गरीब परिवार में जन्मे Rajnikanth के संघर्ष से शोहरत की बुलंदियों तक का सफर, आइए जानें उनके सफर को

Sports News
दादा साहेब अवार्ड मिलने पर क्या बोले रजनीकांत 
दादा साहेब अवार्ड मिलने पर क्या बोले रजनीकांत 

थलाईवा रजनीकांत (Rajnikanth) ने साल 11973 में एक्टिंग में डिप्लोमा लिया और 1975 की तमिल ड्रामा फ़िल्म अपूर्वा रागंगाल से उन्होंने डेब्यू किया था, रजनीकांत ने तमिल फ़िल्म में अनेको मनमोहन किरदार किये है, जिन्हें लोग आज भी याद करते है। वे तमिलनाडु के सबसे प्रसिद्ध शख्सियत बन गए। फिल्मो में उनका डायलॉग बोलने का अपना एक अलग अंदाज़ है, उनके इसी अंदाज़ आवाज़ और स्टाइल के लिए लोग देश ही नही बल्कि विदेशो में भी दीवाने है।

हालांकि रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। और दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे। रजनीकांत ने बॉलीवुड में कदम 1983 में रखे और उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी। रजनीकांत ने इसके बाद सिर्फ तरक्की की सीढ़ियां चढ़ीं।

आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं। दादा साहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनके ही नाम पर हर साल ये पुरस्कार दिए जाते हैं।और आज (1 -4 – 2021) रजनीकांत को भारतीय फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फालके दिया गया है रजनीकांत से पहले अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार दिया गया था।अब तक 50 बार ये पुरस्कार दिया जा चुका है।

रजनीकांत को भारतीय फिल्म जगत का सर्वोच्च सम्मान दिए जाने पर भाजपा पर यह आरोप लग रहा है कि उसकी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए ये पुरस्‍कार दिया है। क्युकी इन दिनों तमिलनाडु में विधान सभा चुनाव हो रहे है

दादा साहेब अवार्ड मिलने पर क्या बोले रजनीकांत 

दादा साहेब फाल्‍के अवार्ड मिलने के ऐलान के बाद रजनीकांत ने कहा कि भारत सरकार, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रकाश जावड़ेकर और ज्यूरी (आशा भोंसले, सुभाष घई, मोहनलाल और बिस्वजीत चटर्जी) को मेरा धन्यवाद, जो उन्होंने मेरा नाम दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड के लिए चुना। मैं इस अवॉर्ड को उन लोगों को समर्पित करता हूं, जो मेरे इस सफर में साथ रहे। सभी को दिल से धन्यवाद।

देविका रानी को सबसे पहले सम्‍मानित किया था इस अवार्ड से

देविका रानी को सबसे पहले इस अवार्ड से किया गया था सम्‍मानित गौरतलब है कि देश का सबसे सम्‍मानित दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार भारत सरकार द्वारा हर साल दिया जाता है। ये पुरस्‍कार सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा नेशलन पुरस्‍कारों के साथ दिया जाता है। दादा साहेब फाल्के अवार्ड सर्वप्रथम एक्‍ट्रेस देवका रानी को दिया गया है।

रजनीकांत का बचपन – Rajinikanth early life

रजनीकांत (Rajnikanth) का जन्म 12 दिसम्बर 1950 को कर्नाटक प्रदेश के बैंगलूर में एक महाराष्ट्रीयन मराठा हेन्द्रे पाटील मराठा समाज में हुआ रजनीकांत का पुरा नाम शिवाजीराव गायकवाड है. रजनीकांत का परिवार मराठी पृष्ठभूमि का था,

रजनीकांत (Rajnikanth) की माता का नाम “रामबाई” था जो कि एक गृहणी थी और पिता “रामोजीराव गायकवाड” एक पुलिस कांस्टेबल थे. उनके घर की आर्थिक स्थिती ज्यादा अच्छी नहीं थी. चूँकि रजनीकांत मराठी पृष्ठभूमि से नाता रखते थे इसलिए उनका नाम महान वीर योद्धा “छ्त्रपति शिवाजी” के नाम पर रखा गया था.

