पियरे कार्डिन : जिसने पहली बार पहनावे को फैशन बनाया

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पियरे कार्डिन : जिसने पहली बार पहनावे को फैशन बनाया
पियरे कार्डिन : जिसने पहली बार पहनावे को फैशन बनाया
image by : dams happy

पियरे कार्डिन: वो आदमी, जिसने पहली बार पहनावे को फैशन बनाया उनका मंगलवार (29 दिसंबर को) निधन हो गया

 कार्डिन, जो कहते थे कि मुझे सिर्फ फैशन डिज़ाइन नहीं बने रहना है “मैं अपने नाम के साबुन से हाथ धोता हूं. अपने नाम का परफ्यूम लगाता हूं. अपने नाम की चद्दर पर सोता हूं. अपने नाम पर ही जीता हूं.”

मशहूर फ्रांसीसी फैशन डिज़ाइनर, जिन्होंने पहली बार फैशन को बिज़नेस से जोड़ा था. जिन्होंने पहली बार ये सोचा था कि फैशन में भी तो बिज़नेस हो सकता है. कार्डिन नहीं रहे.

पहनावे में उपयोग होने वाले परिधानों को स्टेट्स सिंबल वाला रेडी टू वीयर फैशन बनाने वाले मशहूर फ्रांसीसी फैशन डिजाइनर पियरे कार्डिन (french fashion designer pierre cardin) का मंगलवार (29 दिसंबर को) निधन हो गया। फ्रांस एकेटमी ऑफ फाइन आर्ट्स ने बताया कि कार्डिन ने पेरिस के न्यूरिली स्थित अमेरिकन अस्पताल में अंतिम सांस ली। 

उत्तरी इटली में वेनिस के पास 1922 में साधारण परिवार में पैदा होने के बावजूद कार्डिन ने न केवल खुद को फ्रांस का फैशन सुपरस्टार बनाया,बल्कि नया सीखने की इच्छा के बूते 75 साल फैशन इंडस्ट्री के आइकन बने रहे।

कार्डिन ने कलाई की घड़ी से बेडशीट तक ऐसे असंख्य उत्पाद दिए, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उनके उत्पाद पांच महाद्वीपों के 140 से ज्यादा देशों में करीब 800 लाइसेंस के जरिए बेचे गए।

फ्रांसीसी डिज़ाइनर, जो साड़ी का मुरीद था

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार – 1972 की बात है. वेनिस शहर में एक कार्यक्रम हुआ. ‘ईस्ट मीट्स वेस्ट’ नाम से. दुनिया के कोने-कोने से तमाम कलाकार, डिज़ाइनर्स वगैरह जुटे. उस समय भारत में सिमी ग्रेवाल का बड़ा नाम हुआ करता था.

और देश-दुनिया के फैशन में पियरे कार्डिन का. लिहाजा कुछ फोटोग्राफर्स इन दोनों की साथ में तस्वीरें लेना चाहते थे. कार्डिन और ग्रेवाल का आमना-सामना हुआ. ग्रेवाल ने साड़ी पहन रखी थी.

फ्रांस के डिज़ाइनर कार्डिन के पहले शब्द थे– “आप साड़ी में काफी खूबसूरत लग रही हैं.”

कुछ बरस बीते. कार्डिन भारत आए. फिर सिमी ग्रेवाल से सामना हुआ. इस बार सिमी किसी वेस्टर्न ड्रेस में थीं. कार्डिन फौरन बोले– “साड़ी कहां है ?”

“मुझे सिर्फ डिज़ाइनर नहीं बने रहना”

कार्डिन की पैदाइश 7 जुलाई 1922 की रही. वेनिस, इटली में. फैशन डिज़ाइनिंग में करियर शुरू किया. कुछ साल काम किया. इसी बीच एक रोज़ उनकी मुलाकात हुई अमेरिका के फैशन क्रिटिक और पत्रकार यूगेनिया शैफर्ड से. बातचीत हुई तो कार्डिन बोले–“मुझे सिर्फ एक डिज़ाइनर नहीं बने रहना है.”

1950 में कार्डिन ने अपनी पहली शॉप खोली. 7 से 8 साल का वक्त था कि कार्डिन का पुरुषों के कपड़ों की रेंज में अच्छा-ख़ासा नाम हो चुका था. 1959 में उन्होंने महिलाओं के लिए पहला रेडी-टू-वियर कलेक्शन लॉन्च किया. यहां से उनका नाम तेजी से आगे बढ़ा.

french fashion designer pierre cardin

कार्डिन ने 1960 में एक जैकेट डिज़ाइन की. स्लीवलेस. छोटे कॉलर. हाई आर्महोल्स. जैकेट काफी पॉपुलर हुई. ख़ास बात ये रही कि उस दौर में भारत में भी इस तरह की जैकेट का ट्रेंड चल निकला. क्योंकि कुछ-कुछ इसी तरह की जैकेट जवाहर लाल नेहरू को पहने लोगों ने देखा था. नाम मिला– नेहरू जैकेट. जैकेट अभी तक ट्रेंड में है.

नासा के लिए कलेक्शन

1969 में कार्डिन से संपर्क किया नासा ने. स्पेससूट का डिज़ाइन तैयार करने के लिए. ये बड़ी बात थी. कार्डिन ने कहा–

“अब मैं कह सकता हूं कि मैं उस ज़िंदगी के लिए भी कपड़े डिज़ाइन करता हूं, जो अभी अस्तित्व में ही नहीं है.”

पियरे कार्डिन के नाम पर कपड़ों की रेंज, परफ्यूम्स, रेड टू वियर कपड़े, चश्मे तो बने ही. साथ ही साथ अगर आप पढ़ने-लिखने के शौकीन हैं तो आपको ध्यान होगा पियरे कार्डिन का पेन. मिडल क्लास परिवारों के बीच पेन के दो ब्रैंड स्टेटस सिंबल हुआ करते थे (और शायद अब भी हैं)– पारकर और पियरे कार्डिन.

Amar Ujala के अनुसार – घूमते हुए तैयार किए फिल्मी परिधान
उन्होंने 1947 में पेरिस में घूमते हुए कवि, कलाकार और निर्देशक जीन कोएक्ट्यू के साथ फिल्म ब्यूटी एंड द बीस्ट के लिए मंत्रमुग्ध करने वाले सेट और परिधान तैयार कर दिए।

अन्य फ्रांसीसी कंपनियों से पहले 1950 में ही उन्होंने फैशन लेबल तैयार किया। जब फैशन जगत में फ्रांस इकलौता दिग्गज था। तब कार्डिन ने डिजाइनों को मास्को, टोक्यो और बीजिंग ले जाकर मार्केट बताया। 1970 और 80 के दशक में उनके उत्पादों दुनियाभर की 100000 दुकानों पर बेचे गए

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