What is Ginkgo Biloba in Hindi | Top Benefits & Side Effects of Ginkgo Biloba

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What is Ginkgo Biloba in Hindi
What is Ginkgo Biloba in Hindi

What is Ginkgo Biloba in Hindi | Top Benefits & Side Effects of Ginkgo Biloba | All About Ginkgo Biloba in Hindi | गिंको बाइलोबा  के फायदे, उपयोग और नुकसान | जिन्‍कगो के औषधीय गुण | जिन्कगो बिलोबा किन-किन रूपों में उपलब्ध है और इसे कैसे उपयोग किया जा सकता है

विश्वभर में कई तरह के हर्ब और जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जो मानव स्वास्थ के लिए फायदेमंद (ginkgo biloba benefits) होती हैं। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है गिंको बाइलोबा या जिंको बाइलोवा,(Ginkgo Biloba)जिसे मैडेनहायर भी कहा जाता है यह दुर्लभ जड़ी-बूटी है और बमुश्किल दिखाई देती है।

गिंको बाइलोबा के पेड़ की सूखी पत्तियों से रस से प्राप्‍त किया जाता है जो कि तरल निष्‍कर्ष, कैप्‍सूल और गोलियों के रूप में उपलब्‍ध होता है। मुख्य रूप से जिंको बिलोबा अल्जाइमर के खतरे को कम करता है। सेक्स में दिलचस्पी कम होती जा रही है, तो यह कामोत्तेजना (Sexual arousal) को भी बढ़ाता है।

हालांकि, प्रेग्नेंसी में इसका सेवन करना बिल्कुल भी सही नहीं, क्योंकि डिलीवरी के दौरान समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लेकिन आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि प्राचीन चिकित्सा पद्धती से लेकर अभी तक गिंको बाइलोबा का उपयोग व्यापक रूप से किया जा रहा है। गिंको बाइलोबा का लाभ विभिन्न बीमारियों से बचने में किया जाता है। साथ ही अगर कोई बीमार है, तो उसके लक्षणों को कम करने में भी यह जड़ी-बूटी फायदा पहुंचा सकती है।

गिंको बाइलोबा क्या है?- What is Ginkgo Biloba in Hindi

गिंको बाइलोबा (ginkgo biloba) एक तरह का आयुर्वेदिक पौधा है, जिसका आकार काफी बड़ा होता है। इसका पेड़ 60 से 100 फीट तक ऊंचा हो सकता है। साथ ही यह सीधा, लंबा और शाखाओं वाला होता है। इसके पत्ते लंबे और डंठल वाले होते हैं। गिंको बाइलोबा के पत्ते, जड़ और छाल में कई आयुर्वेदिक गुण होते हैं, जिसके उपयोग से कई रोगों से मुक्ति पाने में मदद मिल सकती है।

गिंको बाइलोबा के औषधीय गुण

गिंको बाइलोबा में मौजूद औषधीय गुण के कारण ही लोग इसे इस्तेमाल करते हैं। इसमें मुख्य रूप से मल्टीविटामिन और मिनरल्स की समृद्ध मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करता है। इसके अलावा, इसमें एंटीडिप्रेसेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-प्लेटलेट जैसी गतिविधि भी होती है, जो इनसे जुड़ी समस्या को दूर रखने में मदद कर सकता है

जिन्‍कगो बाइलोबा का पेड़ – Ginkgo Tree in Hindi


यह आयुर्वेदिक पेड़ है जो आकार में बहुत बड़े होते हैं, आमतौर पर 20-35 मीटर या लगभग 60-100 फीट ऊंचे होते हैं। यह पेड़ सीधा लंबा और शाखाओं युक्‍त होता है। हवा और बर्फ आदि की क्षति से बचने के लिए इस पेड़ की जड़ें बहुत गहरी और प्रतिरोधी (deep rooted and resistant) होती हैं।

शरद ऋतु के दौरान इस पेड़ की पत्तियां पीली हो कर गि‍रने लगती हैं। गिंको बाइलोबा की पत्तियां आमतौर पर 5-10 सेमी लंबी होती है। इस पेड़ की पत्तियां जो शरद ऋतु में भगवा रंग की होती ज्‍यादा फायदेमंद होती हैं। जिन्‍कगो की पत्तियां लंबे डंठलों के साथ होती हैं।

अपने औषधीय गुणों के कारण जिन्को बाइलोबा का उपयोग विभिन्न प्रकार की दवाओं के निर्माण में सदियों से किया जा रहा है। इस पेड़ को जीवित जीवाश्म माना जाता है जिसका अर्थ है कि यह विलुप्त होने के बाद भी जीवित रहता है। गिंको बाइलोबा में फ्लेवोनॉयड्स और टरपेनोइड्स अच्‍छी मात्रा में होते हैं।

