Is Vitamin E Safe to Eat | विटामिन ई Benefits and side effects | Vitamin E खाना के फायदे और side effects

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Is Vitamin E Safe to Eat | विटामिन ई Benefits and side effects | Vitamin E खाना के फायदे और side effects
Is Vitamin E Safe to Eat

Is Vitamin E Safe to Eat? Benefits and side effects क्या Vitamin E खाना सुरक्षित है? फायदे और side effects

आज के समय में चाहे महिला हो या पुरूष, हर कोई एक खूबसूरत स्किन पाने की चाहत रखता है। हर कोई दुनिया की भीड़ में अलग ही नजर आना चाहता है जिसके लिए वह काफी पैसे खर्च करता है ऐसे में विटामिन ई आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है विटामिन ई से आशय यौगिकों के एक समूह से है जिनमें टोकोफेरॉल और टोकोट्रॉयनॉल दोनों विद्यमान हों यह खून में रेड बल्ड सेल

यानी लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां व अन्य कोशिकाएँ। यह शरीर को ऑक्सीजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं।

इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन ई, सेल के अस्तित्व बनाय रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाए रखता है। विटामिन ई, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है विटामिन इ वसा में घुलनशील है

और इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो त्वचा को क्षति ग्रस्त होने से बचाते हैं कई खाद पदार्थों में विटामिन ई प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और जरूरत पड़ने तक हमारी बॉडी में संरक्षित रहता है यानी कि सेफ रहता है

विटामिंस में आठ विभिन्न योगिक मौजूद होते हैं जिनमें से सबसे सक्रिय रूप से अल्फा टोकॉफरोल (α-Tocopherol)है यह हमारी त्वचा के लचीलापन को बनाए रखता है जिससे समय से पहले एंजिन त्वचा फटने या छोरियों की समस्या से सुरक्षा मिलती है यह समस्याएं हमें फ्री रेडिकल्स के कारण हो सकते हैं

विटामिन ई को त्वचा और बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है इसके अलावा बॉडी को हेल्दी बनाए रखने के लिए भी विटामिन इज काफी गुणकारी साबित होता है ।साथ ही यह कई बीमारियों को हमारे शरीर से दूर रखने का काम करती है.त्वचा की चमक बढ़ाने व घने-काले बालों के लिए विटामिन-ई उपयोगी है।

विटामिन-ई कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाई जाती है. यदि आप विटामिन ई का सेवन करना चाहते हैं तो उसका सबसे बेहतर उपाय यह है. कि इसे किसी स्वस्थ आहार के माध्यम से ग्रहण किया किया जाए.

इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि विटामिन की अत्यधिक मात्रा का सेवन न किया जाए क्योंकि ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है. आइए विटामिन के फायदे और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानें.

क्या है फ्री रेडिकल्स

फ्री रेडिकल्स का तात्पर्य के समरूप कोशिकाओं से हैं जो युग (जोड़ा) बनाने के लिए अत्यधिक सक्रिय रहती है इनमे आक्रामक प्रतिक्रिया देकर त्‍वचा और शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। इस प्रतिक्रिया के कारण कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाली ऑक्सीडेटिव तनाव (फ्री रेडिकल्‍स और एंटीऑक्‍सीडेंट के उत्‍पादन के बीच असंतुलन) की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

त्वचा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने के अलावा फ्री रेडिकल्सका असर शरीर के अन्यऊतकों और अंग प्रणाली जैसे कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रतिरक्षा तंत्र आदि पर भी पड़ता है इन कोशिकाओं के अनियंत्रित कार्य की वजह से अनेक प्रकार की परेशानियां होती है

  • अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार का होना आरंभ हो जाता है
  • त्वचा विकार जैसे कि समय से पहले झुर्रियों का होना त्वचा में लचीलापन या नरमी का कम होना त्वचा की बनावट में बदलाव का आना
  • बालों से संबंधित समस्याएं जैसे कि बालों का समय से पहले सफेद होना
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसे ऑटोइम्यून रोग (इम्यून सिस्टम का अपने ही स्वास्थ्य कोशिकाओं पर हमला करना)
  • अनेक बार ऐसी समस्याओं में कैंसर जैसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है
  • डायबिटीज का होना
  • नेत्र संबंधी विकार जैसे कि आंखों में धुंधलापन अंधापन या मोतियाबिंद का होना

शरीर में क्यों बनने लगते हैं फ्री रेडिकल

शरीर में फ्री रेडिकल्स प्राकृतिक रूप से बनते हैं हालांकि जीवन शैली से संबंधित कुछ कारणों जैसे कि धूम्रपान अत्यधिक शराब पीने की आदत का तला भुना ज्यादा मात्रा में लेने से फ्री रेडिकल्स का उत्पादन होने लगता है इसके अलावा पर्यावरण का अत्यधिक प्रदूषित होना, रसायनों, कीटनाशकों या अन्य तत्वों के संपर्क में आने की वजह से भी शरीर के तंत्र में बदलाव आने लगता है इसके कारण शरीर में फ्री रेडिकल्स का उत्पादन होने लगता है.

आप जानते हैं कि फ्री रेडिकल्स से लड़ने में विटामिन ई कैसे मदद (हेल्प-HELP)करता हैं

विटामिन ई में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं और यह एंटीऑक्सीडेंट अन्य अणुओ के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करते है.इन में फ्री रेडिकल्स की प्रतिक्रिया को धीमा करने की क्षमता होती है इससे फ्री रेडिकल्स को अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन देखकर बेअसर कर दिया जाता है इस प्रकार की गतिविधियां (कार्य) और रासायनिक स्थिरता में कमी आती है

विटामिन ई के स्रोत

सभी मनुष्यों को स्वस्थ रखने और विभिन्न रोगों से दूर रखने के लिए आवश्यक विटामिन को हम कई आहारों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं. विटामिन ई कई खाद्य पदार्थों में विद्यमान होता है. इस विटामिन को आप आहारों विभिन्न आहारों के माध्यम से ग्रहण करें जैसे मूंगफली, अखरोट, बादाम, वनस्पति तेल, कुसुम, गेहूं, सोयाबीन और सूरजमुखी आदि में विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ ही सूरजमुखी के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक में भी विटामिन ई की मात्रा पाई जाती है.

Is Vitamin E Safe to Eat | विटामिन ई Benefits and side effects | Vitamin E खाना के फायदे और side effects
विटामिन ई Benefits and side effects
विटामिन स्रोतभूमिकाआर. डी. ए.
विटामिन एदूध, मक्खन, गहरे हरे रंग की सब्जियां। शरीर पीले और हरे रंग के फल व सब्जियों में मौजूद पिग्मैंट कैरोटीन को भी विटामिन ‘ए’ में बदल देता हैयह आंख के रेटिना, सरीखी शरीर की झिल्लियों, फ़ेफ़डों के अस्तर और पाचक-तंत्र प्रणाली के लिए आवश्यक है।1 मि, ग्राम.
थायामिन बीसाबुत अनाज, आटा और दालें, मेवा, मटर फ़लियांयह कार्बोहाइड्रेट के ज्वलन को सुनिशचित करता है।1.0-1.4 मि. ग्राम1.0-1.4 मि. ग्राम
राइबोफ़्लैविन बीदूध, पनीरयह ऊर्जा रिलीज और रख–रखाव के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। 1.2- 1.7
नियासीनसाबुत अनाज, आटा और एनरिच्ड अन्नयह ऊर्जा रिलीज और रख रखाव, के लिए सभी कोशिकाओं के लिए आवश्कता होती है।
13-19 मि. ग्रा
विटामिन बीदूग्धशाला उत्पादलाल रक्त कोशिकाओं, अस्थि मज्जा-उत्पादन के साथ-साथ तंत्रिका-तंत्र के लिए आवश्यक है।3 मि.ग्रा
विटामिन ‘सी’सभी रसदार फ़ल. टमाटर कच्ची बंदगोभी, आलू, स्ट्रॉबेरीहडिडयों, दांत, और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है।60 मि, ग्रा
विटामिन ‘डी’दुग्धशाला उत्पाद। बदन में धूप सेकने से कुछ एक विटामिन त्वचा में भी पैदा हो सकते है।दुग्धशाला उत्पाद। बदन में धूप सेकने से कुछ एकरक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हडिडयों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है। विटामिन त्वचा में भी पैदा हो सकते है। आवश्यक है। 5-10 मि. ग्रा
विटामिन ‘ई’वनस्पति तेल और अनेक दूसरे खाघ पदार्थ
वसीय तत्त्वों से निपटने वाले ऊतकों तथा कोशिका झिल्ली की रचना के लिए जरुरी है।
5-10 मि. ग्रा8-10 मि. ग्रा

विटामिन ई के फायदे -Benefits of Vitamin E

शरीर के लिए सभी विटामिन्स का अपना-अपना महत्व है, लेकिन उनमें कुछ खास अलग है. ऐसे विटामिन्स में एक प्रमुख विटामिन ई है. उसे भोजन के अलावा, सप्लीमेंट के तौर पर भी हासिल किया जाता है. हम में से कई लोग अपने चेहरे पर विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल करते हैं।

लोगों का मानना है कि विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल करने से स्किन पर निखार आता है। साथ ही यह स्किन को सॉफ्ट और मुलायम बनाने में मददगार है। लेकिन क्या सच में विटामिन ई कैप्सूल को लगाने से स्किन की चमक बढ़ती है?

  • विटामिन ई हमारे शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने का काम करती है. यह उन्हें कई तरह के खतरों और जोखिमों से बचाती है. विटामिन-ई हमें कैंसर, भूलने की बीमारी, दिल से संबंधित बीमारियां और अन्य बीमारियों से भी बचाने का काम करती है. ये विटामिन ई के होने वाले प्रमुख फायदे हैं.
  • विटामिन ई हमारी आंखों के लिए भी काफी उपयोगी है. विटामिन ई के फायदे के कारण हम मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से बच सकते हैं. विटामिन ई प्रोस्टाग्लैंडिन के उत्पादन में भी काम आता है. प्रोस्टाग्लैंडिन, रक्षा, प्रजनन मांसपेशियों में संकुचन के साथ ही मांसपेशियों में मरम्मत का काम सिस्टिक फाइब्रोसिस और जिगर के पित्त तथा पाचन तंत्र को नियंत्रित करता है
  • .विटामिन ई का कैप्सूल का इस्तेमाल चेहरे पर लगाने के बजाय खाने में करना चाहिए। अगर आप चेहरे पर विटामिन ई कैप्सूल का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे कई तरह के साइड-इफेक्ट हो सकते हैं।

विटामिन ई के नुकसान – side-effects of Vitamin E

हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विटामिन ई की आवश्यकता से अधिक मात्रा हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है. आवश्यकता से अधिक मात्रा में लेने पर यह शरीर में जमा होने लगती है. क्योंकि यह वसा में घुलनशील है. ये मूत्र पथ के माध्यम से शरीर से निकाला नहीं जा सकता है.

धीरे-धीरे यह विशाल स्तर तक जमा हो जाती है. खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन विकास एवं सामान्य है. लेकिन जब पूरक आहार के माध्यम से ले लेते हैं तो यह कई परेशानियों का कारण बन सकती है.विटामिन ई एक ऑक्सीडेंट है जो आपके शरीर का काम ठीक से होने के लिए के कई अंगों की मदद में भूमिका निभाता है.

ये विटामिन प्राकृतिक रूप से भोजन जैसे वनस्पति तेल, नट्स, बीज और हरी पत्तियों में पाया जाता है. विटामिन ई सप्लीमेंट के तौर पर भी मुहैया है. कभी-कभी विटामिन ई का इस्तेमाल विटामिन ई कमी का इलाज करने के लिए किया जाता है,

जो दुर्लभ है मगर खास बीमारी की स्थिति जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, लीवर रोग और क्रोहन बीमारी में हो सकता है. कभी-कभी कम वजन के शिशुओं को भी अतिरिक्त विटामिन ई खुराक की जरूरत पड़ती है.

अगर आपको एलर्जी रिएक्शन का संकेत दिखाई दे. एलर्जी रिएक्शन में सांस लेने में दिक्कत, आपके चेहरे, होंठ, जीभ और गले का सूज जाना है. विटामिन ई लेना बंद कर दें और सिर दर्द, कमजोरी, चक्कर, दृष्टि में बदलाव, डायरिया, पेट में ऐंठन, मसूढ़ों से खून आने की शिकायत पर फौरन अपने डॉक्टर को बुलाएं.

