Twitter ने की भारत सरकार के निर्देशों की अवहेलना,भारत सरकार ट्विटर पर सख्त
Twitter ने की भारत सरकार के निर्देशों की अवहेलना,भारत सरकार ट्विटर पर सख्त
Twitter के साथ भारत सरकार का टकराव
सरकार की ओर से पाकिस्तान और खालिस्तान के कथित समर्थकों के 1,178 आकउंट बंद करने का आदेश दिया था। जो किसानों के विरोध प्रदर्शनों को लेकर ग़लत सूचना और उत्तेजक सामग्री फैलाते रहे हैं. जो किसानों के विरोध प्रदर्शनों को लेकर ग़लत सूचना और उत्तेजक सामग्री फैलाते रहे हैं.
बताया गया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने चार फ़रवरी को इन ट्विटर अकाउंट्स की एक सूची साझा की थी. इन अकाउंट्स की पहचान सुरक्षा एजेंसियों ने खालिस्तान समर्थक या पाकिस्तान द्वारा समर्थित और विदेशी धरती से संचालित होने वाले अकाउंट्स के तौर पर की थी, जिनसे किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था को ख़तरा है.
इससे पहले, सरकार ने ट्विटर (Twitter) को उन ‘हैंडल्स’ और ‘हैशटैग्स’ को हटाने का आदेश दिया था, जिनमें दावा किया गया था कि किसान नरसंहार की योजना बनाई जा रही है. सरकार ने कहा था कि इस तरह की ग़लत सूचना और भड़काऊ सामग्री सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करेगी.
सरकार ने ट्विटर (Twitter)को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह निर्देशों का अनुपालन नहीं करती तो संबंधित धाराओं के तहत जुर्माना या सात साल की जेल हो सकती है। इस नोटिस पर ट्विटर (Twitter) ने कहा है कि वह सरकार के साथ बात करना चाहता है। ट्विटर ने यह भी कहा है कि कर्मचारियों की सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है।
भारत सरकार Twitter पर सख्त
डेटा को लेकर व भारत सरकार द्वारा जारी आदेशों का का पालन ट्विटर (Twitter) द्वारा नहीं किया जा रहा है.ट्विटर के पक्षपाती रवैये और देश के कानून को अपने अनुसार तोड़-मरोड़ कर व्याख्या करने,
देश-विरोधी कंटेंट पोस्ट करने वाले अकाउंट को भी ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ के नाम पर खुली छूट देने के मामले में अब केंद्र सरकार गंभीर हो गई है। ट्विटर अधिकारियों तक से IT मंत्रालय ने बात करने के इनकार कर दिया है।
ट्विटर पर जवाब देने के बजाय भारतीय प्लेटफॉर्म Koo पर मंत्रालय ने अपना पक्ष रखा है।
भारत सरकार ने Koo पर अपना पक्ष रखते हुए यह स्पष्ट किया कि अब टेक जायंट कंपनियों की भारत में मनमानी नहीं चलेगी। अगर वो ऐसा करना जारी रखते हैं तो उनके पर कतर दिए जाएँगे। खाश बात ये है की ट्विटर (Twitter) से संबंधित बात ट्वीट करने के बजाय Koo पर लिखी गयी ।
क्या ट्विटर फिलहाल इतने बड़े मार्केट से खुद को अलग करने की स्थिति में फिलहाल है ?
सूत्रों वाली पत्रकारिता 2014 के बाद से लगभग खत्म हो गई है। ऐसे में अगर सारे मंत्रालय और विभाग Koo पर अपनी-अपनी बात, पॉलिसी रखने लगे तो मीडिया को भी ट्विटर के बजाय Koo पर आना होगा।
अटकले लगाई जा रही है की सरकार के साथ ट्विटर के टकराव की वजह ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर (इंडिया एवं साउथ एशिया) महिमा कौल का इस्तीफा तो नहीं लेकिन इस विषय पर महिमा कौल ने कहा है कि वह निजी कारणों से इस्तीफा दे रही हैं