इनकी प्रकृति किसी एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करती है जो फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं और ऑक्सीडेटिव सेल क्षति के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस तरह एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।

गिंको बाइलोबा के फायदे – Benefits of Ginkgo Biloba in Hindi

गिंको बाइलोवा की न सिर्फ पत्तियां, बल्कि इसकी शाखा से लेकर जड़ तक हर चीज उपयोग में आती है। इसकी पत्तियों से निकले अर्क से आंखों व हृदय से संबंधित कई बीमारियों का इलाज संभव है। अस्थमा, चक्कर, थकान व टिनिटस आदि बीमारियों के इलाज के लिए जिंको बाइलोबा (ginkgo biloba) का उपयोग सैकड़ों वर्षों से किया जा रहा है। वहीं, इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनके बारे में आगे लेख में विस्तार से बताया गया है। आइए, जानते हैं कि किन-किन बीमारियों में इसका उपयोग किया जा सकता है।

आंखों के लिए – ग्लूकोमा ऐसी स्थिति है, जिसमें देखने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। इससे बचने में गिंको बाइलोबा मदद कर सकता है। इस संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक वैज्ञानिक शोध प्रकाशित है। जिंको बाइलोवा में फ्लेवोनोइड्स, विटामिन-ई और विटामिन-सी जैसे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आंखों को प्रभावित करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करते हैं। इससे ग्लूकोमा के जोखिम और उसके स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। लिहाजा, कहा जा सकता है कि गिंको बाइलोबा के लाभ आंखों के लिए हो सकते हैं।

रक्त संचार में सुधार के लिए – जिंको बाइलोबा के पत्तों के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में क्वेरसेटिन, टेरेपिन लैक्टोन, ग्लूकोज, कार्बनिक एसिड, डी-ग्लूकेरिक और जिन्कगो लिक एसिड जैसे गुण होते हैं। ये सभी रक्तचाप को नियंत्रित करके रक्त के प्रवाह में सुधार करने का काम कर सकते हैं। साथ ही ये प्लेटलेट को इकट्ठा होने से भी रोक सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि गिंको बाइलोबा के बेनिफिट रक्त संचार में सुधार के लिए हो सकता है।

एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट की तरह – गिंको बाइलोबा के गुण में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि भी शामिल है। इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या को कम करने का काम कर सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मस्तिष्क और हृदय के लिए जोखिम पूर्ण होता है। वहीं, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कोलाइटिस की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। यह समस्या इन्फ्लेमेशन (सूजन) के कारण होती है।

प्रीमेंसट्रूअल सिंड्रोम के लक्षण को कम करने के लिए – माहवारी से पहले नजर आने वाले लक्षणों को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम कहा जाता है। इस दौरान सूजन, सिरदर्द और मूड स्विंग का सामना करना पड़ सकता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गिंको बाइलोबा के औषधीय गुण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के कारण होने वाले शारीरिक और मानसिक लक्षणों को कम कर सकते हैं।

एडीएचडी के लिए – गिंको बाइलोबा का उपयोग एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) जैसी समस्या से निपटने के लिए किया जा सकता है। एडीएचडी से ग्रस्त व्यक्ति के लिए किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करना और अपने व्यवहार को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। शोध के अनुसार, जिन्को बाइलोबा के उपयोग से मानसिक रोगों की समस्या को दूर किया जा सकता है। साथ ही शोध के अनुसार, जिन्कगो बाइलोबा कुछ ही साइड इफेक्ट के साथ एडीएचडी के उपचार में लाभदायक हो सकता है।

बवासीर के लिए- बवासीर की समस्या से राहत दिलाने में भी गिंको बाइलोबा के गुण असर दिख सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, गिंको बाइलोबा का अर्क दर्दनाक बवासीर से पीड़ित लोगों का इलाज कर सकता है। गुदा और मलाशय पर जिन्कगो बाइलोबा के अर्क का प्रयोग सूजन, रक्तस्राव और संक्रमित क्षेत्र में दर्द से राहत देने में मदद कर सकता है।

फाइब्रोमायल्जिया के लिए – मांसपेशियों में दर्द और थकावट को मेडिकल भाषा में फाइब्रोमायल्जिया कहा जाता है। इस समस्या में जिंको बाइलोबा अर्क का सेवन करने से मांसपेशियों में दर्द और थकावट को दूर करने में मदद मिल सकती है। इससे फाइब्रोमायल्जिया विकार को कम किया जा सकता है। इसलिए, कहा सकते हैं कि गिंको बाइलोबा के बेनिफिट फाइब्रोमायल्जिया से छुटकारा दिलाने का काम कर सकते हैं।

