Seafood : सी-फूड क्‍या है सी-फूड के फायदे और नुकसान

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Seafood : सी-फूड क्‍या है सी-फूड के फायदे और नुकसान
Seafood : सी-फूड के फायदे और नुकसान

सी-फूड क्‍या है ? सी-फूड (Sea Food) के फायदे और नुकसान – What is Seafood? Advantages and Disadvantages of Sea Food

seafood : अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो आपको सी-फूड (Sea Food) यानी की समुद्री खाद्य पदार्थ (मछली, झींगा, क्रेब्स) जरुर पसंद होंगे। पर क्‍या आप इन सी-फूड (Sea Food) के पौष्टिक गुणों के बारे में जानते हैं। वे लोग जो समुद्र के किनारे रहते हैं, वह केवल सी-फूड पर ही जिंदा रहते हैं।

seafood :  समुद्री भोजन (सीफूड/Sea Food) कई गुना ज्यादा स्वादिष्ट होता है। भारतीय समुद्री भोजन को विशेष भारतीय मसाले और जड़ी-बूटियों के साथ पकाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि समुद्री तटों पर सहजता से उपलब्ध सी-फूड (Sea Food) न केवल बेहतरीन डाइट है बल्कि कई तरह के रोगों के निवारण में दवाई की तरह भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

साथ ही सी-फूड (Sea Food) वेज और नॉनवेज दोनों प्रकार का होता है।लेकिन सी-फूड में इनसे ज़्यादा और भी कई डिश हैं, जिनके बारे में काफी लोग अब तक अन्जान हैं। आज हम आपको बताएंगे की इन सी – फूड Sea Food) में कितना पोषण मिला हुआ होता है।

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सी-फूड क्‍या है -what is seafood

समु्द्र से मिलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि मछलियां, केकड़ा, प्रॉन को सी फूड (Sea Food) कहा जाता है. झींगा, क्रेब्‍स, केकड़ा, स्क्विड, ओएस्टर और मछली सीफूड (Sea Food) की श्रेणी में आते हैं।

सी-फूड में मिलने वाले पोषक तत्व – Nutrients found in seafood

सी-फूड में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होते हैं। ये पोषक तत्व अन्य खाद्य पदार्थों में नहीं पाए जाते है। सीफूड में सेलेनियम और विटामिन ई मुख्य रूप से पाए जाते हैं.

इसके अलावा समुद्र में पाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में प्रोटीन भी उचित मात्रा में पाया जाता है. सी-फूड में विटामिन ए, बी कॉम्‍प्‍लेक्‍स, विटामिन डी, सेलेनियम, जिंक, आयोडीन और आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

शरीर पर एजिंग का प्रभाव रोकने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी फायदेमंद होता है. मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है.

Seafood : सी-फूड क्‍या है सी-फूड के फायदे और नुकसान
Seafood : सी-फूड के फायदे और नुकसान

सी-फूड क्यों है हेल्दी – Why is seafood healthy?

कुछ खास मछलियां सेहत के लिए बहुत ही अच्छी होती हैं जिनमें टूना फिश, आर्कटिक चार, स्ट्रिपड बास, सर्दिनेस, पर्च, कॉड, अलास्कन सालमन का नाम शामिल है.

कॉड फिश में फॉस्फोरस, नियासिन, विटामिन B 12 अधिक मात्रा में पाया जाता है.
अलास्कन सालमन में ओमेगा 3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि स्किन पर बढ़ती उम्र का प्रभाव नजर आने नहीं देता.

भारत में सबसे पसंदीदा सी-फूड मछली, केकड़ा और झींगे (fish,crab and prawns) हैं। Crab Xacuti and Meen Curry
माने जाते हैं।

भारत में पसंदीदा सी-फूड (seafood)

फिश (Fish) – भारतीय मछली व्यंजन का एक अलग ही टैंगी स्वाद है। मछली को पकाने के कई तरीके हैं जैसे इसे फ्राई कर या करी के साथ भी खा सकते हैं। हर राज्य मेंफिश पकाने का अपना तरीका होता है। केरल और गोवा में कई स्वादिष्ट मछली व्यंजन शामिल हैं। बंगाली खाने में पाए जाने वाले मछली व्यंजन बहुत ही अलग और लाजवाब होते हैं।

प्रॉन्स/ झींगा ( Shrimp/ prawns) – झींगा भारत के तटीय क्षेत्रों में एक प्रमुख डिश है। तवा और मसाला झींगे सबसे स्वादिष्ट माने जाते हैं। भारतीय झींगे व्यंजन बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं और इनको पकाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता। प्रॉन्स को जैतून का तेल, मिर्च और कुछ भारतीय मसालों के साथ पकाया जाता है।

केकड़ा (crab) – पूरे भारत में केकड़ा सबसे पसंदीदा समुद्री व्यंजनों में से एक है। केकड़ा तंदूरी, केकड़ा करी और केकड़े सूप भारत में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। मसालेदार भारतीय केकड़े करी (Spicy Indian crab curry) कम लौ पर मसाले और नारियल के मिश्रण के साथ पकाई जाती है। यह केकड़े की करी ठंड के मौसम में और स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।

लॉबस्टर (lobster) – लॉबस्टर भारत में बहुत ही लोकप्रिय हैं और सबसे ज्यादा यह शादी-पार्टी के लिए प्रसिद्ध हैं। लॉबस्टर बहुत प्रसिद्ध समुद्री भोजन है और इसे उबाल भी सकते है, ग्रिल भी कर सकते और बेक भी कर सकते है। कभी क्रैब और प्रॉन्स की जगह मसाला लॉबस्टर खाए तो पता चले की लॉबस्टर लंच के लिए सबसे परफेक्ट सीफूड है।

