कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव



कोरोनोवायरस का प्रभाव अब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने लगा है। चाइनीज इंडस्ट्री बंद है. बंदरगाहों पर जो सामान अन्य देशो को आयत -निर्यात होना था वह भी बंद है. अभी की स्थिति में कई देश सावधानी बरत रहे।
अगर कोरोनावायरस का जल्दी कोई इलाज नहीं मिलता है तो दुनिया में आर्थिक मंदी का शंकट गहरा सकता है।
कोरोनोवायरस की वर्तमान स्थिति
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन में कोरोनावायरस से संक्रमित नए मामलों में कमी दिखाई दी।
बुधवार को, चीन में पुष्टि किए गए नए मामलों की संख्या में फिर से कमी देखी गयी और 1,749 नए मामलों पुष्टि किए किये गए। संक्रमित लोगो की संख्या 74,185 तक पहुंच गयी है।
पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस से मरने वालो की संख्या 136 थी, अभी तक कुल 2,004 लोगो की कोरोनावायरस से मृत्यु हो चुकी है।
चीनी सरकार कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठा रही है. चीन के 10 प्रतिशत लोग सरकार की निगरानी में रह रहे है।
अन्य देशो में अभी तक कोरोनावायरस से संक्रमित 25 मामलों की पुष्टि हुई है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने चिंता जाहिर की है कि हालात और ख़राब हो सकते है दुनिया भर के मेडिकल साइंटिस्ट इसका इलाज खोजने में लगे है।
चीन में यह पहली बार नहीं
चीन में यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी इसी तरह के वायरस ने 2002-2003 में भी सैकड़ों लोगो की जान ली थी। किन्तु पिछले 20 साल में चीन ने जो प्रगति की है वह अविश्वसनीय है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
कोरोनोवायरस के कारण चीन अपने इंडस्ट्रीज के बड़े हिस्से को बंद कर चुका है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कपनियों पर कोरोनोवायरस का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है एप्पल ने कहा है कि दुनिया भर में iPhone की आपूर्ति अस्थायी रूप से बाधित होगी।
जगुआर, लैंड रोवर, ने जहाँ कई कारखानों में उत्पादन धीमा कर दिया है. फिएट क्रिसलर, रेनॉल्ट और हुंडई भी इसी तरह की समस्या का सामना कर रहे है।
जहाँ दुनिया भारत जैसे विकासशील देशो की ओर एक नए विकल्प के तौर पर देख रही है। वही भारत देश इसके लिए तैयार नहीं है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
इसका बड़ा कारण भारतीय इंडस्ट्री का केवल असेम्बलिंग इंडस्ट्री होना है मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, गाड़िया, आदि प्रोडक्ट्स के पार्ट्स चीन से ही आते है. उनको भारत में केवल असेम्बॅल किया जाता है।
भारत अपने ज़रूरत की लगभग 70 प्रतिशत वस्तुए चीन से आयात करता है और उसका निर्यात चीन के साथ मात्र 16 प्रतिशत है।
भारत न केवल इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में पूरी तरह से चीन पर निर्भर है किन्तु वह दवाइयां, रसायन कपड़ा, खिलौने आदि चीन से आयात करता है।
भारत में मेक इन इंडिया अभी शुरुआती दौर में है पर जो अभी चीन में हो रहा है वह भारत के लिए भी अच्छी खबर नहीं है. आने वाले कुछ साल भारत के लिए भी अच्छे नहीं होने वाले है।
हम उम्मीद करते है कि इस मुश्किल वक्त से चीन के लोग जल्द ही बाहर निकल आएंगे।
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