रजनीकांत की शिक्षा – Rajinikanth education

रजनीकांत (Rajnikanth) अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. रजनीकांत ने बचपन में ही महज 5 साल की उम्र में अपनी माँ को खो दिया था।
रजनीकांत ने ‘गाविपुरम गवर्नमेंट कन्नड़ मॉडर्न प्राइमरी स्कूल ‘नाम के स्कूल से अपनी प्राइमरी एजुकेशन पूरी की और कहते है


रजनीकांत उस समय बड़े पढ़ाकू किस्म के बच्चे थे। अपने स्कूलिंग के दौरान भी उन्होंने नाटकों में भाग लेना जारी रखा जिसकी वजह से उनके थिएटर का शौक बढ़ता चला गया और जिसे बाद में जाके एक मुकाम भी मिला शुरुवाती शिक्षा “गाविपुरम गवर्नमेंट कन्नड़ मोर्डन प्राइमरी स्कूल” में हुई. रजनीकांत उस समय पढाई लिखाई में विशेष रूचि रखते थे.

रजनीकांत (Rajnikanth) की बचपन से ही आध्यात्म में भी खासी रूचि रही हैं, जिसका कारण उनकी बाकि की शिक्षा “रामकृष्ण मठ” में हुई, जिसका संचालन “रामकृष्ण मिशन” द्वारा किया जाता था. रामकृष्ण मिशन के संस्थापक रामकृष्ण परमहंस के बारे में जानने के लिए पढ़े.

रजनीकांत (Rajnikanth) का बचपन से ही कला के प्रति विशेष रुझान था, जिसके चलते वे मठ में होने वाले कई सांस्कृतिक प्रोग्राम में भी भाग लेते रहते थे, जिस से उनकी रूचि कला के क्षेत्र में और गहरी होती चली गई. इसके बाद की शिक्षा रजनीकांत ने “आचार्य पाठशाला पब्लिक स्कूल” से प्राप्त की. स्कूल में पढाई के दौरान भी उन्होंने नाटक आदि में भाग लेना ज़ारी रखा.

रजनीकांत का कार्यक्षेत्र – Rajinikanth career

हम सोच भी नहीं सकते हैं कि अपनी शिक्षा पूरी होने के बाद अपने जीवन की शुरुवात एक कारपेंटर की नौकरी से की, फिर कुली का काम किया और इसी बीच में “बैंगलूर ट्रांसपोर्ट सर्विस” में भर्ती निकली, जिसमे रजनीकांत को सफलता प्राप्त हुई और वे बी. टी. कंडेक्टर बन गए.

इस नौकरी से रजनीकांत (Rajnikanth) को आर्थिक सहायता तो मिली लेकिन फिर भी शायद ये वो मुकाम नहीं था, जहाँ रजनीकांत को जाना था. कंडेक्टर की सर्विस के दौरान भी उन्होंने अपने अभिनय तथा कला की रूचि को बनाये रखा, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कार्यशैली सभी सहकर्मियों से भिन्न थी.

उनका अंदाज ही निराला था, एक अलग ही शैली में यात्रियों से बात करना, उनके टिकिट काटना, अपनी शैली में सिटी बजाना, ये सब यात्रियों को और सहकर्मियों को खूब लुभाता था. इस दौरान वे नाटक व स्टेज शो में भाग लेते रहते थे.

रजनीकांत फ़िल्मी करियर – Rajinikanth film career

रजनीकांत (Rajnikanth) को मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने के लिए कहा। दोस्त राज बहादुर ने उनके अभिनेता बनने के सपने को जिंदा न रखा होता। और उन्होंने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने के लिए कहा। दोस्त राज बहादुर की बदौलत ही रजनीकांत आगे बढ़ते गए।

और इसी इंस्टिट्यूट में उन्हें अभिनय के क्षेत्र मेंमें अपना पहला कदम रखने का मौका मिला. यहाँ इंस्टिट्यूट में ही एक नाटक के दौरान उन पर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की नजर पड़ी, जो कि उस समय के बहुत ही मशहूर निर्देशकों में शामिल थे. वो कहावत सच ही हैं कि एक हीरे की परख जौहरी को ही होती हैं. बालाचंदर जी रजनीकांत के अभिनय से बहुत अधिक प्रभावित हुए.