कैंसर के इलाज में लाभकारी – जिन्को बाइलोबा में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, टरपेनोइड्स, फ्लेवोनॉयड्स और पॉली फेनोलिक यौगिक मिलकर, पूरे शरीर में मुक्त कणों को खत्म करने के लिये मदद करते है। ये सेलुलर चयापचय के खतरनाक उप-उत्पाद होते हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करते हैं।

जिन्को बाइलोबा पूरे शरीर को क्रोनिक बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है, विशेष रूप से कैंसर और हृदय रोग, क्योंकि मुक्त कण हृदय प्रणाली की रक्त वाहिकाओं की दीवारों को कमजोर करते हैं।

पुरुषों के लिए जिन्कगो बाइलोबा के लाभ

पुराने शोधों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि जिन्कगो बाइलोबा का नियमित इस्तेमाल करने पर यह पुरुषों के यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का अधिक मात्रा में उपयोग करने पर पुरुषों में स्तंभन दोष हो सकता है।

लेकिन यदि जिन्कगो बाइलोबा के औषधीय गुण इस प्रकार की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है‍ कि जिन्कगो नाइट्रिक ऑक्साइड गैस की उपलब्‍धता को बढ़ाता है जो लिंग में रक्त प्रवाह को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। उचित रक्त प्रवाह होने से सीधा दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

जिन्कगो बिलोबा किन-किन रूपों में उपलब्ध है और इसे कैसे उपयोग किया जा सकता है – How to Use Ginkgo Biloba in Hindi

  • गिंको बाइलोबा पत्तियों के रूप में उपलब्ध है, जिससे चाय बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • यह कैप्सूल के रूप में भी मिलता है, जिसे डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।
  • जिन्कगो बिलोबा की गोलियां भी आती है, जिसे सही परामर्श के बाद लिया जा सकता है।
  • गिंको बाइलोबा पत्तियों का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाया जा सकता है।
  • इसके अर्क को तेल में मिलाकर बालों में लगा सकते हैं।

गिंको बाइलोबा के नुकसान – Side Effects of Ginkgo Biloba in Hindi

अगर गिंको बाइलोबा का उपयोग फायदेमंद हो सकता है, तो वहीं इसका अधिक सेवन उतना ही नुकसानदेह भी हो सकता है। इसका सेवन करने से पहले इसकी सही जानकारी का होना जरूरी है। आइए, जानते हैं कि गिंको बाइलोबा के साइड इफेक्ट के बारे में।

कई बीमारियों का खतरा – गिंको बाइलोबा के साइड इफेक्ट में सिरदर्द, पेट खराब और त्वचा की एलर्जी शामिल है।

रक्तस्राव – अगर किसी को रक्तस्राव की समस्या है, तो इसके सेवन से जोखिम बढ़ सकता है।

थायराइड कैंसर –जिन्को बाइलोबा के अधिक सेवन से लिवर और थायराइड का कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।

गिंको बाइलोबा का बीज –ताजा (कच्चा) या भुना हुआ जिन्को बाइलोबा का बीज जहरीला हो सकता है और इसे खाने से गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान –गर्भावस्था में जिन्कगो का सेवन असुरक्षित हो सकता है। इससे प्रसव के दौरान अधिक प्रसव पीड़ा या अतिरिक्त रक्तस्राव हो सकता है। वहीं, स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए यह सुरक्षित है या नहीं, इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं हैं।

आयुर्वेद के अनुसार जिन्को बाइलोबा बहुत से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। लेकिन इसकी कम मात्रा का उपयोग लंबे समय तक लगभग 6 महीने के लिए करना चाहिए। इसका उपयोग करने से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, फिर भी इसका उपयोग कम से कम और पूरी जानकारी होने के बाद ही किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष – Conclusion

निर्देशित खुराक से ज्यादा का सेवन ना करें। ज्यादा दवा के उपयोग से आपके लक्षणों में सुधार नहीं होगा, बल्कि इससे विषाक्तता या गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

यदि आपको लगता है कि आपने या किसी और ने जिन्कगो बिलोबा की ज्यादा खुराक ले ली है तो कृपया अपने नजदीकी अस्पताल या नर्सिंग होम में जाएं। आवश्यक जानकारी पाने में चिकित्सकों की सहायता करने के लिए अपने साथ मेडिसिन बॉक्स, कंटेनर या लेबल ले जाएँ।

गिंको बाइलोबा के विषय में ज्यादा जानकारी के लिए अपने चिकित्सक या दवा विक्रेता या उत्पाद पैकेज से परामर्श लें।जानकारी उपयोगी लगी हो तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। आप सभी पाठको का बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद