देवी शैलपुत्री की आरती,मंत्र
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इस वर्ष शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2020) 17 अक्टूबर से आरंभ होने वाली है.जो 25 अक्टूबर तक चलेंगी।नवरात्र का यह पर्व माँ की शक्ति और भक्तो की भक्ति एवं उपासना का त्योहार है, जिसमें मां के भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करते हुए नौ दिनों तक मां के नाम का व्रत रखते हैं
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शैलपुत्री का ध्यान एवम जपनीय मंत्र इस प्रकार है
देवी शैलपुत्री कवच मंत्र ध्यान वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृत शेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां शैलपुत्री यशस्वनीम्॥
मंत्र का अर्थ- देवी वृषभ पर विराजित हैं। शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है।
इस मंत्र का जाप 108 बार
मंत्र – ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
माँ शैलपुत्री की आरती
शैलपुत्री मां बैल पर सवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
माँ की पूजा एवं कथा से मनोकामना पूर्ण कर होती है । भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
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