इतना ही नहीं उन्होंने रजनीकांत को अपनी फिल्म में एक अभिनय का प्रस्ताव भी दिया. जिसे रजनीकांत ने तुरंत स्वीकार कर लिया. फिल्म थी “अपूर्वा रागंगाल” ये रजनीकांत की पहली फिल्म बनी. इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी थे। फिल्म में रजनीकांत का किरदार जरुर छोटा था,

लेकिन उनकी अभिनय क्षमता ने बरबस ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इस तरह बालाचंदर जी उन्हें उस फ़िल्मी दुनिया में ले आये, जहाँ रजनीकांत आना चाहते थे. रजनीकांत ने अपने अभिनय की शुरुआत कन्नड़ नाटकों से की थी। दुर्योधन की भूमिका में रजनीकांत घर-घर में लोकप्रिय हुए थे। रजनीकांत को बालचंदर जी ने ही तमिल भाषा सिखने की सलाह दी, जिस पर रजनीकांत ने अमल भी किया.

रजनीकांत का व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार – Rajinikanth family

रजनीकांत (Rajnikanth) ने 24 फ़रवरी 1981 को, आन्ध्र प्रदेश के तिरुपति में लता रंगाचारी नाम की लड़की से शादी की, लता एथिराज कॉलेज की स्टूडेंट थी. लता जी ने अपनी कॉलेज मैगज़ीन के लिए रजनीकांत का इंटरव्यू लिया था, यही उनकी पहली मुलाकात हुई थी.

रजनीकांत (Rajnikanth) के परिवार में उनकी दो बेटियां ऐश्वर्या और सौंदर्या है. रजनीकांत की पत्नी “दी आश्रम ” नाम से एक स्कूल चलाती हैं. रजनीकांत की बेटी ऐश्वर्या की शादी 18 नवम्बर 2004 को अभिनेता धनुष से हुई हैं, और छोटी बेटी सौंदर्या, जो कि तमिल फिल्म जगत में प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर हैं, उन्होंने 3 सितम्बर 2010 को बिजनेसमेन श्विन रामकुमार से शादी की हैं.

रजनीकांत के अवार्ड्स एवं अचीवमेंट्स
रजनीकांत के अवार्ड्स एवं अचीवमेंट्स

रजनीकांत के अवार्ड्स एवं अचीवमेंट्स – Rajinikanth awards and honours

रजनीकांत ने लगभग 190 फिल्मो में काम किया है. जिनमे तमिल, कन्नड़, तेलगु, मलयालम, हिंदी, इंग्लिश एवं बंगाली फिल्मे शामिल हैं. इन फिल्मो के लिए उन्हें बहुत सारे अवार्ड्स से सम्मानित किया गया हैं.

  • रजनीकांत को अपना पहला फ़िल्मफेयर अवार्ड 1984 में ‘नल्लवमुकू नल्लवं’ फिल्म में बेस्ट तमिल एक्टर के लिए दिया गया था.
  • रजनीकांत (Rajnikanth) को तमिलनाडु सरकार की तरफ से 1984 में कलाईममणि अवार्ड दिया गया .
  • भारत सरकार ने सन 2000 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा.
  • एशियाविक द्वारा रजनीकांत को दक्षिण एशिया का सबसे प्रभावशाली व्यक्ति घोषित किया गया था.
  • 2007 में एन.डी.टी.वी. ने रजनीकांत को “इंडियन एंटरटेनर ऑफ़ द ईयर” से सम्मानित किया.
  • फोर्ब्स इंडिया ने 2010 में रजनीकांत को भारत के सबसे प्रभावशाली और प्रसिध्द व्यक्तियों में शामिल किया.
  • 2011 में एन.डी.टी.वी. ने रजनीकांत को “मोस्ट स्टाइलिश एक्टर” का ख़िताब दिया.
  • 2013 दिसम्बर में एन.डी.टी.वी. ने रजनीकांत को “25 ग्लोबल लिविंग लिजेंड “ की सूचि में शामिल किया.
  • सन 2016 में पद्म विभूषण देकर सम्मानित किया. सिनेमा एक्सप्रेस और फिल्म फैन्स ऐसोसिएशान की ओर से भी रजनीकांत को कई पुरस्कार मिले हैं.

इन अवार्ड्स के अलावा भी रजनीकांत को कई फिल्मो के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का ख़िताब मिल चूका है.

