Health Benefits and Side Effects of Parijat (Harsingar)

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Health Benefits and Side Effects of  Parijat (Harsingar)
Health Benefits and Side Effects of Parijat (Harsingar)

पारिजात (हरसिंगार) के स्वास्थय फायदे और नुकशान

पारिजात (हरसिंगार) पौधा हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। तथा इस वृक्ष कि ऊंचाई 10 से 15 फीट होता है। लेकिन कई स्थानों में इसकी ऊंचाई 25 से 30 फीट भी होती है।

मुख्यत पारिजात (हरसिंगार) का पौधा हिमालय (Himalaya) की तराई में ज्यादा संख्या में मिलते है। पारिजात का पेड़ बाग-बगीचों में भी पाया जाता है। इसके फूल बहुत ही मनमोहक और आकर्षक होते हैं। परिजात को हरसिंगार और रातरानी के नाम से भी जाना जाता है
पारिजात (हरसिंगार) का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक होता है। 10-30 मिली पारिजात (हरसिंगार) के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता है।

पारिजात (हरसिंगार) के फूल
पारिजात (हरसिंगार) के फूल

सामान्तय लोग पारिजात (हरसिंगार) के फूल को केवल पूजा-पाठ के लिए उपयोग करते हैं। लेकिन शायद परिजात के गुण के बारे में नहीं जानते होंगे। लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि पारिजात (हरसिंगार) के अनेको औषधिय फायदे भी होते है आज हमारा टॉपिक पारिजात (हरसिंगार) के औषधिय फायदे ही है।

क्या पारिजात (हरसिंगार) का वृक्ष रोगों का इलाज भी कर सकता है

पारिजात (हरसिंगार) का वृक्ष कई रोगों का इलाज भी कर सकता है। आयुर्वेद में इसके बारे में बताया गया है कि हरसिंगार का पौधा एक बहुत ही उत्तम औषधि है।

पारिजात (हरसिंगार) के उपयोग से पाचनतंत्र, पेट के कीड़े की बीमारी, मूत्र रोग, बुखार, लीवर विकार सहित अनेको रोगों में लाभ पाया जाता है अब तो परिजात का तेल और पारिजात पाउडर भी बाजार में या ऑनलाइन साइड पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है। पतंजलि के अनेको प्रोडक्ट में भी पारिजात (हरसिंगार) का उपयोग किया जाता है ।

पारिजात (parijat) क्या है ? (What is Parijat)

पारिजात (हरसिंगार) का जिक्र कई प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है। इसके फूल अत्यधिक सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं। फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग होता है। हरसिंगार का पौधा झाड़ीदार होता है। पारिजात पौधे के औषधि उपयोगी भागो में पारिजात वृक्ष के पत्ते, बीज, जड़, फूल, तने की छाल आदि का प्रयोग किया जाता है। 

पारिजात (parijat) के अन्य भाषाओं में नाम (Name of Parijat in Different Languages)

अन्य भाषाओं में पारिजात (हरसिंगार) के नाम 
पारिजात (हरसिंगार) का वानस्पतिक नाम निक्टैन्थिस् आर्बोर-ट्रिस्टिस् (Nyctanthes arbor-tristis Linn., Syn-Nyctanthes dentata Blume) है और यह ओलिएसी (Oleaceae) कुल से है। पारिजात का पेड़ इन नामों से भी जाना जाता हैः-

पारिजात के रासायनिक संघटन

पारिजात (हरसिंगार) फूलों में सुगंधित तेल होता है। रंगीन पुष्प नलिका में निक्टैन्थीन नामक रंग द्रव्य ग्लूकोसाइड के रूप में 0.1% होता है जो केसर में स्थित ए-क्रोसेटिन के सदृश्य होता है। बीज मज्जा से 12-16% पीले भूरे रंग का स्थिर तेल निकलता है।

पत्तों में टैनिक एसिड, मेथिलसेलिसिलेट, एक ग्लाइकोसाइड (1%), मैनिटाल (1.3%), एक राल (1.2%), कुछ उड़नशील तेल, विटामिन सी और ए पाया जाता है। छाल में एक ग्लाइकोसाइड और दो क्षाराभ होते हैं।

How to Use Parijat
How to Use Parijat

औषधीय प्रयोग की मात्रा क्या होनी चाहिए,(How to Use Parijat?) और इसकी विधियां क्या है ?

