gay ka ghee | Badri Cow Of Uttrakhand In Hindi | uttrakhand ki badri gay ka ghee | उत्तराखंड की कामधेनु बद्री गाय | पहाड़ की बद्री गाय

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 Badri Cow Of Uttrakhand In Hindi|uttrakhand ki badri gay ka ghee उत्तराखंड की कामधेनु बद्री गाय | पहाड़ की बद्री गाय
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Badri Cow Of Uttrakhand In Hindi | uttrakhand ki badri gay ka ghee | उत्तराखंड की कामधेनु बद्री गाय | पहाड़ की बद्री गाय

gay ka ghee : उत्तराखंड की कामधेनु ,पहाड़ की बद्री गाय। जी हां जिस गाय को कम फायदे की बता कर लोगो ने अपनी गोशाला खाली कर दी । और पलायन करके परदेश चले गए। उसी गाय की उपयोगिता आज सरकार के साथ साथ बाकी लोग भी मान रहे हैं।

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पहाड़ की बद्री गाय | पहाड़ी गाय

पहाड़ की बद्री गाय केवल पहाड़ी जिलों में पाई जाती है।इसे “पहाड़ी गाय”के नाम से भी जाना जाता है।ये छोटे कद की गाय होती है।छोटे कद की होने के कारण ये पहाड़ो में आसानी से विचरण कर सकती है।इनका रंग भूरा,लाल,सफेद,कला होता है। इस गाय के कान छोटे से माध्यम आकर के होते हैं।इनकी गर्दन छोटी और पतली होती है।

बद्री गायों का औसत दुग्ध उत्पादन 1.2से 1.5लीटर तक होता है। लेकिन कुछ गाएं 6 लीटर तक दूध देती है। इनका दूध उत्पादन समय लगभग 275 दिन का होता है।

इनका मुख्य आहार पहाड़ों की घास,जड़ी बूटियां है। इन्हीं जड़ी बूटियों के कारण इनके दूध और मूत्र में औषधीय गुण होते हैं। इनका दूध,दही,घी विटामिन से भरपूर होता है। यह उत्तराखंड राज्य के लिए एक वरदान है।

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 Badri Cow Of Uttrakhand In Hindi|uttrakhand ki badri gay ka ghee उत्तराखंड की कामधेनु बद्री गाय | पहाड़ की बद्री गाय
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बद्री गाय का घी 

पहाड़ी क्षेत्रों में जड़ी बूटियां खाने वाली उत्तराखंड की पहाड़ी गाय,दूध से लेकर मूत्र तक औषधीय गुणों से सम्पन्न है। विशेष कर पहाड़ी गाय का घी बहुत लाभदायक होता है। इसकी देश विदेशों में बहुत मांग है।

पहाड़ की बद्री गाय के घी के लाभ 

  • गाय का भोजन जड़ी बूटियां होने के कारण,इनका घी स्वतः ही लाभदायक बन जाता है।
  • इस घी को विलोना विधि से बनाया जाता है, इसलिए इसके औषधीय गुण खत्म नहीं होते हैं।
  • बद्री गाय का घी रोग प्रतरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी लाभदायक होता है। और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
  • यह पाचन के लिए अच्छा है। पित्त और वात को शांत करता है।
  • हड्डियां मजबूत करता है, तथा जोड़ो के दर्द से राहत मिलती है।
  • त्वचा और आंखों के लिए अच्छा होता है।
  • पहाड़ी गाय का घी कॉलेस्ट्रॉल कम करता है।
  • यह घी एंटीऑक्सीडेंट,प्रजनन क्षमता और बाल विकास मे सहायक होता है।

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बद्री गाय का घी कहां मिलेगा | पहाड़ी गाय का घी

उत्तराखंड का प्रसिद्ध बदरी गाय का घी ऑनलाईन में उपलब्ध है। अमेज़न जैसी ऑनलाईन पोर्टल पर यह घी उपलब्ध है। 

घी निकालने कि वैदिक बिलोना बिधी

बिलोना विधि भारत की पारम्परिक घी निकालने की विधि है। 

सर्वप्रथम दूध को हल्की आंच में  देर तक पकने देते हैं। लकड़ी के चूल्हा इस काम के लिए सबसे ज्यादा सही रहता है।फिर दूध को हल्का ठंडा होने के बाद, पारम्परिक लकड़ी के बर्तनों में दही जमाने रख देते है। दही प्राकृतिक रूप से जमनी चाहिए, तभी घी में पौष्टिकता रहती है।तत्पश्चात दही को ब्रह्म मुहूर्त में मथनी से मथ कर मक्खन अलग कर लेते है।उस मक्खन को हल्की आंच में गरम करके उसमें से घी निकाल लेते हैं।

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