Tulsi Pujan Diwas | why Tulsi Pujan Diwas is celebrated and how to perform the worship on this unique occasion | Tulsi Pujan Diwas महत्व और विधि |जानिए क्यों मनाया जाता है तुलसी पूजन दिवस

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Tulsi Pujan Diwas | why Tulsi Pujan Diwas is celebrated and how to perform the worship on this unique occasion | Tulsi Pujan Diwas महत्व और विधि |जानिए क्यों मनाया जाता  है तुलसी पूजन दिवस
Tulsi Pujan Diwas | why Tulsi Pujan Diwas is celebrated and how to perform the worship on this unique occasion | Tulsi Pujan Diwas महत्व और विधि |जानिए क्यों मनाया जाता है तुलसी पूजन दिवस

Tulsi Pujan Diwas | why Tulsi Pujan Diwas is celebrated and how to perform the worship on this unique occasion | Tulsi Pujan Diwas महत्व और विधि |जानिए क्यों मनाया जाता है तुलसी पूजन दिवस

Tulsi Pujan Diwas : तुलसी पूजन दिवस, जिसे तुलसी पूजा (Tulsi Pujan Diwas) के रूप में भी जाना जाता है, आज यानी 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। इस अद्वितीय दिन को मनाकर लोग भगवान विष्णु की प्रिय अराध्या तुलसी माता की पूजा करते हैं। तुलसी पूजा का महत्व अत्यधिक है और इसे हिन्दू धर्म में विशेष माना जाता है।

तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, उस घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे घर में रहने वाले लोगों के जीवन में कभी भी कोई संकट या परेशानी नहीं आती है। तुलसी के पौधे में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की क्षमता होती है। नियमित रूप से तुलसी (Tulsi Pujan Diwas) के पैधे की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। अगर आप भी सुख-शांति की कामना करते हैं, तो प्रतिदिन तुलसी की पूजी अवश्य करें

तुलसी पूजा (Tulsi Pujan Diwas) का आयोजन करने के लिए कुछ विशेष विधियाँ हैं जो लोगों द्वारा अनुसरण की जाती हैं। पहले तो, विशेष रूप से तैयार की गई तुलसी की पूजा स्थल को सजाने का आयोजन किया जाता है, जिसमें तुलसी की पौधों को सजाने के लिए विभिन्न आकर्षक आभूषणों और फूलों का उपयोग होता है। इसके बाद, तुलसी माता को गंगाजल से स्नान कराया जाता है और फिर अनेक प्रकार के धूप, दीप, और नैवेद्य से उनकी पूजा की जाती है।

तुलसी पूजा का उद्दीपन अनेक आदर्श गुणों को प्रोत्साहित करता है, जैसे कि भक्ति, प्रेम, और समर्पण। तुलसी माता को एक पवित्र वृक्ष माना जाता है और उसकी पूजा से भगवान की कृपा मिलती है। इस दिन को विशेष धार्मिक महत्व के साथ मनाने से लोग अच्छे आचरण और ईमानदारी की ओर प्रवृत्ति करते हैं।

तुलसी पूजन दिवस का आयोजन समृद्धि, शांति, और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है और लोग इसे धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन के रूप में महत्वपूर्णता देते हैं

तुलसी पूजा विधि (Tulsi Pujan Diwas)

  • प्रतिदिन प्रातः काल स्नान करके तुलसी के पौधे को प्रणाम करें और लोटे से जल चढ़ाएं।
  • जल चढ़ने से पूर्व अक्षत, चंदन, रोली और अगर रोली न हो तो हल्दी को तुलसी के पौधे पर अर्पित करें।
  • आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए।
  • शाम को पुनः तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में कलह-कलेश का वातावरण नहीं बनता और सुख समृद्धि आती है।

तुलसी पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में तुलसी अत्यंत पवित्र पौधों में से एक हैं। नियमित रूप से तुलसी पूजन करने और रोज तुलसी के दर्शन करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजते हैं। मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

तुलसी माता का स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

मां तुलसी का पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी माता का ध्यान मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।

सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।

बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।

हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।

लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।

हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।