Monkeypox Virus | Monkeypox Symptoms Causes And Effects | what is Monkey pox virus how does Monkey pox spread | मंकीपॉक्स क्या है मंकीपॉक्स |

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Monkey pox Virus | Monkeypox Symptoms Causes And Effects | what is Monkey pox virus | how does Monkey pox spread | मंकीपॉक्स क्या है मंकीपॉक्स | monkeypox Virus symptoms causes and effects

Monkey Pox Virus : दुनिया भर में कोरोना वायरस की लहर धीमी पड़ने से थोड़ी राहत महसूस की जा रही है, लेकिन इस बीच मंकी पॉक्स ने चिंताएं बढ़ा दी है। इसके बढ़ते मामले अब धीरे -धीरे पूरी दुनिया में तेजी से फैलते हुए दिखाई दे रहे हैं, इस नए वायरस ने ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक में कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। ये एक ऐसी बीमारी है जो मुख्य रूप से पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबन्धीय वर्षावन क्षेत्रों में होती है, लेकिन धीरे-धीरे इसने और भी कई देशों में पैर पसारना शुरू कर दिया है।

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि उसकी और से 6 लोगों की निगरानी की जा रही है। इन्हें मंकी पॉक्स का संक्रमण होने की आशंका जताई जा रही है। अमेरिकी चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों ने मंकी पॉक्स से पीड़ित एक व्यक्ति के साथ फ्लाइट में सफर किया था। इसी महीने की शुरुआत में ये लोग नाइजीरिया से ब्रिटेन गए थे। उस दौरान संक्रमित व्यक्ति इनके पास ही बैठा था।यह बीमारी मनुष्यों में मिलना दुर्लभ ही होता है, लेकिन बीते कुछ वक्त में कई देशों में केस मिलने से हड़कंप मच गया है।

क्या है मंकी पॉक्स | what is Monkey pox virus ?

मंकी पॉक्स बीमारी (Monkeypox Virus) एक ऐसे वायरस के कारण होती है, जो स्मॉल पॉक्स (Monkeypox Virus) ऑर्थोपॉक्सवायरस के परिवार से आता है। इसमें वैरियोला वायरस भी शामिल है। वैरियोला वायरस से स्मॉल पॉक्स या छोटी चेचक बीमारी होती है, इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन में होता है ।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षण चेचक की तुलना में कम गंभीर होते हैं। स्मॉलपॉक्स या चेचक को टीके के ज़रिए दुनिया भर से 1980 में ख़त्म कर दिया गया था । पर कई मध्य अफ्रीकी और पश्चिम अफ्रीकी देश में मंकीपॉक्स के केस अब भी पाए जाते हैं।

चेचक की तुलना में मंकीपॉक्स का संक्रमण हल्का माना गया है. शरीर पर फफोलों के साथ इसमें बुखार की शिकायत भी होती है. ठण्ड लगना, सरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, फटीग के साथ फोड़े इस बीमारी के अन्य लक्षण हैं.

1958 में मिला था पहला केस

मंकी पॉक्स 1958 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था, जिसके बाद 1970 में यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गया था। 2003 में पहली बार अमेरिका में इसके मामले सामने आए थे। 2017 में नाइजीरिया में मंकी पॉक्स का सबसे बड़ा आउटब्रेक हुआ था, जिसके 75% मरीज पुरुष थे। ब्रिटेन में इसके मामले पहली बार 2018 में सामने आए थे।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बीमारी दुर्लभ जरूर है, लेकिन गंभीर भी साबित हो सकती है। फिलहाल मंकी पॉक्स ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के कुछ इलाकों में पाया जाता है। 6 मई को ब्रिटेन में मिला पहला मरीज नाइजीरिया से ही लौटा था।

कैसे फैलती है बीमारी ? how does Monkey pox spread ?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है। यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह संक्रमित बंदर, कुत्ते और गिलहरी जैसे जानवरों या मरीज के संपर्क में आए बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकता है। मरीज 7 से 21 दिन तक मंकी पॉक्स से जूझ सकता है।

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मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। ये बीमारी लिम्फ मोड के सूजन से शुरू होती है। इसके होने पर व्यक्ति के पूरे शरीर में लाल और बड़े-बड़े दाने शरीर में पड़ जाते हैं, इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर एक तरह के दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

चेचक की वैक्सीन मंकी पॉक्स के लिए भी कारगर

CDC के मुताबिक, चेचक की वैक्सीन भी मंकी पॉक्स के संक्रमण पर असरदार साबित होती है। इस दुर्लभ बीमारी से बचने के लिए अमेरिका के फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (FDA) ने 2019 में Jynneos नाम की वैक्सीन को मंजूरी दी थी। इसे यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने 2013 में ही अप्रूव कर दिया था। हालांकि, वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फ़ैल सकता है मंकीपॉक्स ? how does monkeypox spread from person to person

इस वायरस के फैलने कि बात करें तो ये एक से दूसरे व्यक्ति को आसानी से नहीं फैलता है, लेकिन यदि आप संक्रमित व्यक्ति के नजदीक रहते हैं, या उसके पहने हुए कपडे पहन लेते हैं, या दूसित वस्तुओं के संपर्क में आ जाते हैं, तो ये बीमारी तेजी से फ़ैल सकती है।

इस साल (2022) मंकीपॉक्स के कितने मामले सामने आए हैं

इस साल ब्रिटेन से मंकीपॉक्स के लगभग पांच से ज्यादा मामले सामने आए हैं, ये सभी यात्री थे जो नाइजीरिया से जुड़े थे। मंकीपॉक्स के मामले वहीं सितम्बर 2017 से लेकर 30 अप्रैल तक, अफ़्रीकी देशों से लगभग 558 संदिग्ध मामले दर्ज किये जा चुके हैं। वहीं इस खतरनाक बीमारी से अभी तक आठ लोगों की मौत भी हो चुकी

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