know the benefits of dal |daal ke fayade | Dal benefits|Lentils benefits in hindi | Mix dal pulses health benefits in hindi | दाल के फायदे

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know the benefits of dal . Lentils benefits
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know the benefits of dal | daal ke fayade | Dal benefits | Lentils benefits in hindi | Mix dal pulses health benefits in hindi | दाल के ये फायदे

benefits of dal : शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए इसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इन पोषक तत्वों की भरपाई हमारे खाने से होती है । लेकिन खाने में कुछ लोग आनाकानी करते हैं। किसी को चावल नहीं पसंद तो किसी को दाल नहीं पसंद होती है पर आपको बात दें कि खाने में सब चीजों की मात्रा के बराबर होनी चाहिए।

जिनको दाल (benefits of dal :) नहीं पसंद उन लोगों को बता दें कि दाल के इतने फायदे हैं, कि आप जानकर हैरान हो जाएंगे। दालें अनाज में आती हैं। इन्हें उगाने वाली उपज को दलहन कहा जाता है। दालें हमारे भोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दालें मानव आहार में प्रोटीन की आवश्यकता पूर्ति का प्रमुख स्रोत है ।

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लगभग 3 प्रतिशत प्रोटीन की पूर्ति दालों द्वारा की जाती है भोजन में प्रयोग आने वाली दालें मुख्यत: छिलका रहित दो टुकड़ों वाली होती हैं । दुर्भाग्यवश आज आधुनिकता की दौड़ में फास्ट फूड के प्रचलन से हमारे भोजन में दालों (benefits of dal) का प्रयोग घटता जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों, विशेषकर बच्चों एवं युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

मसूर दाल के फायदे

मसूर की दाल के सेवन से इसके कई औषधीय गुण हासिल किए जा सकते हैं। यह दाल एंटीऑक्सीडेंट सामग्री से भरपूर होती है। यही वजह है कि मसूर की दाल मधुमेह, मोटापा, कैंसर और हृदय रोग आदि के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। पोषक तत्वों की उच्च मात्रा, पॉलीफेनोल्स और अन्य बायोएक्टिव तत्वों से युक्त यह दाल भोजन और औषधि दोनों की भूमिका पर खरी उतर सकती है।

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मसूर दाल की हमारे शरीर में ब्लड के लेवल को मेंटन करता है।दस्त और कब्ज की समस्या में दाल का पानी हमें आराम देता है। इसके साथ ही ये आंखों की रोशनी को भी अच्छा करता है।इसके खाने से आंखों से जुड़ी दिक्कत दूर हो जाती है। इस दाल में फैट न के बराबर पाया जाता है लेकिन इसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

चने की दाल, करती है कमाल

चना दाल से न केवल शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है बल्कि इससे कई तरह की रेसिपी भी तैयार की जा सकती है। भारतीय घरों में चना दाल को बहुत से तरीके से उपयोग में लाया जाता है। चने की दाल चना का आधा हिस्सा है जिसे साफ करके पोलिश किया जाता है। चना दाल को पीस कर बेसन बनाया जाता है जिसमें पोषक तत्व की कमी नहीं होती है, इस बेसन का उपयोग तरह तरह से किया जाता है।

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चना दाल को शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का बेहतर स्रोस है। इसमें बी-कॉम्पलेक्स विटामिन होता है जो ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो शरीर के अंगों को सूजन से बचाते हैं।अगर हार्मोन्स का लेवल आपके बॉडी में गड़बड़ है

तो चने की दाल से काफी हद तक इसमें सुधार आ जाता है. यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मेंटन करता है। इस दाल में भी फैट की मात्रा कम होती है। जिम करने वालों के लिए यह अच्छा प्रोटीन सोर्स साबित होता है. चने की दाल में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी काफी मात्रा में पाया जाता है।

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उड़द दाल के हैं कई फायदे

उड़द की दाल में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये हमारे शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है और ये ब्लड की भी कमी नहीं होने देता है। उड़द की दाल से हड्डियां मजबूत रहती हैं । और डायबिटीज के मरीजों के लिए ये काफी हेल्दी माना जाता है। उरद या उड़द एक दलहन होता है।

उरद को संस्कृत में ‘माष’ या ‘बलाढ्य’; बँगला’ में माष या कलाई; गुजराती में अड़द; मराठी में उड़ीद; पंजाबी में माँह, अंग्रेज़ी, स्पेनिश और इटालियन में विगना मुंगों; जर्मन में उर्डबोहने; फ्रेंच में हरीकोट उर्ड; पोलिश में फासोला मुंगों; पुर्तगाली में फेजों-द-इण्डिया तथा लैटिन में ‘फ़ेसिओलस रेडिएटस’, कहते हैं । इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्ध घी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए।

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इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए। इसकी हरी फलियों की भाजी तथा बीजों से दाल, पापड़ा, बड़े इत्यादि भोज्य पदार्थ बनाए जाते हैं। आयुर्वेद के मतानुसार इसकी दाल स्निग्ध, पौष्टिक, बलकारक, शुक्र, दुग्ध, मांस और मेदवर्धक; वात, श्वास और बवासीर के रोगों में हितकर तथा शौच को साफ करनेवाली है।

मूंग दाल पाचन को करता है बेहतर

मूँग साबुत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है। अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों केल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है। मूँग शक्तिवर्द्धक होती है। ज्वर और कब्ज के रोगियों के लिए इसका सेवन करना लाभदायक होता है।

अगर आपको लीवर या पाचन से जुड़ी कोई दिक्कत है तो मूंग दाल इस दौरान आपको राहत देता है. गैस की दिक्कत में भी यह लोगों को आराम देता है. ये दाल आपके स्किन के लिए काफी अच्छा साबित होता है। और स्किन के ग्लो को भी बढ़ता है। मूंग दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है लेकिन शुगर की समस्या से परेशान लोगों इसका सेवन कम करना चाहिए ।

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FAQ :

Q : मूंग दाल को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?

Ans : मूंग की दाल को अंग्रेजी में Green Gram कहते हैं।

Q : काली दाल को क्या बोलते हैं?

Ans :उरद या उड़द एक दलहन होता है।

Q : दालों के नाम क्या क्या है?

Ans :दाल विभिन्न प्रकार की होती हैं , जिनमे से कुछ नाम हैं – अरहर , राजमा , उड़द , मसूर , मलका , मूंग , चना दाल , हरी मूंग , लोबिया आदि।

Q : गहत की दाल को हिंदी में क्या कहते हैं?

Ans :कुमाऊंनी में इसे गहत हिंदी मे कुल्थी वअंग्रेजी में हार्स ग्राम (Horse gram) नाम से जाना जाता है।

Q : सबसे ज्यादा प्रोटीन वाली दाल कौन सी है?

Ans :मूंग की दाल सबसे ज्यादा प्रोटीन वाली दाल है.

Q : दाल खाने से क्या लाभ होता है?

Ans : दाल आपके शरीर को ताकत देने का काम करती हैं। सभी पोषक तत्व मिलकर पोषण प्रदान करते हैं।आप पाचन संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं

Q : रोज दाल खाने से क्या होता है?

Ans : हर रोज़ दालों का सेवन करने से यह भी सुनिश्चित हो सकता है कि आपका हृदय स्वस्थ रहता है। इससे हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।

Q : पेट रोगों में कौन सी दाल को खा सकते हैं?

Ans :मसूर दाल का सेवन पेट और पाचन संबंधी सभी रोगों को दूर करने में मदद करता है।किन जब बात वजन घटाने की हो, तो पीली मूंग दाल सबसे अच्छा विकल्प है। क्योंकि इस दाल में कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है। हल्की होने के साथ यह आपके पेट के लिए पचने में आसान है ।

Q : दालें सेहत के लिए अच्छी क्यों होती हैं?

Ans : दालें प्रोटीन और फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनमें फोलेट, आयरन, पोटेशियम और जिंक सहित महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज भी होते हैं। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि हमारी दादी-नानी के समय के पहले से भी रोजाना दाल खाने के लिए जोर दिया जाता था इसीलिए आज भी दालें सेहत के लिए अच्छी होती हैं

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