स्क्विड (Squid) – भारत के समुद्री भोजन के मेन्यू में स्क्विड एक नई खाने की प्रस्तुति है। फ्राइड स्क्विड और स्क्विड चिली फ्राई सबसे पसंदीदा सीफूड हैं। स्क्विड डिश का मुश्किल हिस्सा उसको साफ करना होता है

ओएस्टर (Oyster) – ओएस्टर बहुत ही मशहूर डिश है। ऑयस्टर्स अलग-अलग प्रकार से तैयार किया जा सकता है जैसे ब्रोइलेंड ऑयस्टर्स या डीप फ्राइड ऑयस्टर्स। भारतीय समुद्री खाद्य व्यंजनों में घोंघे (snails) भी शामिल करते हैं, जिन्हें बेगई (Baigai) नाम से जाना जाता है। भारत में कई जगह घोंघे एक पॉपुलर फूड के तौर पर माने जाते हैं। यह धान के खेतों, झील और नदियों में पाए जाते हैं

समुद्री भोजन
समुद्री भोजन

सी – फूड (seafood) में कौन – कौन से पोषक तत्व होते है ? और कितना पोषण मिलता है।

प्रोटीन (protein) – प्रोटीन का उच्‍च स्‍त्रोत पॉर्क, चिकन और बीफ होते हैं, लेकिन मछली भी कुछ कम नहीं है। मछली आपको समुद्र और नदी में मिलती है, जिसमें खूब सारा प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही इसमें जमा हुआ फैट भी बहुत कम होता है। यह रक्‍तचाप, मोटापा, त्‍वचा की देखभाल तथा आंखों की रौशनी को बढाती है।

ओमेगा 3 (Omega 3) – शरीर के लिये ओमेगा 3 फैटी एसिड बहुत ही जरुरी है, क्‍योंकि यह जल्‍द बुढापा नहीं आने देता। वे लोग जो मछली खाते हैं, उनकी स्‍किन हमेशा जवान बनी रहती है और ग्‍लो करती रहती है। जिन जातियों से मछलीyo se तेल प्राप्त किया जाता है । उनमें मेकेरल, ट्राउट, हेलिबट, टूना, सार्डाइन, तथा साल्मोन प्रमुख हैं।

हृदय रोग (heart disease) – सीफूड को अधिकतर हृदय संबधी बीमारियों के रोकथाम से जोडा़ जाता है। इनको खाने से हृदय रोग नहीं होता क्‍योंकि यह खून में ट्राइग्‍लीस्‍राइड लेवल को कम करता है। ओमेगा 3 में फैटी एसिड का बडा़ योगदान होता है।

प्रेगनेंसी में फायदे (benefits in pregnancy) – गर्भवती औरतों को प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में पकी हुई मछली का सेवन करना चाहिये। मछली खाने से होने वाले शिशु का दिमाग तेज होता है। पर यह अच्‍छा होगा कि आप पहले अपने डॉक्‍टर की सलाह ले लें कि कौन सी मछली खानी चाहिये और कितनी मात्रा में खानी चाहिये।

आंखों के लिये (benefits for eyes) – मछली में मिलने वाले कई विटामिन्स और मिनरल्स ऐसे होते हैं जो हमारी आंखों की रोशनी के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। जो लोग बचपन से मछली का सेवन करते हैं उनकी आंखें उन लोगों की तुलना में अधिक तेज़ होती हैं जो मछलियां नहीं खाते हैं। इसलिए आंखों की बढ़िया रोशनी के लिए अपने बच्चों को गाजर के साथ-साथ मछली भी अवश्य खिलाएं।

मासपेशियां (benefits for muscles) – वर्कआउट करने के बाद मासपेशियों को प्रोटीन की खास आवश्‍यकता होती है। इसके लिये आप जानवरों की जगह पर मछली ट्राई कर सकते हैं। यह मासपेशियों को मजबूत करती है और उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द रिकवर करने का काम करती है।

सी – फूड (seafood) को ब्रेन फूड भी कहा जाता है। रिसर्च में बताया गया है कि अगर गर्भवती महिलाएं सी फूड का सेवन करें तो उनके बच्‍चे का आई क्‍यू सबसे तेज होगा। साथ ही सी फूड खाने से बुढापे में एल्‍जाइमर की भी समस्‍या नहीं होगी।

दिल को होने वाले फायदे

सी -फूड में जमी हुई वसा नहीं होती है, इसलिए इसे खाने से दिल को भी काफी फायदा होता है।साथ ही सीफूड में व्याप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड के कारण दिल की सेहत भी बढ़िया बनी रहती है। सीफूड का रेगुलर सेवन करने से दिल से जुड़ी तमाम बीमारियां होने का खतरा भी कम हो जाता है।

SIDE EFFECTS & BENEFITS OF EATING SEAFOOD

डिप्रेशन में भी मिलता है फायदा
डिप्रेशन यानि अवसाद एक बहुत बड़ी समस्या है। अवसाद से ग्रसित रहने वाले लोग बेहद दबाव महसूस करते हैं, इस दबाव के चलते कई बार अवसादग्रस्त लोग कई बार गलत कदम भी उठा लेते हैं।

लेकिन एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अवसाद से लड़ने में, ओमेगा-3 फैटी एसिड बेहद काम आ सकता है। इसलिए अगरकभी भी डिप्रेशन से जूझ रहै हो,तो सीफूड खाये डिप्रेशन में आराम मिलेगा ।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित है sangeetaspen इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन बातो पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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