रजनीकांत की फिल्मे

बिल्ला(1980),थलपति(1991), अन्नामलाई(1992), बाशा(1995), मुथू(1995), अरुणाचलम(1997), बाबा(2002), चंद्रमुखी(2005) ,शिवाजी द बॉस (2007) रोबोट(2010), राना,(2012)लिंगा(2014), कोचादाइयां(2014), एन्थिरन. साथ ही आने वाली फिल्मे हैं रोबोट-2, कब्बाली हैं.

रजनीकांत के बारे में कुछ रोचक तथ्य

  • रजनीकांत (Rajnikanth) की फिल्मे जितनी रोचक है उतना ही रोचक उनका व्यक्तित्व एवं जीवन हैं
  • रजनीकांत बहुत ही दानशील हैं, वे अक्सर सामाजिक कार्यो के लिए दान देते रहते हैं.
  • रजनीकांत पहले ज्यादातर फिल्मो में विलेन(नेगेटिव) का किरदार ही निभाते थे.
  • रजनीकांत की पहली बोलीवुड फिल्म “अँधा कानून” थी, जो की सन 1983 में आई जिसमे उन्होंने हेमा मालिनी और अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय किया. 
  • रजनीकांत ने जब अपना ट्वीटर अकाउंट बनाया, तो 24 घंटो में ही उनके फ़ोलोवार्स की संख्या 2,10,000 हो गई.
  • रजनीकांत (Rajnikanth) के. बालाचंदर को अपना गुरु मानते हैं ,
  • 2007 में शिवाजी एक फिल्म में काम करने के लिए रजनीकांत को 43 करोड़ से भी अधिक का मेहनताना मिला था, जो अपने आप में एक रिकार्ड था. वे एशिया के अन्दर चीन के अभिनेता जेकी चैन के बाद सबसे अधिक भुगतान पाने वाले अभिनेता बने.
  • रजनीकांत को एक अभिनेता के तौर पर पहचान “एस.पी.मुथुरामन” की फिल्म “चिलकम्मा चेप्पिन्डी” से मिली.
  • मराठी परिवार तथा मराठी भाषी होने के बावजूद रजनीकांत ने अब तक एक भी मराठी फिल्म में काम नहीं किया हैं .
  • रजनीकांत को उनके समर्थक “थलाईवा” कह कर पुकारते हैं .
  • रजनीकांत (Rajnikanth) फिल्म “कबाली” (Kabali) में वे एक मलेशियाई डॉन के किरदार में नजर आये हैं.
  • सी.बी.एस.इ. (सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन ) ने अपने पाठ्यक्रम में एक नया पाठ जोड़ा हैं जिसका नाम है “फ्रॉम बस कंडेक्टर टू सुपरस्टार ” हैं. जो कि रजनीकांत के बारे में हैं, इसके साथ ही रजनीकांत पहले ऐसे अभिनेता बन गए है जिन्हें सी.बी.एस.इ. के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया हैं,
रजनीकांत का व्यक्तित्व
रजनीकांत का व्यक्तित्व

रजनीकांत का व्यक्तित्व – रजनीकांत इतने बड़े सुपर स्टार होने के बाद भी एक सामान्य जिंदगी ही जीते हैं, और यही कारण हैं कि उनके प्रशंसक उन्हें प्यार ही नहीं करते बल्कि उनकी पूजा करते हैं. रजनीकांत की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि दक्षिण में उनके प्रशंसको ने उनके लिए एक विशेष मंदिर का निर्माण किया हैं.

  • हास्य या चुटकुलों की दुनिया में रजनीकांत को एक ऐसे किरदार के रूप में जाना जाता है, जो सब कुछ कर सकता हैं, जिसके लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं है. रजनीकांत ने इस बात को सच भी साबित कर दिखाया,

और यही कारण हैं की आज 71 वर्षा की उम्र में भी वे लगातार फिल्मो में काम कर रहे है. आज भी जब बड़े परदे पर रजनीकांत की फिल्म में एंट्री होती है तो लोग थलाईवा-थलाईवा चिल्लाने लगते हैं, जिसका मतलब होता हैं बॉस… रजनीकांत (Rajnikanth) के बारे में और उनकी एक्टिंग के बारे में जितना कहा जाये उतना कम हैं क्योंकि वे एक ऐसे अभिनेता है जिन्होंने करोडो दर्शको के दिलो पर अपनी अमिट छाप छोड़ी हैं.

news courtesy:wikipedi

deepawali

Leave a Reply