क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन क्या है| Cryptocurrency and Bitcoin Type kya hai in Hindi

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Cryptocurrency and Bitcoin
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क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन क्या है कैसे काम करता है की जानकारी | Cryptocurrency and Bitcoin Type kya hai aur is he kaise kama sakte hai in Hindi ?

Cryptocurrency : आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश (Digital Money) प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आजकल खूब चर्चा हो रही है. बिटक्वॉइन (Bitcoin)

के एक क्रिप्टोकरेंसी है. इस आर्टिकल में हमको आप इसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बारे में विस्तार से बारे में बताएंगे

आपने पैसों यानि करेंसी के कई रूप देखे होंगे, जैसे भारत में रूपये, अमेरिका में डॉलर, ब्रिटेन में पौंड, यूरोप में यूरो आदि. इस सभी करेंसी को आपने कागज के दुकड़ों के रूप में देखा होगा, और इसे आप हाथ से छू सकते हैं, अपने जेब में रख सकते हैं. आप दुनिया में जहाँ भी जायें, आपको वहाँ की करेंसी का इस्तेमाल करना होता है. ऐसे में आज डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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इसी के चलते एक ऐसी डिजिटल करेंसी का दौर शुरू हो गया है, जिसे आप देख नहीं सकते हैं छू नहीं सकते, किन्तु यह आज के समय में सबसे मूल्यवान करेंसी बन गई है. वह करेंसी है बिटकॉइन. यह एक विश्वव्यापी क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल भुगतान प्रणाली है. ऐसा कहा जा सकता है कि यदि इंटरनेट किसी जगह का नाम होता तो यह वहाँ की राष्ट्रीय करेंसी होती. इसके बारे में जानकारी यहाँ दी जा रही है.

भारत में यह पूरी तरह से अवैध्य है अर्थात भारतीय सरकार द्वारा इसे मान्यता नहीं दी गई हैं, इसलिए भारत में कोई भी व्यक्ति यह न खरीद सकता और न बेच सकता है. यह कानूनन अपराध है. इसके बारे में यहाँ इसलिए दर्शाया जा रहा है, क्योकि दुनिया में पहली बार भारत इसके जरीये हुए लेनदेन को फ्रीज करने की तैयारी कर रहा है. इसका प्रयोग कर ड्रग्स बेचने वालों ने इसके जरिये पैसे का लेनदेन शुरू कर दिया है. इस लेनदेन के 500 बिटकॉइन को फ्रीज करने की तैयारी भारत के नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो ने कर दी है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What is Cryptocurrency)

Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है. Crypto जोकि लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ/हुई. जबकि Currency भी लैटिन के currentia से आया है, जो कि रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल होता है. तो क्रिप्टोकरेंसी का मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा. या गुप्त पैसा. या डिजिटल रुपया.

इसका प्रयोग आम तौर पर सामान और सर्विस खरीदने के लिए किया जाता है. इसका आविर्भाव बिटकॉइन के साथ हुआ. यह “पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक’ कैश सिस्टम के रूप में कार्य करता है. इसका प्रयोग इन्टरनेट की सहायता से किया जा सकता है. इसकी सहायता से बहुत ही आसानी से पैसा छुपा कर रखा जा सकता है. इसके प्रयोग के लिए किसी बैंक अथवा अन्य सरकारी संस्थान में भी जाने की आवश्यकता नहीं होती है. अतः क्रिप्टोकरेंसी की मदद से अपना धन आसानी से छिपा कर रखा जा सकता है.

किसने बनाई और क्यों बनाई ?

इस बारे में क्षितिज बताते हैं कि बहुत सारे लोग मानते हैं किक्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) 2009 में सतोशी नाकामोतो ने शुरू किया था, लेकिन ऐसा नहीं है. इससे पहले भी कई निवेशकों ने या देशों ने डिजिटल मुद्रा पर काम किया था. यूएस ने 1996 मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था, ऐसा गोल्ड जिसे रखा नहीं जा सकता था, लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं. हालांकि 2008 इसे बैन कर दिया गया. वैसा ही 2000 की साल में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था.

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क्रिप्टोकॉइन के प्रकार (How Many Types of Cryptography)

तात्कालिक समय में लगभग 1800  क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)मौजूद हैं, किन्तु इसमें से कुछ ऐसे हैं, जिसका प्रयोग बहुत अधिक होता है. यहाँ पर महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी का वर्णन किया जा रहा है.

जिन्हें आप Bitcoin के अलावा भी इस्तेमाल कर सकते हैं. एथेरियम (ETH), लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP) हैं.

ईथर और ईथरम : इसका प्रयोग इंटरचेंज करेंसी के रूप में किया जाता है. ईथर एक तरह का टोकन होता है. इसका प्रयोग ईथरम ब्लाक चैन के अंतर्गत लेनदेन के लिए किया जाता है.

लाइटकॉइन : इसका अविष्कार वर्ष 2011 में हुआ था. यह भी नामित कॉइन की ही तरह डीसेंट्रलाइज्ड तकनीक की सहायता से कार्य करता है. इसकी सहायता से बिटकॉइन अधिक तेज़ कार्य होता है.

डैश : वर्ष 2014 में डैश क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का आविष्कार हुआ था. इसके आरम्भ में इसे डार्क कॉइन के नाम से जाना जाता था. यह ‘मास्टरनोड’ नामक नेटवर्क की सहायता से कार्य करता है. यह नेटवर्क बिटकॉइन से अधिक तेज़ और प्रभावशाली है.

जेड कैश : इसका आविर्भाव अक्टूबर 2016 में हुआ था. यह इस क्षेत्र में एक नयी तरह की करेंसी है. इसके प्रयोग के दौरान सारे इनफार्मेशन एन्क्रिप्ट हो जाते है, फिर भी इसका प्रयोग ‘डबल स्पेंड’ के लिए नहीं किया जा सकता है.

मोनेरो : यह भी एक विशेष तरह की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) है. इसमें विशेष तरह की सिक्यूरिटी का प्रयोग किया जाता है, जिसका नाम रिंग सिग्नेचर होता है. यह ‘डार्क वेब ब्लैक मार्केट’ में बहुत अधिक होता है. इसकी सहयता से स्मग्लिंग की जाती है. अतः इसके प्रयोग से कालाबाजारी आसान हो जाती है.

बिटकॉइन क्या है (Bitcoin kya hai)

बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पहली ग्लोबल विकेंद्रीकृत (decentralized) करेंसी है, जोकि डिजिटल दुनिया के लिए बनाई गई है. इसका प्रयोग कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है. इसकी सहायता से एक व्यक्ति किसी दुसरे व्यक्ति को कही भी बिना किसी थर्ड पार्टी और बैंक की मदद से पैसे भेज सकता है. यानि आप अपने बिटकॉइन वॉलेट से किसी दूसरे व्यक्ति के बिटकॉइन वॉलेट में पैसे भेज सकते हैं.

इसके लिए आपको सिर्फ ढाई सेंड (यानि 1 रूपये 67 पैसे) देने होते हैं. यह एक तरह की डिजिटल करेंसी है, जिसका निर्माण और नियमन इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था की सहायता से किया जाता है. यह पैसों के लेनदेन का बहुत ही फ़ास्ट तरीका है. यह सिर्फ दो लोगों के बीच की प्रक्रिया है, अतः इसमें किसी भी तीसरे व्यक्ति की जरुरत नहीं होती. इसके लेनदेन में पैसे कोड्स के रूप में आपके बिटकॉइन वॉलेट में आते हैं. यह कोई प्रिंटेड करेंसी नहीं है. इसे लोगों द्वारा ही तैयार किया जाता है. इससे समस्त संसार में कंप्यूटर की सहायता से एक अच्छा व्यापार शुरू हो गया है. इसलिए कंप्यूटर आज की आवश्यकता बन गई है.

बिटकॉइन की शुरुआत (Bitcoin Startup)

इसे जनवरी वर्ष 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में पहली बार सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) द्वारा जारी किया गया था. ये एक प्रोग्रामर है. इसके बारे में कोई नहीं जानता है. अलग – अलग जगह पर अलग – अलग लोग अपने आपको सातोशी नाकामोतो होने का दावा करते रहे हैं, लेकिन आज तक इसके असली प्रोग्रामर का पता नहीं चला है. आज के समय में कई ऐसे प्रोग्रामर इसे और सुरक्षित एवं मजबूत बनाने में लगे हुए हैं. इसका मूल उद्देश्य पैसा एक स्थान से दुसरे स्थान पर बिना किसी थर्ड पार्टी अथवा कोई केन्द्रीय अथॉरिटी की सहायता से जारी करना था.

विश्व भर में इससे सम्बंधित सॉफ्टवेयर तैयार किये गये हैं. 22 मई 2010 में पहली बार एक पिज्ज़ा के बदले 10 हजार बिटकॉइन की पेशकश की गई थी. उस समय 1 बिटकॉइन की कीमत 10 सेंड या उससे भी कम थी, लेकिन आज इसकी कीमत हजार गुना बढ़ चुकी है. इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा खरीदें जाने के कारण इसकी कीमत लगातार बढ़ती ही जा रही हैं.

आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है. यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है. इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया था. लेकिन बाद में Bitcoin की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे कई देशों में लीगल कर दिया गया है. कुछ देश तो अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी ला रहे हैं. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी वर्चुअल करेंसी है

इसके जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग (Cryptocurrency Mininig) कहा जाता है क्योंकि हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है. जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहा जाता है. आसान भाषा में और समझें तो क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. यह सारा काम पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है.

बिटकॉइन की वैल्यू (Bitcoin Value)

5 साल पहले एक बिटकॉइन की कीमत 6 रूपये थी. किन्तु आज इसकी कीमत लगभग 45,000 रूपये हैं. भारत में 2015 में एक बिटकॉइन की कीमत 14 हजार रूपये थी, साल 2016 में यह बढकर 30 हजार रूपये हो गई और आज इसकी कीमत 45,000 रूपये हैं. एक अनुमान के अनुसार अगले साल यह 6 लाख तक हो सकती है.

बिटकॉइन कैसे काम करता है (How Does Bitcoin Work)


पिछले कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ी है. इन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं. इसे एक डिसेंट्रेलाइज्ड सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाता है. इसका आदान प्रदान पीयर टू पीयर तकनीक से होता है यानि ये पैसे सीधे एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पहुँच जाते है. यह आम लोगों में बटे एक ब्लॉक चैन के रूप में भेजा जाता है.

जैसे बैंक आपके पैसों का हिसाब रखता है वैसे ही ये ब्लॉक चैन हर बिटकॉइन का हिसाब रखते हैं. यानि दुनिया में कही भी किसी भी जगह पर हुए इसके लेनदेन का हिसाब इस ब्लॉक चैन में होता है. चूकि हर लेनदेन को वेरिफाई किया जाता है और नेटवर्क इसका रिकॉर्ड रखता है, इसलिए इसमें धोखाधड़ी नहीं हो सकती. इस तकनीक को वे हजारों लोग सुरक्षित बनाते हैं जो पावरफुल कंप्यूटर्स की मदद से इस लेनदेन पर नजर रखते हैं. और इसकी जाँच करते हैं. इसके लिए जो भी इसे सफलता पूर्वक कर लेता है उसे इनाम के तौर पर कुछ बिटकॉइन दिए जाते हैं. इसे बिटकॉइन की माइनिंग कहा जाता है.

