुलिन और होमोसिस्टीन का लेवल कम करने में मददगार है. साथ ही इससे इन्सुलिन की संवेदनशीलता में इज़ाफ़ा होता है.

बी12 (Vitamin B12): मेटफ़ॉर्मिन लेने से शरीर में बी12 की कमी हो सकती है. जो डायबिटिक मेटफ़ॉर्मिन नहीं लेते हैं, उनमें भी बी12 की कमी पाई जाती है. अगर ऐसे लोगों को नस /तंत्रिका से जुड़ी परेशानी भी होने लगे तो निश्चित रूप से उनकी हालत ख़राब होगी. गंभीर तौर से डायबिटिक न्यूरोपैथी से प्रभावित लोग अगर विटामिन बी12 लेना शुरू करें, तो उन्हें कुछ राहत मिल सकती है.

विटामिन सी (Vitamin C) डायबिटीज के मरीजों में शुगर का लेवल ज्यादा होता है जिसकी वजह से अक्सर वो स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं। इस अवस्था में विटामिन सी की जरूरत बहुत ज्यादा होती है। विटामिन सी (Best Vitamins For Diabetics)  एंटीऑक्सिडेंट का काम करता है। विटामिन सी के सेवन से ब्लड के ग्लूकोज लेवल में भी कमी होने की संभावना रहती है।

विटामिन डी (Vitamin D) विटामिन डी और टाइप-2 डायबिटीज में संबंध होता है यह कई शोध में पाया जा चुका है। अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो पैन्क्रियाटिक क्रिया सही से नहीं हो पाती है। शरीर में इंसुलिन बनने की क्रिया पर भी प्रभाव पड़ता है। विटामिन डी का सेवन डायबिटीज के मरीज को जरूर करना चाहिए।

विटामिन ई (Vitamin E)विटामिन ई की भी कमी डायबिटीज के मरीजों में देखी जाती है। विटामिन ई शरीर के लिए बेहत आवश्यक होता है। विटामिन ई एक तरह से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।

Can you take multivitamins if you have diabetes
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आप समझ ही गए होंगे कि अपने आपको स्वस्थ रखने में विटामिन्स का कितना बड़ा योगदान होता है| इसलिए आपको रोजाना विटामिन्स को भी अपनी डाइट प्लान में शामिल जरूर करना चाहिए| अब आप सोच रहे होंगे कि अगर हमे ये सरे विटामिन्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहते है तो हर समय कुछ न कुछ खाते रहना होगा ?

लेकिन ऐसा नहीं हे मई आज आपको कुछा ऐसे सप्लीमेंट्स बता रही हु जिन्हे आप डायबिटिस में ले सकते हैं। और विटामिन्स की जरूरत को पूरा कर सकते है।

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सप्लीमेंट्स जिसे डायबिटिक ले सकते हैं:

  • मछली के तेल से बने कैप्सूल, क्रोमियम, मैग्नीशियम, सीलियम, अल्फ़ा, लिपॉइक एसिड और मेथी को बतौर सप्लीमेंट लिया सकता है.
  • मछली के तेल से बने कैप्सूल (फ़िश ऑयल कैप्सूल) में ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड पाए जाते हैं, जो जलन कम करते हैं, दिल की धड़कन सामान्य करते हैं और जिन लोगों को दिल की बीमारियों का ख़तरा है, उनकी नसें ब्लॉक होने से रोकते हैं.
  • क्रोमियम इन्सुलिन का असर बढ़ाता है और पूरे शरीर से ग्लूकोज़ का लेवल कम करता है.
  • मैग़्नीशियम: टाइप 2 से प्रभावित लोगों में मैग़्नीशियम लेवल कम होता है, हालांकि मैग़्नीशियम क्यों फ़ायदेमंद है, इस बारे में अभी पूरी जानकारी नहीं है.
  • सीलियम (इसबगोल) से शरीर में घुलनशील फ़ाइबर का लेवल बढ़ता है, जो खाने के बाद ख़ून में शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है.

विटामिन्स अधिक मात्रा में लेने के नुकसान

ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन ए (vitamin A) लेने पर चक्कर आना, मितली, सिर में भारी दर्द की शिकायत हो सकती है, और यहां तक कि कुछ मामलों में इंसान कोमा में भी जा सकता है.
सप्लिमेंट के तौर पर ज़्यादा विटामिन बी1 लेने से डायबिटीज़ से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं.

विटामिन बी6 (vitamiB6) ज़रूरत से ज़्यादा लेने पर त्वचा पर दाग़, मितली, सीने में जलन और ज़रूरत से ज़्यादा संवेदनशीलता हो सकती है.

ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन डी (vitamin D) लेने से कब्ज़, कमज़ोरी, वज़न में कमी और उल्टी होने का ख़तरा हो सकता है साथ ही शरीर में कैल्सियम की मात्रा बढ़ती है, जिससे व्याकुलता महसूस और भ्रम होने लगता, किडनी को नुक़सान पहुंचता है, दिमाग़ी भटकाव होता है और दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है.

क्या एंटीबायोटिक किसी विटामिन के साथ रिएक्ट करते हैं?

एंटीबायोटिक और विटामिन सप्लिमेंट एक-दूसरे के साथ रिएक्ट नहीं करते. लेकिन अलग से कुछ भी लेने या उसे बंद करने से पहले (ख़ासकर हर्बल दवाएं) अपने डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है.

डायबिटिक व्यक्ति सप्लिमेंट लेते वक़्त इन बातों पर ध्यान दें:

सबसे पहले, खाने का कोई भी ज़रूरी सामान और सप्लिमेंट्स, ख़ासकर औषधियां लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें. दूसरी बात, ज़रूरत से ज़्यादा कुछ भी लेना नुक़सानदेह है और उसके अच्छे नतीजे नहीं मिलते. लिहाज़ा सेहत को किसी भी नुक़सान से बचाने के लिए ये सावधानियां ज़रूर बरतनी चाहिए: