Carom seeds best benefits In Hindi | Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

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Carom seeds benefits In Hindi | Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi
Carom seeds benefits In Hindi | Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

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 Carom seeds best benefits In Hindi | Ajwain ke fayde nukshan In Hindi | Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi |अजवाइन के फायदे और नुकसान

Carom Seeds : अजवाइन एक एसा हर्ब है जो भारत के हर रसोईघर में पाया जाता है। अजवाइन, का वैज्ञानिक नाम (वानस्पतिक नाम) ट्रकीस्पर्मम् ऐम्मी (Trachyspermum ammi) है और ये ऐपीएसी (apiaceae) कुल का है अंग्रजी में इसको दि बिशॉप्स वीड (The Bishop’s Weed) कहते हैं।अपियासी (उंबेलिफेरे) परिवार की एक झाड़ीनुमा वनस्पति है। यह बिशप की घास या कैरम के बीज के रूप में भी जाना जाता है।

भारत में औषधीय और खाना पकाने के प्रयोजनों के लिए इसके बीज और पत्ते का उपयोग किया जाता है। पूड़ी-पराठा या फिर तड़का लगाने में अजवाइन का इस्तेमाल बेहद आम है।

चुटकी भर उपयोग करने से खाने का स्वाद निखर जाता है। भारतीय मसाले न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि स्वास्थ्य को बेहतर करने में भी महत्वपूर्ण योगदान निभाते हैं, अजवाइन भी इन्हीं में से एक है। रसोईघर में तो इसका उपयोग मसाले के रूप में होता है

लेकिन अक्सर आपने देखा होगा कि घर में जब किसी को पेट में दर्द, अपच या एसिडिटी की परेशानी होती है तो बड़े-बुजुर्ग उन्हें अजवाइन खाने की सलाह देते हैं।सिर्फ पेट के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शरीर के लिए अजवाइन का सेवन फायदेमंद है। आयुर्वेद में अजवाइन का प्रयोग औषधी के रूप में प्राचीन काल से हो रहा है।

इसके अलावा, अजवाइन (Carom seeds) के इस्तेमाल से इम्युनिटी भी बेहतर होती है। क्या आपको याद है बचपन में जब आपके पेट में बहुत दर्द होता था तब दादी हो या नानी आपको अजवाइन का पानी या अजवाइन का चूर्ण खाने के लिए देती थी। असल में अजवाइन के फायदे (Ajwain benefits) इतने हैं कि उनको उंगलियों में गिनना मुश्किल हो जाता है।

अजवाइन  न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि उसके औषधीय गुण खाने को और भी पौष्टिकारक बनाता है जिससे वह आपके सेहत को कई तरह से फायदा पहुँचाने में सक्षम हो जाता है। 

अजवाइन (ajwain in hindi) हर भाषा में कई नामों से प्रचलित है .

  • हिन्दी में – अज़वाइन, अजमायन, जवाइन, जबायन, अजोवां,
  • गुजराती में – अजमो
  • तमिल में – ओमुम
  • बंगाली में – यमानी या जोवान
  • मराठी में – अजमा, यवान 
  • अंग्रेजी में – एजोबा सीड्स, कैरम (carum)
  • अरबी में – कमूने मुलुकी आदि ।

अजवाइन ऐसे प्रांतों में उपजता है जहां के मिट्टी में नमक की मात्रा में ज्यादा होती है। अजवाइन मुख्यतः तीन प्रकार की होती है, अजवाइन, जंगली अजवाइन, खुरासानी अजवाइन।

Carom seeds benefits In Hindi | Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi
Carom seeds

अजवाइन (ajwain) में पाये जाने वाले पोषक तत्व

अजवाइन में अवाष्पशील तैल, क्युमिन, कैम्फीन, डाईपेन्टीन, मिरसीन, फिनोल, लिनोलीक, ओलिक, पॉमिटिक, निकोटिनिक अम्ल, राइबोफ्लेविन, β-पाइनिन तथा थाइमिन पाया जाता है। इसके फल में थायमोल तथा तेल में साइमीन पाया जाता है। असल में अजवाइन में एसेनशियल ऑयल होता है जो खाने का स्वाद और फ्लेवर बढ़ाने में मदद करता है।

अजवाइन में फाइटोकेमिकल जैसे कार्बोहाइड्रेट्स, ग्लाइकोसाइड्स, सैपोनिन्स फिनोलिक यौगिक या कम्पाउन्ड होता है। इसके साथ-साथ अजवाइन में प्रोटीन, फैट, फाइबर और मिनरल जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड होता है। अजवाइन के फायदे भी अजवाइन के पोषक तत्व पर ही निर्भर करता है।

अजवाइन (ajwain) के औषधीय गुण

अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे कि इतने पोषक तत्व वाले अजवाइन के औषधीय गुण भी बेशुमार होंगे। अजवाइन के बीज में एंटीसेप्टिक, स्टीमूलेंट, कार्मिनटिव (वातहर), मूत्रवर्धक, एनेस्थेटिक, ऐंटीमाइक्रोबायल, एंटीवायरल, नेमाटिडाइड, एंटी-अल्सर, एंटीहाइपेर्टेन्सिव, एंटी-ट्यूसिव, ब्रोंकोडाइलेटरी, एंटीप्लेटलेट, हेपेट्रोप्रोटेक्टीव और एंटी-हाइपरलिपिडेमिक जैसे औषधीय गुण विद्दमान होते हैं।

साथ ही अजवाइन का एंटी-कैरोजेनिक गुण मुँह में बैक्टिरीया को पनपने से रोकता है जिससे ओरल हेल्थ बेहतर होता है। अजवाइन में थायमोल, एंटी-बैक्टीरिया गुण होता है, जो ओरल हेल्थ के फायदेमंद होता है।

इसके अलावा अजवाइन (ajwain benefits) धमनियों का रक्तचाप कम करने में सहायता करती है जो शरीर का एलडीएल लो करके हाइपरटेंशन से राहत दिलाने में मदद करती है। अजवाइन डाइजेस्टिव स्टीमूलेंट होता है जो गैस्ट्रिक एसिड, बाइल एसिड्स और डाइजेस्टिव एंजाइम के कार्यविधि को बेहतर बनाकर खाना को हजम करने में मदद करती है।

अजवाइन (ajwain) के सेवन की विधि ( how to take ajwain in hindi)

वाह्य उपयोग के लिए

अगर आप अजवाइन का उपयोग (ajwain ke fayde) वाह्य तौर पर करना चाहते हैं तो ज़रूरत के अनुसार 2-4 ग्राम ताजा पत्ते का पेस्ट बनाकर कर सकते हैं या 2-5 ग्राम ज़रूरत के अनुसार अजवाइन के बीज का पाउडर भी बना सकते हैं। अगर आपको दर्द के जगह पर अजवाइन का तेल लगाना है तो 1-3 बूंद ज़रूरत के अनुसार तेल लगा सकते हैं, नहीं तो अजवाइन के नुकसान (ajwain ke nuksan) से त्वचा पर असर पड़ सकता है।

आंतरिक उपयोग के लिए 

  • अजवाइन चूर्ण , अजवाइन तेल और अज‍वाइन पानी तो आप घर पर भी बना सकते हैं। लेकिन आजकल अजवाइन कैप्सूल और टैबलेट भी बाजार में उपलब्ध हैं। 1-2 ग्राम अजवाइन का चूर्ण दिन में दो बार ले सकते हैं या 30-50 एमएल अजवाइन पानी दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं।
  • वैसे तो अजवाइन का इस्तेमाल दो तरह से कर सकते हैं लेकिन इसके सेवन करने का तरीका और लगाने का तरीका भी अलग-अलग होता है जिसका हमें विशेष रूप से ध्यान रखना होता है, नहीं तो अजवाइन के नुकसान से मुश्किलें आ सकती हैं। अजवाइन लेने का तरीका सही होगा तभी अजवाइन के फायदे (ajwain benefits in hindi) शरीर को पूरी तरह से मिलेगा।

अजवाइन के लाभ – Ajwain Benefits (Fayde) in Hindi

सर्दी का इलाज: चिरकारी और आवर्तक ठंड के लिए, अजवाइन के तले हुए बीज 1-2 ग्राम की खुराक में 15-20 दिन के लिए लेने की सलाह दी जाती है। गुनगुने पानी के साथ अजवाइन के बीज चबाना खांसी के लिए भी एक अच्छा इलाज है।

अम्लता के लिए: अजवाइन के बीज में एंटी- हाइपरएसिडिटी गुण होते हैं। अम्लता के रोगी सुबह- सुबह या भोजन के बाद गुनगुने पानी और नमक के साथ अजवाइन का उपभोग कर सकते हैं। 10-15 दिन लिए जाने पर, यह अच्छे परिणाम दिखाते हैं।

अस्थमा के लिए: गर्म पानी के साथ अजवाइन के बीज का उपभोग करने से शरीर को ठंड से तुरंत राहत मिलती है और खांसी और बलगम का निष्कासन होता है। यह ब्रोन्काइटिस और अस्थमा के उपचार के लिए भी उपयोगी है। अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति अजवाइन और गुड़ का पेस्ट, 1 बड़ा चमचा दिन में दो बार ले सकता है।

पेट के दर्द के लिए: अजवाइन और छोटी मात्रा में नमक , गर्म पानी के साथ पीने पर अपच और पेट के दर्द के लिए काफी फायदेमंद है।

गुर्दा संबंधी विकारों के लिए: अजवाइन के बीज गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए बहुत प्रभावी हैं। वे गुर्दा संबंधी विकारों के कारण दर्द का इलाज और कम करने में भी उपयोगी हो सकते हैं।

मुंह की समस्याओं के लिए: अजवाइन बीजों को दांत दर्द का इलाज करने के लिए सिद्ध हैं। दाँत दर्द, खराब गंध और क्षय के उपचार के लिए, अपने मुंह को लौंग तेल, अजेवन तेल और पानी से रोजाना सॉफ करें।

एक्जिमा के लिए: एक पेस्ट बनाने के लिए गुनगुने पानी के साथ अजवाइन के बीज को पीस लें। इस पेस्ट को चेहरे या शरीर के किसी भी प्रभावित हिस्से पर लागू करें। इसके अलावा, अच्छे परिणाम के लिए कोशिश करें कि एजवेन पानी के साथ प्रभावित हिस्से को धोएँ।

गठिया के लिए: अजवाइन के बीज का तेल गठिया दर्द का इलाज करने के लिए एक बहुत ही उपयोगी तरीका है। गठिया दर्द से राहत पाने के लिए अजवाइन बीज के तेल के साथ नियमित रूप से प्रभावित जोड़ों पर मालिश करें।

वायरल संक्रमण और फ्लू के लिए: पानी में दालचीनी के साथ अजवाइन बीज उबाल लें। फ्लू का इलाज करने के लिए एक दिन में 4 बार पी लें।

शराब की लत के लिए: यह जड़ी बूटी उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो शराब से छुटकारा चाहते हैं। रोजाना अजवाइन के बीज को चबाने से शराब की लालसा से छुटकारा मिल सकता है।

शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए: यह शुक्राणुओं की संख्या में सुधार करने और समय से पहले स्खलन का इलाज करने के लिए एक सिद्ध विधि है।

पिंपल मुक्त चेहरे के लिए: मुहासों के कारण होने वाले निशान को हल्का करने में अजवाइन के बीज बहुत उपयोगी हो सकते हैं। आप निशान को हटाने के लिए अपने चेहरे पर दही के साथ इसे लागू कर सकते हैं।

Carom seeds benefits In Hindi | Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi
Ajwain Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

अजवाइन के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां

क्या गर्भावस्था के समय अजवाइन का सेवन करना चाहिए?

अजवाइन का इस्तेमाल (सेवन) किन्हें कम करना चाहिए 

  • अजवाइन का इस्तेमाल ज्यादा करने से सेहत पर गलत असर होता है, ऐसे में कुछ लोगों को इससे दूरी बना लेनी चाहिए। इस वजह से पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं, इसके अलावा चक्कर, उल्टी, लिवर में खराबी और सीने में जलन की परेशानी हो सकती है।
  • साथ ही, गर्भवती महिलाओं को भी इसके अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए। ऐसे में लोगों को एक चम्मच से अधिक अजवाइन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान अजवाइन के सेवन से परहेज करना चाहिए। अगर आप औषधि के रूप में इसका सेवन करना चाहती हैं तो चिकित्सक की सलाह के अनुसार सेवन करें।

क्या अजवाइन का सेवन ब्रेस्ट फिडिंग या स्तनपान के दौरान लेना सेफ होता है?

अजवाइन में गैलाक्टागोगुई (galactogogue)और एस्ट्रोजेन का लेवल बहुत ज्यादा होता है जो स्तनपान के लिए दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद करती है। इसलिए स्तनपान करवाने वाली मां के लिए अजवाइन का सेवन करना सुरक्षित होता है। अजवाइन को खाने में डालकर इसका सेवन करना सेफ होता है। इससे अजवाइन के फायदे भी सेहत को मिलता है।

वाह्य

अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो अजवाइन का या उसके पत्ते का पेस्ट शहद या किसी शीत पदार्थ के साथ मिलाकर ही त्वचा पर लगायें।

अजवाइन के साइड इफेक्ट (ajwain side effects) से बचने के लिए या अजवाइन के गर्म तासीर के कारण अजवाइन सीड ऑयल या पेस्ट को नारियल तेल के साथ मिलाकर ही शरीर पर लगाये।
आंतरिक

डॉक्टर के निर्देशनुसार ही अजवाइन का सेवन करें नहीं तो अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज़ या एसिड रिफ्लैक्स हो सकता है। यानि डॉक्टर के निर्देशानुसार अजवाइन के सेवन नहीं करने से अजवाइन के नुकसान से सेहत को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

  • अगर मेल इन्फर्टिलिटी का प्रॉब्लम है तो अजवाइन के सेवन से बचना चहिये।
  • अगर इंटरनल ब्लीडिंग या अल्सेराटिव कोलाइटिस है तो अजवाइन का सेवन न करें।
  • अजवाइन के गर्म प्रभाव के कारण गर्भावस्था के दौरान अजवाइन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
  • जिन्हें होती है कब्ज की समस्या उन्हें सीमित मात्रा में ही अजवाइन खाना चाहिए। बताया जाता है कि अजवाइन का पानी ज्यादा पीने से कब्ज और एसिडिटी जैसी दिक्कत हो सकती है।

अजवाइन के नुकसान (ajwain side effects in hindi) 

  •  अगर आपने अजवाइन निश्चित मात्रा से भी ज्यादा लिया तो उल्टी, मतली और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
  • जिन लोगों को अजवाइन से एलर्जी होती है उनको सर्दी, रैशेज या पित्त हो सकता है। इसलिए अजवाइन का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट ज़रूर कर लें। यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में अजवाइन का सेवन करने से त्वचा संवेदनशील हो सकती है
  • जो बाद में स्किन कैंसर होने का कारण बन सकता है। अजवाइन के नुकसान और उसके साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए अजवाइन का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।

इन सब बातों के अलावा क्या आपको पता है कि अजवाइन को कैसे संरक्षित करना चाहिए?

ठंडा और सूखे जगह पर ढक्कन बंद जार में अजवाइन को रखना चाहिए। नहीं तो अजवाइन के जल्दी खराब होने की आंशका रहती है।

अजवाइन पानी या अजवाइन का काढ़ा कैसे बनाना चाहिए?

घर पर आसानी से अजवाइन का पानी बनाया जा सकता है। रात भर एक कप में दो छोटे चम्मच अजवाइन को भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह अजवाइन को उबालें और छानकर ठंडा करें। उसके बाद खाली पेट इसका सेवन करें।

Q : अजवाइन के पानी के फायदे

Ans : वजन कम करने के लिए आप 25 ग्राम अजवाइन को एक गिलास पानी में पूरी रात के लिए भिगो दें. अब सुबह खाली पेट अजवाइन के पानी को पीएं. लगातार 20 दिनों तक आपको अजवाइन का पानी पीना है.

Q : शुगर में अजवाइन के फायदे

Ans : अजवाइन में मौजूद फाइबर शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल (how to control sugar) रखने में मदद करता है. इसलिए आपको खाना खाने के बाद अजवाइन का सेवन करना चाहिए. नियमित रूप से मधुमेह का यह घरेलू उपाय अपनाने पर शरीर को ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने की आदत पड़ जाती है

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