दरअसल कोड भाषा में होने वाले इस लेनदेन को वेरीफाई करने वाले हजारों लोग बैंक के एक क्लर्क की तरह काम करते हैं, और इन्हें माइनर्स कहा जाता है. ये लोग लेनदेन पर नजर रखते हैं ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो. लेकिन इस प्रक्रिया को पूरी करते समय इन माइनर्स को एक गणित की समस्या को हल करना होता है. जो माइनर जितनी जल्दी इस समस्या को हल करता है. उसे इसके बदले में करीब 12.5 बिटकॉइन मिलते हैं,

और इस तरह से यह डिजिटल बाजार में आ जाते हैं. लेकिन इसकी अर्थव्यवस्था का निर्माण इस तरह से किया गया है कि एक समय के बाद इसकी संख्या घट कर आधी रह जाती है. शुरुआत में 1 ब्लॉक से 50 बिटकॉइन निकला करते थे. प्रति ब्लॉक बिटकॉइन की संख्या हर 4 वर्षों में घटकर आधी रह जाती है.

यानि लगभग 125 वर्षों के बाद नए बिटकॉइन का निर्माण बंद हो जायगा. तब तक दुनिया में 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन आ चुके होंगे. यह जल्द समाप्त हो जाएगी, इसलिए लोगों में इसे ज्यादा से ज्यादा खरीदने की होड़ लगी हुई है.

बिटकॉइन वॉलेट क्या है (What is Bitcoin Wallet)

यह एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जिसके अन्दर बिटकॉइन स्टोर करके रखे जाते हैं. सही मायने में कहा जाए तो इसको कहीं रखा नहीं जाता. किसी बिटकॉइन का अपना प्राइवेट नंबर यानि कोड होता है, जोकि बिटकॉइन वॉलेट में सुरक्षित रखा जाता है. इसकी सहायता से हम बहुत आराम से बिटकॉइन ले सकते है या किसी को दे सकते हैं. यह मोबाइल वॉलेट के समान ही है.

क्या बिटकॉइन क़ानूनन सही है (Is Bitcoin Legal Rights)

इसका कानूनी सही ग़लत का फैसला इस आधार पर होता है कि आप किस देश में रह कर इसका प्रयोग कर रहे हैं. इसे जापान में कानूनी इजाज़त दे दी गयी है, किन्तु कई देशों में अभी भी इसे कानूनी सहमती नहीं दी गयी है. कुछ देशों में इसे ‘ग्रे जोन’ में रखा गया है, जहाँ पर न तो इसे औपचारिक तौर पर बैन किया गया है और न ही इसके प्रयोग को मान्यता दी गयी है.

बिटकॉइन का प्रयोग क्यों (Why Use Bitcoin)

इसका प्रयोग कई विशेष कारणों से किया जा सकता है, जिसके वर्णन निम्नलिखित हैं,

कई ऐसे देश में जहाँ पर कैपिटल कण्ट्रोल नहीं है. कैपिटल कण्ट्रोल यानि यह बात तय नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मंगाया जा सकता है. कुछ स्थानों पर लोग कंट्री लिवरेज से अधिक पैसे भेजने अथवा मंगाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं. ये लोग बिटकॉइन खरीदते हैं और उसे देश से बाहर भेज कर उसे पुनः पैसे में रूपांतरित कर देते हैं. कई ग्रे एरिया में ऐसा ही किया जाता है.

निजी धन छुपाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. कुछ अधिक धनी लोग जो अपना धन छुपाना चाहते हैं, वे पहले स्विस बैंक की शरण लेते थे, किन्तु अब वहाँ पैसे जमा करना मुश्किल है. उसके बाद उनके पास सोना, हीरा आदि खरीदने का विकल्प आता है, जिसकी सहायता से वे पैसे कहीं पर छुपा सकें. लेकिन ये सारी चीज़े भी प्रशासन की नज़र में आ सकती हैं.

अतः अब इसके बाद बिटकॉइन आ जाने पर वे अपने पैसे से बिटकॉइन आसानी से ख़रीद सकते हैं. यह पूरी तरह से डिजिटल करेंसी है. जिन लोगों के पास बैंक का एक्सेस नहीं है, वे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. सबसे बड़ी ख़ास बात ये है कि इसके प्रयोग के लिए किसी कार्ड वगैरह की आवश्यकता नहीं पड़ती है. इसकी सहयात से होने वाले लेनदेन फेस टू फेस भी नहीं होते है, अतः किसी भी तरह का डर नहीं है.

बिटकॉइन से लाभ (Bitcoin Benefits)

इसके कई लाभ हैं, जिनका वर्णन निम्लिखित है. यह चूँकि डिजिटल है अतः इसमें धोखाधड़ी की बेहद कम उम्मीद है.

यदि आपके पास अधिक धन है और आप कहीं इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो अधिकतर स्थान पर आपको किसी तीसरे की मदद की ज़रूरत होती है. यानि आप यदि अपने पैसे से ज़मीन वगैरह खरीदना चाहें, तो उसके लिए आपको लॉयर आदि की आवश्यकता होती है, किन्तु इसमें निवेश करते समय किसी भी थर्ड पार्टी की आवश्यकता नहीं होती है. अतः बहुत कम समय में अपने पैसे का निवेश यहाँ पर करके निश्चिंत रहा जा सकता है.

यह इन्टरनेट का दौर है. अतः इस समय अधिकतर लोगों के पास डेस्कटॉप, स्मार्ट फ़ोन आदि की सुविधा है. इस समय इसके वॉलेट का इस्तेमाल करना बहुत सरल है. ठीक उसी तरह जिस तरह M-Pesa आदि का वॉलेट इस्तेमाल किया जाता है.

इसके लिए बहुत कम अतिरिक्त चार्ज देने की आवश्यकता होती है. बिटकॉइन ट्रांजक्शन फीस से मुक्त है.

बिटकॉइन से नुकसान (Bitcoin Loss)

इसको कंट्रोल करने के लिए किसी भी प्रकार की अथॉरिटी या सरकार नहीं होती हैं, जिससे बिटकॉइन की कीमत में बहुत अधिक उछाल या गिरावट आती रहती है जिस वजह से इसमें निवेश करना थोड़ा जोख़िम भरा काम हो सकता है.

इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच किया जाता है तो लोग इसका प्रयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार खरीदने ड्रैग सप्लाई करने आदि में भी करते हैं. जोकि बहुत खतरनाक साबित हो सकता है.

यदि आपके खाते को किसी हैकर द्वारा हैक कर लिया जाए, तो आप अपने बिटकॉइन खो सकते हैं इससे सबसे बड़ी हानि यह हैं कि यह आपको वापस नहीं मिल सकते हैं.
1 बिटकॉइन की आज की कीमत 16000 है।

क्रिप्टोकरेंसी पर भरोसा कैसे करें?

क्षितिज कहते हैं कि लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि बिटकॉइन लगभग $180-$200 के आसपास आकर खत्म हो जाएगा. लेकिन जनता द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाने के साथ और यह अधिक विश्वास प्राप्त कर रहा है. पिछली तिमाही में बिटकॉइन (Bitcoin) के मार्केट कैप में लगभग $700 मिलियन डॉलर जोड़े थे. हालांकि, सितंबर 2020 के बाद से कीमत लगभग दोगुने से अधिक है.

कई देश लाने वाले हैं क्रिप्टोकरेंसी

हालांकि इस बात पर बहस होती रही है कि यह बबल स्पेस में है और किसी भी समय यह फट सकता है लेकिन बड़े पैमाने पर स्वीकृति और नए निवेशकों द्वारा प्रवेश करने से और अधिक वैल्युएबल हो गया है. भरोसा तो करना ही पड़ेगा क्योंकि कई देश अब अपनी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) लाने पर विचार कर रहे हैं. पहले सरकार इसे बैन करने पर विचार कर रही थी, लेकिन अब इसमें नरमी देखी गई है.

भारतीय मार्केट प्लेयर कौन-कौन हैं?

Bitcoin Wallet हमारे मोबाइल वॉलेट से काफी मिलते-जुलते हैं. जहां हम अपना पैसा स्टोर करते हैं और उसी से ट्रांजेक्शन करते हैं. WazirX, Unocoin, Zebpay भारतीय कंपनियां हैं जो बिटक्वॉइन के कारोबार में हैं.

क्या कहते हैं WazirX के फाइंडर?

WazirX के फाउंडर और CEO निश्चल शेट्टी ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘भारत में अभी इसे लेकर बहुत कनफ्यूजन है. क्योंकि देश में इसके लिए कोई रेगुलेशन नहीं है. लोग इसके बारे में सुनते हैं तो डर जाते हैं. वास्तव में इंटरनेट पर मौजूद बहुत सारी चीजें अनरेगुलेटेड हैं. ola, uber सहित ई-कॉमर्स भी अनरेगुलेटेड हैं. ‘इन्वेस्टर्स के लिए सबसे जरूरी बात ये है कि रेगुलेटेड नहीं होने से फ्रॉड और स्कैम की संभावना बढ़ जाती है.

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?

इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है. बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं. ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को खरीदना और बेचना काफी आसान है. पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं. इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं.

सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है. आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा. इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे.

क्रिप्टो के साथ क्या-क्या किया जा सकता है?

जुलाई को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से दुनिया का सबसे महंगा हीरा खरीदा गया है. इससे साफ हो गया है कि इससे भौतिक चीजें भी भविष्य में खरीदी जा सकेंगी. हालांति क्रिप्टोकरेंसी को नोट और सिक्कों के रूम में प्रिंट नहीं किया जा सकता है. लेकिन फिर भी इसकी अपनी वैल्यू है. Cryptocurrency से आप सामान खरीद सकते हैं,

Trade कर सकते हैं और इन्वेस्ट कर सकते हैं, लेकिन अपनी तिजोरी में नहीं रख सकते. न ही बैंक के लॉकर में रख सकते हैं. क्योंकि यह Digits के रूप ऑनलाइन रहती है. इसे डिजिटल मनी, वर्चुअल मनी और इलेक्ट्रॉनिक मनी भी कहा जाता है. इसकी वैल्यू फिजिकल करेंसी से कहीं ज्यादा है. कुछ टॉप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)की वैल्यू तो डॉलर से भी हजारों गुना ज्यादा है.

Cryptocurrency मार्केट क्या है?

वह जगह जहां cryptocurrencies की खरीद-फरोख्त और ट्रेडिंग होती है. इसे cryptocurrency Exchange, Digital Currency Exchange (DCE), Coin market और Crypto Market जैसे नामों से जाना जाता है.

क्रिप्टो का भविष्य क्या है?

Bitcoin के बारे में दो बातें सबसे अहम हैं- एक, ये डिजिटल यानी इंटरनेट के ज़रिए इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है और दूसरे, इसे पारंपरिक मुद्रा के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को इस समय भरोसे के संकट का सामना करना पड़ रहा है. सरकारें इसे शक़ की निगाहों से देखती हैं और इसे पारंपरिक करेंसी के लिए ख़तरा मानती हैं. सरकारों को ये भी लगता है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का हिस्सा है जो सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने की कोशिश कर रही है और वास्तविक दुनिया के समानांतर चलने की कोशिश कर रही है.

सरकार का क्या है रुख?

अहम बात यह है कि केंद्र सरकार नए प्रस्तावित बिल में क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा सकता है. इस बाबत वर्ष 2017 में एक कमेटी का केंद्र ने गठन किया था. इस कमेटी ने क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव दिया था. ऐसे में क्रिप्टो करेंसी के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार सभी क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी लगाने का फैसला ले सकती है.

क्या वाकई में क्रिप्टोकरेंसी से कार-गाड़ी जैसी कोई चीज़ खरीद सकते हैं?

इसके जवाब में क्षितिज कहते हैं कि हां, क्रिप्टो एक भारतीय रुपये की तरह है जिसका अपना मूल्य है. अभी, क्रिप्टो दुनियाभर की अधिकांश सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है. जब ऐसा होगा, तो हमारे पास किसी भी अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टो मुद्रा का उपयोग होगा. क्योंकि यह लोगों के बीच साधारण विनिमय का हिस्सा होगा.