Is Vitamin E Safe to Eat | विटामिन ई Benefits and side effects | Vitamin E खाना के फायदे और side effects
Vitamin E

विटामिन ई के आम साइड-इफेट्स

  • विटामिन ई के आम साइड-इफेट्स में मतली, डायरिया, पेट दर्द, थकान का एहसास, सिर दर्द हो सकता है. ये साइड-इफेक्ट्स की पूरी सूची नहीं है और दूसरा हो सकता है.
  • अगर आप प्रेगनेन्ट या स्तनपान कराने वाली है महिला हैं, तो इस दवा के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह लें. आपके डोज की जरूरत प्रेगनेन्सी या बच्चे को दूध पिलाने के दौरान अलग हो सकती है.

विटामिन ई लेते वक्त खास दवा और फूड को करें नजरअंदाज

  • दूसरे विटामिन, मिनरल सप्लीमेंट्स या पोषण वाले प्रोडक्ट्स का अपने डॉक्टर की सलाह के बिना लेने से बचें. विटामिन ई भोजन के साथ लेने पर सबसे अच्छा काम करता है.
  • विटामिन ई की अधिकता से उत्पन्न होने वाली परेशानियों में खून का पतला होना और थकान जैसी लक्षण दिखाई देते हैं.
  • विटामिन ई की कमी के कारण भी आपको कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि एनीमिया एनीमिया, कंकाल मायोपथी, गतिभंग, परिधीय न्युरोपटी, रेटिनोपैथी, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और तंत्रिका क्षति की हानि के संकेत विटामिन ई की कमी दिखलाता है.
  • अगर आप विटामिन ई कैप्सूल का सीधे तौर पर इस्तेमाल करते हैं, तो आपको इरिटेंट डर्मेटाइटिस की समस्या हो सकती है। जिसकी वजह से आपकी स्किन पर फफोले, रैशेज, लालिमा, धूप में निकलने में परेशानी जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए कभी भी सीधे तौर पर विटामिन ई चेहरे पर न लगाएं। अगर आप ऐसा विचार कर रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • कुछ लोगों को स्किन पर विटामिन ई लगाने से एलर्जी कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की भी समस्या हो सकती है। इस समस्या से ग्रसित होने पर आपके चेहरे पर अत्यधिक सूजन, आंखों में जलन, स्किन का कठोर पड़ना, घाव या अल्सर बनना जैसी समस्या हो सकती है।
  • विटामिन ई कैप्सूल लगाने के बाद अगर आपको इस तरह की समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि आपकी परेशानी को जल्द से जल्द कंट्रोल किया जा सके। एलर्जी कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस की समस्या बढ़ने पर आपको अन्य गंभीर परेशानी हो सकती है।
  • एक ताजा अध्ययन में विटामिन ई के लिए अनुपूरक आहार के सेवन से बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए अपने अध्ययन में पाया कि आक्सीकरण रोधी पदार्थ के रूप में सर्वाधिक इस्तेमाल किए जाने वाले दो पदार्थों, जिसमें विटामिन ई भी शामिल है, के कारण फेफड़े के कैंसर पर रोकथाम की बजाय यह बीमारी और तेजी से बढ़ती है।

विटामिन ई के बारे में कुछ सावधानी बरतें

अगर आपको सर्जरी कराने की जरूरत है या आपका ऑपरेशन होनेवाला है, तो प्रक्रिया से पहले सर्जन को बताएं कि आप विटामिन ई का इस्तेमाल कर रहे हैं. हो सकता है आपको कुछ संक्षिप्त समय के लिए दवा के इस्तेमाल से रोकना पड़े.इसलिए जब भी विटामिन ई का सेवन करना हो तो किसी विशेषज्ञ के निगरानी में ही करें. ताकि आपको किसी तरह के परेशानी का सामना न करना पड़े.

अगर आप इस पोस्ट में बताई गई बातों से सहमत हैं तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें जिससे महत्वपूर्ण जानकारी सभी को मिल सके और विटामिन ई कैप्सूल या विटामिन ई से बनी हुई किसी भी चीज (ब्यूटी एंड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट) का उपयोग करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें

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