पारिजात (parijatham) के इस्तेमाल की मात्रा

पारिजात (हरसिंगार) का काढ़ा- 15-30 मिली
पारिजात (हरसिंगार) का रस- 5 मिली
एक औषधि के रूप में पारिजात (हरसिंगार) से अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें।

हरसिंगार के फायदे (Health Benefits of Harsingar)

  • पारिजात (हरसिंगार) के फूल आँखों की समस्या में फायदेमंद होते है साथ ही पारिजात भूख को बढ़ाने और अन्य पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में प्रयोग किया जाता है।
  • अनेकों लोग बालों में रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं, लेकिन कई बार उचित उपाय नहीं कर पाने के कारण रूसी से निजात नहीं मिलता है।
  • पारिजात (हरसिंगार) के बीजो का पेस्ट बनाकर नियमित बालो पर लगाने से डेंड्रफ की समस्या ख़त्म हो जाती है। यह पेस्ट आपको किसी भी किराने की दुकान में आसानी से मिल जायेगा। या आप ऑनलाइन साइड से भी ले सकते है।
  • बच्चे हों या वयस्क, सभी को कई बार पेट में कीड़े की समस्या हो जाती है। पारिजात (हरसिंगार) के फायदे इस रोग में मिलते हैं।
  • पारिजात (हरसिंगार) के पेड़ से ताजे पत्ते तोड़ लें। चीनी के साथ पारिजात के ताजे पत्ते का रस (5 मिली) सेवन करें। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।
  • कुछ लोगों को बराबर नाक-कान आदि से खून बहता रहता है। ऐसे लोग पारिजात (हरसिंगार) का पेड़ उपयोग में ला सकते हैं। पारिजात (Night Jasmine)का पौधा लें। इसकी जड़ को मुंह में रखकर चबाएं। इससे नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।
  • पारिजात (हरसिंगार) के फायदे से घाव ठीक हो सकता है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे सिर की त्वचा पर होने वाली फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएँ। इससे घाव ठीक हो जाता है।
How to Use Parijat
How to Use Parijat
  • पारिजात (हरसिंगार) के फायदे से घाव ठीक हो सकता है। पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे  त्वचा पर होने वाली फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएँ। इससे घाव ठीक हो जाता है।
  • पारिजात (हरसिंगार) का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक होता है। 10-30 मिली पारिजात (parijatha) के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता है।
  • पारिजात (हरसिंगार) महिलाओं के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक औषधि है क्योंकि हरसिंगार फीमेल -टॉनिक के रूप में कार्य करता है इसलिए इसका सेवन महिलाओं संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक होता है।
  • आज गंजापन एक आम समस्या बन चुकी है। पुरुष और महिलाएं, दोनों गंजेपन की समस्या से परेशान हैं। हरसिंगार (parijat) के बीजों का पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे गंजेपन की परेशानी में लाभ मिलता है।

हरसिंगार का पेड़ पहुंचाता है गठिया में लाभ (Parijat Benefits to Get Relief from Arthritis )

  • पारिजात (हरसिंगार) के गुण से गठिया की बीमारी में भी लाभ ले सकते हैं। पारिजात की जड़ का काढ़ा बनाएं। इसकी 10-30 मिली की मात्रा सेवन करें। इससे गठिया में फायदा होता है।
  • पारिजात (हरसिंगार) के पत्ते को पीसकर, गुनगुना करके लेप बना लें। इससे जोड़ों के दर्द पर लेप करने से बहुत फायदा होता है।
  • पारिजात (parijatha) के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इससे सेकने से भी जोड़ों का दर्द और गठिया आदि में लाभ होता है।

हरसिंगार के नुकसान (Side Effects Of Harsingar)

  • सही मात्रा में पारिजात (हरसिंगार) के उपयोग से कोई घातक नुकसान नहीं होता है लेकिन अधिक मात्रा में यदि इसका सेवन किया जाये तो इसका नुकसान जरूर हो सकता है। 
  • पारिजात (हरसिंगार) पत्तियां खाने के बाद जीभ पीली पड़ जाती है इसलिए पत्तियों का सेवन करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए।
  • कफ को दूर करने के लिए पारिजात (हरसिंगार) का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए अन्यथा यह गले में परेशानी पैदा कर सकता है।
  • पारिजात (हरसिंगार) का उपयोग स्वाद में कड़वा होता है, जो लोग कड़वे स्वाद के प्रति संवेदनशील होते हैं, हरसिंगार का सेवन करने से उनका जी मिचला सकता है और उल्टी भी हो सकती है। 

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